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'चापलूसों और बाप-बेटों की पार्टी,' बिहार कांग्रेस के टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी के अंदर मचा घमासान - Lok Sabha Election 2024

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 23, 2024, 9:02 PM IST

'चापलूसों और बाप-बेटों की पार्टी,' बिहार कांग्रेस के टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी के अंदर मचा घमासान
'चापलूसों और बाप-बेटों की पार्टी,' बिहार कांग्रेस के टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी के अंदर मचा घमासान

Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस के टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी के अंदर ही रोष देखने को मिल रहा है. अखिलेश सिंह, महेश्वर हजारी और मीरा कुमार के बेटों को टिकट देने पर कांग्रेस नेता ने नाराजगी जाहिर की है. दिलीप कुमार ने सोशल मीडिया फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि कांग्रेस अब किसी पार्टी और आंदोलन का नाम नहीं रह गई है. कांग्रेस अब सिर्फ और सिर्फ कुछ गिने चुने चापलूसों और बाप बेटों की पार्टी बनकर रह गई है.

नालंदा: लोकतंत्र के महापर्व लोकसभा चुनाव 2024 का आगाज हो चुका है. यहां कुल 7 चरणों में चुनाव होना है जबकि पहले चरण में 102 सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान हो चुका है. इस बीच नालंदा लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस में दो फाड़ देखने को मिल रहा है. कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष ने पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

कांग्रेस के अंदर घमासान: बिहार के नालंदा लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष सह अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के सदस्य दिलीप कुमार ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से फेसबुक के जरिए अपनी ही पार्टी पर गंभीर आरोप लगाये हैं. उन्होंने लिखा है कि कांग्रेस अब किसी पार्टी या आंदोलन का नाम नहीं बल्कि सिर्फ गिने चुने चापलूसों और बाप बेटों की पार्टी बनकर रह गई है.

"हमने आहत होकर पोस्ट किया है. हमे लगा कि जो स्थिति बन रही है, उसमें कांग्रेस को फायदा होता. लेकिन पार्टी ने ठीक से सीटों को बंटवारा नहीं किया. कल जो लिस्ट आयी है उसमें अखिलेश सिंह के बेटे, महेश्वर हजारी के बेटे लड़ रहे हैं. कार्यकर्ताओं को दरकिनार किया गया. उनके साथ अन्याय किया गया है."- दिलीप कुमार, कांग्रेस कमिटी सदस्य सह पूर्व जिलाध्यक्ष, नालंदा

टिकट बंटवारे पर सवाल: इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कैमरे पर भी खुलकर अपनी बात को रखा. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता पार्टी का 5 साल तक झंडा ढोता है, लेकिन चुनाव आता है तो बाहरी व्यक्ति को उम्मीदवार बना कर भेज देते हैं. यही कारण है कार्यकर्ता का मनोबल टूट जाता है. उन्होंने नालंदा लोकसभा से सीपीआई माले के उमीदवार को बाहर से लाने पर भी सवाल खड़ा किया है.

'चापलूसों और बाप-बेटों की पार्टी': आगे उन्होंने कहा कि हमें नालंदा के लोगों के बीच रहना है. यही कारण है कि माले उम्मीदवार के किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने कई सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों पर सवाल खड़ा किया है. उन्हें पार्टी के शीर्ष नेताओं से कोई नाराजगी की बात से इंकार किया है. बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश सिंह के बेटे और महेश्वर हजारी के बेटे को टिकट दिए जाने पर नाराजगी जतायी है. पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं की जो पूछ इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के समय होती थी वैसी पूछ अब नहीं रही है. वहीं, नालंदा लोकसभा से इंडिया गठबंधन की ओर से सीपीआईएमल के संदीप सौरभ को उतारा गया है.

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