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ट्रांसफर-पोस्टिंग स्कैंडल में भी घिर सकते हैं हेमंत सोरेन, विनोद सिंह ने चैटिंग के कबूलनामे पर किए दस्तखत

Hemant Soren ED case. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ट्रांसफर-पोस्टिंग स्कैंडल में भी घिर सकते हैं. उनके दोस्त विनोद सिंह ने चैटिंग के कबूलनामे पर दस्तखत कर दिया है.

Hemant Soren ED case
Vinod Singh WhatsApp chat
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 10, 2024, 3:40 PM IST

रांची: झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन जमीन घोटाले के बाद ट्रांसफर-पोस्टिंग स्कैंडल में भी घिर सकते हैं. ईडी उनके करीबी विनोद सिंह से इस संबंध में शनिवार को लगातार दूसरे दिन पूछताछ कर रही है. विनोद सिंह ने अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए हेमंत सोरेन को व्हाट्सएप पर कई मैसेज भेजे थे. उसने इसकी एवज में मोटी रकम के ऑफर भी दिए थे. ईडी की पूछताछ में उसने ये बातें कबूल कर ली हैं. उनसे चैट से जुड़े दस्तावेजों पर ईडी अफसरों के समक्ष हस्ताक्षर भी कर दिए हैं.

विनोद सिंह आर्किटेक्ट और रांची स्थित रोस्पा टावर में ग्रिड कंसल्टेंसी नामक फर्म चलाता है. हेमंत सोरेन से उसकी दोस्ती कॉलेज के वक्त से बताई जाती है. ईडी ने तीन जनवरी को विनोद के रांची में पिस्का मोड़ स्थित आवास और उसके दफ्तर में छापेमारी कर कई दस्तावेज और 25 लाख रुपए कैश बरामद किए थे. उसका मोबाइल भी जब्त किया गया था. ईडी ने मोबाइल डेटा से उसका व्हाटसएप चैट रिकवर किया तो इससे आईएएस-आईपीएस एवं अन्य अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए बड़े पैमाने पर उगाही के सबूत मिले. उसने हेमंत सोरेन से लगातार चैटिंग की थी. ईडी ने चैटिंग के ब्योरों का प्रिंटआउट 539 पन्नों में निकाला है.

एजेंसी ने इसके कुछ पन्ने हेमंत सोरेन की रिमांड अवधि बढ़ाने के आवेदन के साथ पीएमएलए कोर्ट में जमा कराए थे. ईडी ने अपनी रिमांड पिटीशन में कहा था कि जिस मोबाइल से विनोद सिंह और हेमंत के बीच चैटिंग हुई है, वह मोबाइल पेश करने के लिए कहा था, लेकिन पूर्व सीएम ने वह मोबाइल ईडी को नहीं दिया. अब जबकि विनोद सिंह ने हेमंत सोरेन से चैटिंग के ब्योरे पर हस्ताक्षर कर दिया है, तब ईडी इसके सत्यापन के लिए हेमंत सोरेन का मोबाइल जब्त करने की दरख्वास्त कोर्ट के समक्ष दे सकती है.

सूत्रों के अनुसार, ईडी ने विनोद सिंह से कई आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के साथ हुई बातचीत व ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए हुए लेन-देन से जुड़े सवाल किए हैं. उससे पूछ गया कि किन-किन आईएएस और आईपीएस अफसरों से ट्रांसफर के बदले कितने पैसे वसूले हैं और उन पैसों का इस्तेमाल कहां-कहां हुआ है. यह भी पूछा गया है कि हेमंत सोरेन के सीएम रहते कहां-कहां से पैसे की उगाही की है और उसका निवेश कहां हुआ है.

बताया जा रहा है कि विनोद कुमार सिंह के मोबाइल चैट से कई जगह प्रॉपर्टी खरीद की जानकारी मिली है. ईडी ने विनोद के बैंक ट्रांजैक्शन से जुड़े डिटेल भी तैयार की है.

