ETV Bharat / state

दिल्ली के अस्पतालों में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए हाई कोर्ट सख्त, 7 सदस्यीय कमेटी गठित कर 4 हफ्ते में मांगी रिपोर्ट

author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 13, 2024, 7:19 PM IST

Delhi High Court : दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली के अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के मद्देनजर सात विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक कमेटी का गठन किया है. कोर्ट ने इस कमेटी से इसकी रिपोर्ट 4 हफ्ते के भीतर दाखिल करने का निर्देश दिया है .

हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के  लिए 7 सदस्यीय कमेटी गठित
हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 7 सदस्यीय कमेटी गठित

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली के अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी से जुड़े मामले को लेकर सात विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक कमेटी का गठन किया है. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया. हाईकोर्ट ने इस कमेटी को दिल्ली के अस्पतालों में इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थिति को बेहतर करने के उपायों पर सुझाव देने का निर्देश दिया है.

हाईकोर्ट ने इस कमेटी में जिन विशेषज्ञों को शामिल किया है उनमें डॉ. एसके सरीन, डॉ. दीपक, डॉ. एस रामजी, डॉ. उर्मिल झांब, डॉ. बीएस शेरवाल, डॉ. आरएस रौतेला और डॉ. विकास डोगिया शामिल हैं. कमेटी अस्पतालों में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों, बिना किसी रुकावट के अस्पतालों में दवाओं की आपूर्ति को सुनिश्चित करने, टेक्निकल, नॉन टेक्निकल डिपार्टमेंट में भर्ती के लिए सुझाव देगी. कमेटी बेड की उपलब्धता को लेकर रियल टाइम जानकारी प्रोवाइड करने समेत अन्य मुद्दों पर सुझाव देगी. हाईकोर्ट ने कमेटी को चार हफ्ते में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है.

बता दें कि पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने दिल्ली के नागरिकों के लिए दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों को मिलाकर केवल छह सीटी स्कैन मशीनों के उपलब्ध होने पर कड़ी आपत्ति जताई थी. हाईकोर्ट ने कहा था कि दिल्ली में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की जरुरत है और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सभी पदों पर नियुक्ति जरुरी है.

हाईकोर्ट ने 8 फरवरी को कहा था कि दिल्ली में लोगों की जान इसलिए जा रही है कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों को अटैंड करनेवाला कोई नहीं होता. ऐसा इसलिए है क्योंकि सुविधाएं और स्टाफ नहीं हैं. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज की ओर से दाखिल स्टेटस रिपोर्ट पर गौर करते हुए हाईकोर्ट ने था कहा कि दिल्ली में स्वास्थ्य क्षेत्र में काफी कमियां हैं. डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ और दवाईयों की कमी है.सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली के उप-राज्यपाल को 2 जनवरी को पत्र लिखकर डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती के लिए यूपीएससी को निर्देशित कर नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाने का अनुरोध किया था.

ये भी पढ़ें : दिल्ली हाई कोर्ट ने वन क्षेत्र के धार्मिक ढांचे को सुरक्षा देने से किया इनकार
दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील संतोष त्रिपाठी ने कहा कि दिल्ली के वर्तमान अस्पतालों में डॉक्टरों के स्वीकृत पदों में से करीब 33 फीसदी से ज्यादा पद खाली हैं. पैरामेडिकल के स्वीकृत पदों में से 20 फीसदी पद खाली है. इसकी वजह से इंफ्रास्ट्रक्चर का पूरा-पूरा इस्तेमाल नहीं हो पाता है. दरअसल 2017 में हाईकोर्ट ने दिल्ली के सरकारी के अस्पतालों में आईसीयू बेड की उपलब्धता और वेंटिलेटर की सुविधा पर स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई शुरु की थी.

ये भी पढ़ें : ट्रूकॉलर के खिलाफ निजता के उल्लंघन की शिकायत, दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.