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उत्तराखंड में ऐसे हुआ लोकसभा कैंडिडेट्स का सिलेक्शन, बीजेपी ने फॉलो किया ये फॉर्मूला, एक तीर से साधे कई निशाने

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 6, 2024, 4:14 PM IST

Updated : Mar 7, 2024, 11:37 AM IST

BJP Lok Sabha Candidates Formula, Uttarakhand Lok Sabha 2024 उत्तराखंड की तीन लोकसभा सीटों पर बीजेपी ने कैंडिडेट्स घोषित कर दिए हैं. तीनों लोकसभा कैंडिडेट्स को चुनावी मैदान में उतारने से पहले बीजेपी ने किन मानकों को फॉलो किया? किस कारण तीनों पर दांव खेला ? लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड में हैट्रिक लगाने का क्या फार्मूला है? आइये आपको बताते हैं.

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उत्तराखंड में ऐसे हुआ लोकसभा कैंडिडे्टस का सिलेक्शन

देहरादून: लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी एक्शन में हैं. बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कैंडिडेट्स की पहली लिस्ट जारी कर दी है. बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2024 के कैंडिडेट्स की लिस्ट तैयार करने के लिए खासी मशक्कत की है. इसमें तमाम सर्वे को शामिल किया गया है. इसके साथ ही कैंडिडेट्स की परफॉर्मेंस के साथ ही एंटी इनकंबेंसी को भी ध्यान में रखा गया है. तमाम गुणा भाग के बाद बीजेपी ने लोकसभा कैंडिडेट्स की पहली लिस्ट जारी की. बात अगर उत्तराखंड की करें तो यहां की तीन लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की गई है.

बीजेपी हाईकमान ने पहली लिस्ट में अल्मोड़ा-पिथौरागढ़, नैनीताल-उधमसिंह नगर और टिहरी लोकसभा सीट पर चेहरों को फाइनल किया है. इन तीनों सीटों पर ही बीजेपी ने पुराने चेहरों पर ही भरोसा जताया है. अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ सीट से अजय टम्टा, नैनीताल-उधमसिंह नगर सीट से अजट भट्ट और टिहरी लोकसभा सीट से माला राज्यलक्ष्मी शाह को बीजेपी ने चुनावी मैदान में उतारा है. तीनों ही कैंडिडेट्स को चुनावी मैदान में उतारने से पहले बीजेपी ने किन मानकों को फॉलो किया? किस कारण तीनों पर दांव खेला? लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड में हैट्रिक लगाने का क्या फार्मूला है?

BJP Lok Sabha Candidates Formula
उत्तराखंड की लोकसभा सीटें

पीएम मोदी जानते हैं उत्तराखंड की नब्ज: 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड में बीजेपी ने पांचों लोकसभा सीटों पर भारी मतों से जीत हासिल की थी. देश में बनी एनडीए की सरकार में उत्तराखंड की इन पांच लोकसभा सीट का भी बड़ा महत्वपूर्ण योगदान रहा. उत्तराखंड की नैनीताल उधमसिंह नगर सीट से सांसद अजट भट्ट को मोदी सरकार ने अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया. पीएम मोदी उत्तराखंड की नब्ज को समझते हैं. वे जानते हैं उत्तराखंडवासियों का सेना से लगाव है. देवभूमि के साथ ही उत्तराखंड सैन्यभूमि भी है. जिसके कारण पीएम मोदी ने अजय भट्ट को केद्रीय रक्षा राज्यमंत्री बनाया. इतना ही नहीं लोकसभा चुनाव के बाद पीएम मोदी खुद कई बार उत्तराखंड दौरे पर आये. उन्होंने हर बात उत्तराखंड के गाड़ गदेरों की बात की. पहाड़ का पानी, पहाड़ की जवानी को लेकर भी पीएम मोदी चिंतित दिखाई देते हैं.

