भरतपुर. जिले के बयाना में भारतीय डाक विभाग में फर्जी अंक तालिका के आधार पर ग्रामीण डाक सेवक के पद पर चयनित होने का सनसनी खुलासा हुआ है. ग्रामीण डाक सेवक के 36 पदों के लिए मांगे गए आवेदनों में 14 अभ्यर्थियों ने दसवीं की फर्जी अंक तालिका लगा दी. जब अभ्यर्थियों का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन किया गया तो फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया।.अब इस मामले में बयाना डाकघर के सहायक अधीक्षक मुकेश मीणा ने बयाना थाने में 14 अभ्यर्थियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. ताज्जुब की बात यह है कि फर्जी अंक तालिका माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और एनआईओएस दिल्ली की हैं.
सहायक अधीक्षक मुकेश मीणा ने बताया कि भारतीय डाक विभाग के राजस्थान परिमंडल में ग्रामीण डाक सेवक के पदों पर ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे. इसमें पूरे देशभर से अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे. अभ्यर्थियों को जॉइनिंग कराने से पहले विभाग की ओर से दस्तावेजों का संबंधित शिक्षा बोर्ड से सत्यापन कराया गया, तो मेरिट में आए 14 अभ्यर्थियों की दसवीं की अंक तालिका फर्जी पाई गई. मीणा ने बताया कि इस संबंध में उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया. उसके बाद बयाना थाने में 14 अभ्यर्थियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया है. इन 14 अभ्यर्थियों में 10 अभ्यर्थी धौलपुर जिले के दो, उत्तर प्रदेश के एक, जोधपुर का और एक सवाई माधोपुर का रहने वाला है. इनमें दो महिला अभ्यर्थी भी शामिल हैं.
बिना परीक्षा दिए बनवा ली अंक तालिका : सहायक अधीक्षक मुकेश मीणा ने बताया कि जब इन 14 अभ्यर्थियों की अंक तालिकाओं का उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और एनआईओएस दिल्ली में वेरिफिकेशन कराया गया, तो इन्हें फर्जी बताया गया. जांच में सामने आया था कि इन अभ्यर्थियों ने वहां पर कोई परीक्षा ही नहीं दी थी और ना ही इनका कोई एनरोलमेंट था. बयाना एसएचओ बाबूलाल गुर्जर ने बताया कि सहायक अधीक्षक की ओर से फर्जीवाडे का मामला दर्ज कराया गया है. मामले की जांच थाने के सब इंस्पेक्टर रमेश चंद्र को सौंपी गई है. जल्द ही जांच पूरी कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.