रायपुर: छत्तीसगढ़ में जो किसान अपना धान नहीं बेच पाए हैं उनके लिए ये फाइनल कॉल है. धान खरीदी केंद्रों पर 4 फरवरी तक ही धान की खरीदी हो सकेगी. किसानों के पास अब धान बेचने के लिए सिर्फ चंद घंटे बाकी हैं. साय सरकार ने पहले 31 जनवरी तक ही धान खरीदी की तारीख तय की थी. बड़ी संख्या में किसान अपना धान नहीं बेच पाए थे. किसानों की समस्या को ध्यान में रखते हुए सरकार ने धान बेचने वाले किसानों को राहत दी. सरकार ने किसानों को राहत देते हुए धान खरीदी की तारीख को बढ़ाकर 4 फरवरी कर दी थी.
धान बेचने के लिए बचा 24 घंटे का वक्त: 4 फरवरी को छुट्टी का दिन होने के बावजूद किसानों से धान खरीदी की जाएगी. आकड़ों के मुताबिक 29 जनवरी तक सरकार ने किसानों से करीब 133. 88 करोड़ टन धान की खरीदी कर ली थी. सरकार को अबतक 23 लाख 68 हजार 800 से ज्यादा किसान अपना धान बेच चुके हैं. सरकार ने धान बेचने वाले किसानों को 29 जनवरी तक 28 हजार 401 करोड़ का भुगतान भी कर दिया है.
मोदी की गारंटी पूरी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान किसानों को गारंटी दी थी. मोदी ने कहा था कि किसानों का पूरा धान सरकार तय नियमों के मुताबिक खरीदेगी. सरकार बनने के बाद साय सरकार ने अपना वादा पूरा किया. सरकार ने किसानों से मोदी की गारंटी के तहत प्रति एकड़ 21 क्विंटल की दर से किसानों से धान खरीदी की. करीब 26 लाख से ज्यादा किसानों ने इस बार धान बेचने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराया था. आकड़ों के मुताबिक हर दिन तीन लाख टन से ज्यादा की धान खरीदी सरकार कर रही है.