पीएम मोदी जानते हैं देशभर की तरह ही उत्तराखंड में भी युवा वोटर की अच्छी खासी संख्या है. यह संख्या किसी भी लोकसभा सीट पर प्रत्याशी को जीत की दहलीज तक पहुंचा सकती है. इतनी ही नहीं पीएम मोदी, सीएम धामी से लगातार उत्तराखंड में चल रही योजनाओं की प्रगति के बारे में समय समय पर जानकारी लेते रहते हैं.

पीएम मोदी के उत्तराखंड से लगाव की बात को केंद्र में अधिकारियों की तैनाती से भी समझा जा सकता है. आज केंद्र में तमाम बड़े पदों पर उत्तराखंड के अधिकारी तैनात हैं. बात चाहे सेना की हो या फिर खुफिया विभाग, बीजेपी में मीडिया सेल की बात हो या केंद्र में रक्षा मंत्रालय जैसे बड़े पद की, पीएम मोदी का विश्वास उत्तराखंड के लोगों पर साफ तौर से दिखता है.

बीजेपी में लोकसभा चुनाव कैंडिडेट्स के चुनाव की क्या प्रक्रिया होती है, इसके लिए ईटीवी भारत ने बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान से बातचीत की. मनवीर चौहान ने बताया कि बीजेपी देश की बड़ी पार्टी है. यहां पर हर छोटा बड़ा फैसला बड़ी सोच विचार के साथ लिया जाता है. उन्होंने कहा बीजेपी में कोई भी फैसला किसी पर थोपा नहीं जाता. उन्होंने बताया सबसे पहले हमारे यहां प्रदेश चुनाव समिति का गठन होता है. इसमें प्रदेश अध्यक्ष के साथ-साथ कुछ बड़े नेता शामिल होते हैं. फिर प्रदेश अध्यक्ष अपनी टीम को अलग-अलग लोकसभा क्षेत्रों में भेजते हैं. ये टीमें ग्राउंड पर उतरकर सर्वे तैयार करती हैं. लोगों से फीडबैक लेती हैं. जिसके बाद कैंडिडेट्स की लिस्ट तैयार होती है. इस लिस्ट पर प्रदेश चुनाव समिति चर्चा करती है. उसके बाद जनता के बीच में जाकर प्रदेश चुनाव समिति कैंडिडेट्स की छवि, परफॉर्मेंस और दूसरी चीजों का अध्ययन करती है. जिसके बाद कुछ नाम फाइनल होते हैं. मनवीर सिंह चौहान ने कहा ये प्रक्रिया केवल लोकसभा कैंडिडेटस ही नहीं, बल्कि किसी भी पद के चयन के लिए अपनाई जाती है.

सर्वेक्षण करने वाली एजेंसियों की मदद: मनवीर ने बताया नमो एप पर जनता का फीडबैक भी कैंडिडेट्स के सिलेक्शन का आधार बनता है. इसके साथ ही भाजपा के अलग-अलग संगठन से भी उस नेता और क्षेत्र के समीकरण के बारे में जानकारी ली जाती है. सर्वेक्षण करने वाली एजेंसियों की मदद भी ली जाती है. तब जाकर कुछ नेताओं के नाम केंद्रीय चुनाव समिति को भेजे जाते हैं. मनवीर चौहान ने बताया बीजेपी आपराधिक छवि वाले कैंडिडे्टस से दूरी बनाकर चलती है. इसलिए सर्वे या नाम फाइनल करते समय इस बात का खास ध्यान दिया जाता है.

तीन लोकसभा सीटों पर कैंडिडेट फाइनल, क्या बोले जानकार: बीजेपी ने उत्तराखंड की तीन लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. पहली लिस्ट में अल्मोड़ा-पिथौरागढ़, नैनीताल-उधमसिंहनगर और टिहरी लोकसभा सीट पर चेहरों को फाइनल किया है. इन तीनों सीटों पर बीजेपी ने पुराने चेहरों पर ही भरोसा जताया है. इस पर राजनीति को बारीकी से समझने वाले राजीव नयन बहुगुणा ने कहा बीजेपी ने जिन तीन नेताओं के नाम तय किए हैं, उसमें पार्टी को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी. उन्होंने कहा बीजेपी हो या कांग्रेस दोनों ही दल कैंडिडेट्स चयन को लेकर बड़े बड़े सर्वे और दूसरी बातें करते हैं, मगर आखिर में सहूलियत के हिसाब से टिकट दे दिया जाते हैं.

