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Heatwave: इन 5 लक्ष्णों से पहचानें बच्चों में डिहाईड्रेशन, जानिए सुपरटिप्स जो बच्चों को हर वक्त रखेगी हाईड्रेट - Dehydration in Infants

Dehydration in Infants: दिल्ली-NCR में गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ गई है और गर्मी की छुट्टी पड़ने में भी अभी कई दिन हैं. ऐसे में बच्चों के लिए लू से लड़ना बड़ी चुनौती है. छोटे बच्चों में लू के लक्षण समझना भी आसान नहीं है, आइये जानते हैं डॉक्टर्स से कि इस तपिश में बच्चों को कैसे हाईड्रेट रखा जाये और लू के लक्षणों को कैसे पहचाना जाए.

बच्चों में कैसे पहचानें डिहाइड्रेशन
बच्चों में कैसे पहचानें डिहाइड्रेशन (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 16, 2024, 3:46 PM IST

डॉ, रूपाली सिन्हा (ETV BHARAT)

नई दिल्ली/नोएडा: दिल्ली एनसीआर में चिलचिलाती गर्मी और तपिश लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है. आसमान से बरसती आग से छोटे बच्चे और बुजुर्ग भी बेहद परेशान हैं. गर्मी और तपिश के इस मौसम में छोटे बच्चों का ज्यादा ख्याल रखना पड़ता है. बच्चे लू से बहुत जल्दी प्रभावित हो जाते हैं. लू लगने पर बच्चों के शरीर में पानी की कमी हो जाती है. छोटे बच्चे आसानी से बता नहीं पाते कि उन्हें क्या कुछ समस्या हो रही है. हालांकि, माता-पिता लक्षणों को पहचान कर अंदाजा लगा सकते हैं कि बच्चों को डिहाइड्रेशन या लूं तो नहीं लग गई है.

संयुक्त अस्पताल स्थित अर्ली इंटरवेंशन सेंटर में तैनात पीडियाट्रिशियन डॉ. रूपाली सिन्हा के मुताबिक, छोटे बच्चे अक्सर अपनी परेशानियों को बताने में असमर्थ होते हैं. जबकि बहुत छोटे बच्चे अपनी समस्या बता ही नहीं पाते हैं. हालांकि कई ऐसे लक्षण है जिन्हें देखकर मां-बाप पता लगा सकते हैं कि उनका बच्चा डिहाईड्रेशन से ग्रहित तो नहीं है.

बच्चों में डिहाइड्रेशन के लक्षण

  • पेशाब कम आना
  • एक्टिविटीज में कमी
  • आंखे धसने लगती है
  • पेशाब का रंग
  • तेज बुखार
1. बच्चा दिन में कितनी बार पेशाब कर रहा है इसका मां-बाप को ध्यान रखना चाहिए. सामान्य रूप से अगर बच्चा दिन में 4 से 5 बार पेशाब करता है. और अचानक से यह संख्या घटी है तो एक संकेत है कि बच्चा डिहाइड्रेशन से ग्रसित हो सकता है.
2. यदि आपका बच्चा बहुत छोटा है और दिन भर खेल खिलौने के साथ खेलता रहता है. अगर बच्चे की एक्टिविटीज में किसी तरह का परिवर्तन आ रहा है तो ये डिहाइड्रेशन का संकेत हो सकता है. यदि आपका बच्चा बड़ा है और आउटडोर एक्टिविटीज करता है लेकिन घर आने पर उसे चक्कर महसूस होते हैं. ये सब डिहाइड्रेशन के संकेत हैं.
3. छोटे बच्चों को जब भीषण डिहाइड्रेशन होता है तो उनकी आंखें धसने लगते हैं. बच्चों की त्वचा सूखी हुई दिखाई देगी. कई जगह त्वचा पर चटकने भी दिखाई देगी.
4. यदि बच्चा छोटा है और उसके पेशाब का रंग गहरा हो गया है तो यह सीधा संकेत है कि बच्चा डिहाइड्रेशन से जूझ रहा है. पेशाब का रंग सामान्य तौर पर हल्का पीला होना चाहिए.
5. यदि बच्चे को गर्मी के मौसम में अचानक से तेज बुखार आ रहा है तो हो सकता है कि बच्चा गंभीर डिहाइड्रेशन से ग्रसित हो.

हीटवेव में ऐसे रखें बच्चों का ख्याल

  1. बच्चों को समय-समय पर थोड़ा-थोड़ा पानी पिलाते रहे. भले ही बच्चे को प्यास ना लग रही हो लेकिन प्रयास करें कि बच्चे की बॉडी हाइड्रेट रहे.
  2. बच्चों को घर से बाहर भेजने से पहले उन्हें पानी की बोतल जरूर दें और थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीने को कहें. यदि बच्चा छोटा है उसे अपने साथ बाहर लेकर जा रहे हैं तो पानी की बोतल घर से साथ लेकर जाएं और थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पिलाते रहे.
  3. छोटे बच्चों को सुबह और शाम के समय घर से बाहर लेकर निकले. दोपहर के समय बाहर जाने से बचें. यदि बाहर जाना बेहद आवश्यक है तो बच्चे को ढक कर लेकर जाएं.

