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गायनोकप से महिलाओं को सैनेटरी पैड के झंझट से मिलेगी निजात, जानिए क्या है खास बात - Use of gynocup during menstruation

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 25, 2024, 10:45 PM IST

आईआईटी कानपुर की इंक्यूबेटेड कंपनी माइल्ड केयर ने महिलाओं के लिए सैनेटरी के विकल्प के रूप में खास मेंस्ट्रूअल कप (Gynocup) ईजाद किया है. गायनोकप का उपयोग पांच साल तक किया जा सकेगा.

माहवारी के लिए अब गायनोकप.
माहवारी के लिए अब गायनोकप. (Photo Credit-Etv Bharat)

मेरठ में महिलाओं को गायनोकप की जानकारी देतीं माइल्ड केयर टीम की सदस्य. (Video Credit-Etv Bharat)


कानपुर: माहवारी के दौरान महिलाओं को कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है. सैनेटरी पैड के महंगे खर्च से बचने के लिए अक्सर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं कई पारंपरिक तरीके अपनाती हैं. इससे कैंसर जैसी भयावह बीमारियां की गिरफ्त में आ जाती हैं. ऐसी स्थिति से निपटने के लिए आईआईटी कानपुर की इंक्यूबेटेड कंपनी माइल्ड केयर ने गायनोकप नाम से मेंस्ट्रूअल कप तैयार किया है. कंपनी का दावा है कि इसका उपयोग पांच साल तक किया जा सकता है. मेंस्ट्रूअल कप को नेशनल हेल्थ मिशन की ओर से स्वीकृति मिल गई है.

जानिए गाइनोकप की खासियत.
जानिए गाइनोकप की खासियत. (Photo Credit-Etv Bharat)


मेरठ के गांव में 700 महिलाओं ने बनाई पैड्स से दूरी: माइल्ड केयर के फाउंडर संदीप व्यास ने बताया कि पिछले साल कंपनी ने मेरठ के अमीनाबाद में बड़ा गांव पहुंचकर महिलाओं से संवाद किया था. उन्हें गायनोकॉप की जानकारी देने के साथ ही उसके लाभ बताए गए. जब महिलाओं ने गायनोकॉप का उपयोग शुरू किया तो उन्हें सफल व सार्थक परिणाम मिले. गायनोकॉप की लागत महज 300 रुपये है. इसे पांच साल तक बदलना नहीं होता. केवल 12 घंटे तक ऊपयोग के बाद धोकर फिर से यूज कर सकते हैं. कंपनी का आंकलन था कि एक महिला को पैड्स के लिए पूरे साल भर में औसतन 15 हजार रुपये खर्च करने होते हैं.


10 हजार गांवों तक पहुंचना लक्ष्य : संदीप व्यास के अनुसार कंपनी का अगले पांच साल में 10 हजार गांवों तक पहुंचने का लक्ष्य है. ऐसे में चार जून के बाद ही कंपनी का नेशनल हेल्थ मिशन संग करार भी हो जाएगा. संदीप ने कहा कि सरकार के जिम्मेदारों ने भी उत्पाद को सराहा है. उत्पाद को बेहतर व गुणवत्तापरक बनाने के लिए हम लगातार कवायद कर रहे हैं.

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