टिहरी सीट पर रानी का विरोध नहीं, ये भी है प्लस प्वाइंट: बात अगर टिहरी लोकसभा सीट की करें तो यहां बीजेपी में माला राज्यलक्ष्मी शाह के कद का कोई बड़ा नेता नहीं दिखाई नहीं देता. इसके साथ ही माला राज्य लक्ष्मी के लिए संगठन और स्थानीय कार्यकर्ताओं के मन में किसी का भला नहीं तो बुरा भी नहीं होगा की बात है. इसके साथ ही उनकी साफ छवि भी उनकी दावेदारी की मुख्य वजह है. माला राज्यलक्ष्मी शाह मीडिया से दूरी बनाकर रखती हैं. वे बयानबाजी से दूर रहती हैं. गुटबाजी में भी उनका नाम दूर दूर तक नहीं सुनाई देता है. उनका परिवार ही राजनीतिक करियर की पृष्ठभूमि है. बात अगर जनता की करें तो अधिकतर वोटर ग्रामीण परिवेश के हैं. ऐसे में उत्तराखंड के लोगों को अपने स्थानीय लोगों पर अधिक विश्वास होता है.

BJP Lok Sabha Candidates Formula
बीजेपी ने फॉलो किया ये फॉर्मूला

नैनीताल और अल्मोड़ा में भी बीजेपी ने खेला सेफ गेम: राजनीति के जानकार राजीव नयन बहुगुणा कहते हैं नैनीताल-उधमसिंह नगर लोकसभा सीट हो या फिर अल्मोड़ा दोनों लोकसभा सीट पर भी ये ही बात लागू होती है. उन्होंने बताया अल्मोड़ा से रेखा आर्य को टिकट दिया जा सकता था. अगर ऐसा होता तो रानी का टिकट बीजेपी को काटना पड़ता. इसके अलावा अगर रेखा आर्य को लोकसभा चुनाव लड़वाया जाता तो विधानसभा सीट पर उपचुनाव करवाना पड़ता. जिसमें अतिरक्त मेहनत करनी पड़ती. जिसके कारण अल्मोड़ा से एक बार फिर अजय टम्टा को बीजेपी ने चुनावी मैदान में उतारा.

BJP Lok Sabha Candidates Formula
बीजेपी ने फॉलो किया ये फॉर्मूला

ठीक ऐसा ही हाल अजय भट्ट का भी है. अजय भट्ट नैनीताल लोकसभा सीट पर सबसे बेहतर प्रत्याशी हैं. बीजेपी यह बात जानती है कि उनका अपने क्षेत्र में कोई विरोध नहीं है. केंद्र में उन्हें अच्छा पद मिला है. दिल्ली में रहने के साथ ही वह उत्तराखंड के अपने क्षेत्र में भी सक्रिय रहते हैं. बात फिर वहीं पर आ जाती है कि इस सीट पर भी बीजेपी के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं है. बहुगुणा कहते हैं इसमें भी कोई दो राय नहीं है कि जिस तरह के हालात देश में हैं, अगर भाजपा किसी कार्यकर्ता को टिकट देगी तो उसकी जीत की संभावनाएं बहुत हद तक बढ़ जाएंगी, लेकिन फिलहाल बीजेपी किसी तरह का रिस्क नहीं लेना नहीं चाहती.

BJP Lok Sabha Candidates Formula
बीजेपी ने फॉलो किया ये फॉर्मूला,

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Last Updated : Mar 7, 2024, 11:37 AM IST
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