इधर, हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्रित्व काल में उनके प्रेस सलाहकार रहे अभिषेक प्रसाद पिंटू को भी शुक्रवार को ईडी दफ्तर में तलब किया गया था. एजेंसी ने उनके मोबाइल डाटा की क्लोनिंग की है. संभावना जताई जा रही है कि अभिषेक के मोबाइल में भी अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग में बड़ी रकम की डील से जुड़े चैट हैं.

रांची: झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन जमीन घोटाले के बाद ट्रांसफर-पोस्टिंग स्कैंडल में भी घिर सकते हैं. ईडी उनके करीबी विनोद सिंह से इस संबंध में शनिवार को लगातार दूसरे दिन पूछताछ कर रही है. विनोद सिंह ने अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए हेमंत सोरेन को व्हाट्सएप पर कई मैसेज भेजे थे. उसने इसकी एवज में मोटी रकम के ऑफर भी दिए थे. ईडी की पूछताछ में उसने ये बातें कबूल कर ली हैं. उनसे चैट से जुड़े दस्तावेजों पर ईडी अफसरों के समक्ष हस्ताक्षर भी कर दिए हैं.

विनोद सिंह आर्किटेक्ट और रांची स्थित रोस्पा टावर में ग्रिड कंसल्टेंसी नामक फर्म चलाता है. हेमंत सोरेन से उसकी दोस्ती कॉलेज के वक्त से बताई जाती है. ईडी ने तीन जनवरी को विनोद के रांची में पिस्का मोड़ स्थित आवास और उसके दफ्तर में छापेमारी कर कई दस्तावेज और 25 लाख रुपए कैश बरामद किए थे. उसका मोबाइल भी जब्त किया गया था. ईडी ने मोबाइल डेटा से उसका व्हाटसएप चैट रिकवर किया तो इससे आईएएस-आईपीएस एवं अन्य अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए बड़े पैमाने पर उगाही के सबूत मिले. उसने हेमंत सोरेन से लगातार चैटिंग की थी. ईडी ने चैटिंग के ब्योरों का प्रिंटआउट 539 पन्नों में निकाला है.

एजेंसी ने इसके कुछ पन्ने हेमंत सोरेन की रिमांड अवधि बढ़ाने के आवेदन के साथ पीएमएलए कोर्ट में जमा कराए थे. ईडी ने अपनी रिमांड पिटीशन में कहा था कि जिस मोबाइल से विनोद सिंह और हेमंत के बीच चैटिंग हुई है, वह मोबाइल पेश करने के लिए कहा था, लेकिन पूर्व सीएम ने वह मोबाइल ईडी को नहीं दिया. अब जबकि विनोद सिंह ने हेमंत सोरेन से चैटिंग के ब्योरे पर हस्ताक्षर कर दिया है, तब ईडी इसके सत्यापन के लिए हेमंत सोरेन का मोबाइल जब्त करने की दरख्वास्त कोर्ट के समक्ष दे सकती है.

सूत्रों के अनुसार, ईडी ने विनोद सिंह से कई आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के साथ हुई बातचीत व ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए हुए लेन-देन से जुड़े सवाल किए हैं. उससे पूछ गया कि किन-किन आईएएस और आईपीएस अफसरों से ट्रांसफर के बदले कितने पैसे वसूले हैं और उन पैसों का इस्तेमाल कहां-कहां हुआ है. यह भी पूछा गया है कि हेमंत सोरेन के सीएम रहते कहां-कहां से पैसे की उगाही की है और उसका निवेश कहां हुआ है.

बताया जा रहा है कि विनोद कुमार सिंह के मोबाइल चैट से कई जगह प्रॉपर्टी खरीद की जानकारी मिली है. ईडी ने विनोद के बैंक ट्रांजैक्शन से जुड़े डिटेल भी तैयार की है.

इधर, हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्रित्व काल में उनके प्रेस सलाहकार रहे अभिषेक प्रसाद पिंटू को भी शुक्रवार को ईडी दफ्तर में तलब किया गया था. एजेंसी ने उनके मोबाइल डाटा की क्लोनिंग की है. संभावना जताई जा रही है कि अभिषेक के मोबाइल में भी अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग में बड़ी रकम की डील से जुड़े चैट हैं.

इनपुट- आईएएनएस

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