Disclaimer: खबर केवल आपको जागरूक करने के लिए है. ईटीवी भारत खबर में दी गई किसी भी प्रकार की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. खबर किसी भी प्रकार की चिकित्सा परामर्श का विकल्प नहीं हो सकती है. हर एक बच्चा अपने आप में अलग होता है. ऐसे में किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधित समस्या होने पर डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है.

ये भी पढ़ें- दिल्लीवाले गर्मी से बचके!, इस हफ्ते हीटवेव अलर्ट, अगले 5 दिन में तापमान भी तोड़ेगा रिकॉर्ड

डॉ, रूपाली सिन्हा (ETV BHARAT)

नई दिल्ली/नोएडा: दिल्ली एनसीआर में चिलचिलाती गर्मी और तपिश लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है. आसमान से बरसती आग से छोटे बच्चे और बुजुर्ग भी बेहद परेशान हैं. गर्मी और तपिश के इस मौसम में छोटे बच्चों का ज्यादा ख्याल रखना पड़ता है. बच्चे लू से बहुत जल्दी प्रभावित हो जाते हैं. लू लगने पर बच्चों के शरीर में पानी की कमी हो जाती है. छोटे बच्चे आसानी से बता नहीं पाते कि उन्हें क्या कुछ समस्या हो रही है. हालांकि, माता-पिता लक्षणों को पहचान कर अंदाजा लगा सकते हैं कि बच्चों को डिहाइड्रेशन या लूं तो नहीं लग गई है.

संयुक्त अस्पताल स्थित अर्ली इंटरवेंशन सेंटर में तैनात पीडियाट्रिशियन डॉ. रूपाली सिन्हा के मुताबिक, छोटे बच्चे अक्सर अपनी परेशानियों को बताने में असमर्थ होते हैं. जबकि बहुत छोटे बच्चे अपनी समस्या बता ही नहीं पाते हैं. हालांकि कई ऐसे लक्षण है जिन्हें देखकर मां-बाप पता लगा सकते हैं कि उनका बच्चा डिहाईड्रेशन से ग्रहित तो नहीं है.

बच्चों में डिहाइड्रेशन के लक्षण

  • पेशाब कम आना
  • एक्टिविटीज में कमी
  • आंखे धसने लगती है
  • पेशाब का रंग
  • तेज बुखार
1. बच्चा दिन में कितनी बार पेशाब कर रहा है इसका मां-बाप को ध्यान रखना चाहिए. सामान्य रूप से अगर बच्चा दिन में 4 से 5 बार पेशाब करता है. और अचानक से यह संख्या घटी है तो एक संकेत है कि बच्चा डिहाइड्रेशन से ग्रसित हो सकता है.
2. यदि आपका बच्चा बहुत छोटा है और दिन भर खेल खिलौने के साथ खेलता रहता है. अगर बच्चे की एक्टिविटीज में किसी तरह का परिवर्तन आ रहा है तो ये डिहाइड्रेशन का संकेत हो सकता है. यदि आपका बच्चा बड़ा है और आउटडोर एक्टिविटीज करता है लेकिन घर आने पर उसे चक्कर महसूस होते हैं. ये सब डिहाइड्रेशन के संकेत हैं.
3. छोटे बच्चों को जब भीषण डिहाइड्रेशन होता है तो उनकी आंखें धसने लगते हैं. बच्चों की त्वचा सूखी हुई दिखाई देगी. कई जगह त्वचा पर चटकने भी दिखाई देगी.
4. यदि बच्चा छोटा है और उसके पेशाब का रंग गहरा हो गया है तो यह सीधा संकेत है कि बच्चा डिहाइड्रेशन से जूझ रहा है. पेशाब का रंग सामान्य तौर पर हल्का पीला होना चाहिए.
5. यदि बच्चे को गर्मी के मौसम में अचानक से तेज बुखार आ रहा है तो हो सकता है कि बच्चा गंभीर डिहाइड्रेशन से ग्रसित हो.

हीटवेव में ऐसे रखें बच्चों का ख्याल

  1. बच्चों को समय-समय पर थोड़ा-थोड़ा पानी पिलाते रहे. भले ही बच्चे को प्यास ना लग रही हो लेकिन प्रयास करें कि बच्चे की बॉडी हाइड्रेट रहे.
  2. बच्चों को घर से बाहर भेजने से पहले उन्हें पानी की बोतल जरूर दें और थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीने को कहें. यदि बच्चा छोटा है उसे अपने साथ बाहर लेकर जा रहे हैं तो पानी की बोतल घर से साथ लेकर जाएं और थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पिलाते रहे.
  3. छोटे बच्चों को सुबह और शाम के समय घर से बाहर लेकर निकले. दोपहर के समय बाहर जाने से बचें. यदि बाहर जाना बेहद आवश्यक है तो बच्चे को ढक कर लेकर जाएं.

Disclaimer: खबर केवल आपको जागरूक करने के लिए है. ईटीवी भारत खबर में दी गई किसी भी प्रकार की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. खबर किसी भी प्रकार की चिकित्सा परामर्श का विकल्प नहीं हो सकती है. हर एक बच्चा अपने आप में अलग होता है. ऐसे में किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधित समस्या होने पर डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है.

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