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पहलवानों का यौन शोषण मामला: बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने पर सुनवाई पूरी

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 27, 2024, 7:37 PM IST

भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह
भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह

Wrestlers sexual abuse case: महिला पहलवानों के यौन शोषण मामले में आरोपी बनाए गए बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने पर राऊज एवेन्यू कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई पूरी हो गई.

नई दिल्ली: राऊज एवेन्यू कोर्ट में मंगलवार को महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों के मामले में भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने के मामले में दलीलें पूरी कर ली गईं. आज दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया कि अगर हम चाहते तो आरोपियों के खिलाफ छह अलग-अलग एफआईआर दर्ज कर सकते थे लेकिन इससे ट्रायल में देरी होती.

इसका विरोध करते हुए बृजभूषण भूषण शरण सिंह के वकील ने कहा कि अगर आरोपों में निरंतरता नहीं है तो अलग-अलग आरोपों में एक एफआईआर दर्ज नहीं हो सकती. एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत ने मामले की अगली सुनवाई 15 मार्च को करने का आदेश दिया.

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पहले की सुनवाई के दौरान बृजभूषण शरण सिंह की ओर से इस मामले में उन्हें आरोप मुक्त करने की मांग की गई थी. बृजभूषण की ओर से पेश वकील ने कोर्ट से कहा था कि अपराध की सूचना देने में काफी देरी की गई. उन्होंने कहा था कि शिकायतकर्ता के बयानों में काफी विरोधाभास है. बृजभूषण शरण सिंह की ओर से कहा गया कि विदेश में हुई घटना का क्षेत्राधिकार इस अदालत के पास नहीं है.

शिकायतकर्ता की ओर से टोक्यो, मंगोलिया, बुल्गारिया, जकार्ता, कजाकिस्तान, तुर्की आदि में हुई घटना का क्षेत्राधिकार इस अदालत के पास नहीं है. उन्होंने कहा था कि देश के बाहर हुए अपराध के ट्रायल का क्षेत्राधिकार इस अदालत के पास नहीं है क्योंकि अपराध देश और उसके बाहर भी हुआ है. ऐसे में मुकदमा चलाने के लिए संबंधित अथॉरिटी से इजाजत लेना होता है.

बता दें कि 23 जनवरी को महिला पहलवानों की ओर से ओवरसाइट कमेटी के गठन और उसकी जांच पर सवाल उठाए गए थे. महिला पहलावानों की ओर से वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन ने कहा था कि ओवरसाइट कमेटी का गठन प्रोटेक्शन ऑफ वुमन फ्राम सेक्सुअल हैरेसमेंट एक्ट(पॉश) के प्रावधानों के अनुरुप नहीं किया गया था. उन्होंने कहा था कि ओवरसाइट कमेटी आंतरिक शिकायत निवारण कमेटी नहीं है. ऐसे में ओवरसाइट कमेटी की रिपोर्ट पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का पर्याप्त आधार है.

बता दें कि 7 जुलाई 2023 को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. चार्जशीट में भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 354डी, 354ए और 506 (1) के तहत आरोप लगाए गए हैं. दिल्ली पुलिस ने राऊज एवेन्यू कोर्ट में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ छह बालिग महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के मामले में चार्जशीट दाखिल किया ‌‌‌‌है.

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