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सरकार की सख्ती पर कर्मचारी नाराज, कहा इतिहास दोहराने को मजबूर न करे सरकार 

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 4, 2024, 2:15 PM IST

Updated : Mar 5, 2024, 11:25 AM IST

अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत ने राज्य सरकार की ओर से कर्मचारियों के लिए आदेशों पर नाराजगी जताते हुए विरोध जताया है. महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि सरकार की ओर से कार्यालय के औचक निरीक्षण के नाम पर अनुपस्थित अधिकारियों कर्मचारियों को बिना उचित कारण जाने निलंबित कर कर्मचारी जगत अविश्वास प्रकट किया है, जिसे कर्मचारी संघ बर्दाश्त नहीं करेगा.

Employees angry over government
Employees angry over government

गजेंद्र सिंह राठौड़ ने क्या कहा, सुनिए...

जयपुर. भजनलाल सरकार ने कर्मचारियों के समय पर दफ्तर आने को लेकर औचक निरीक्षण अभियान चला रखा है. मुख्य सचिव से लेकर विभाग के अधिकारी हर दिन कर्मचारियों की उपस्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. सरकार की ओर से बरती जा रही इस सख्ती पर अब कर्मचारी संगठनों ने एतराज जताना शुरू कर दिया है. अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत ने कर्मचारियों पर नित नई पाबंदियां, वेतन विसंगतियों सहित अन्य व्यावहारिक समस्याओं को नाराजगी जताते हुए सरकार से कर्मचारियों की मानसिकता में समय रहते सकारात्मक सोच लाने का की मांग की है. साथ ही इस प्रकार के तानाशाहीपूर्ण आदेशों की एकजुटता के साथ खिलाफत की चेतावनी दी.

इतिहास दोहराने को मजबूर न करे : महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि सरकार की ओर से कार्यालय के औचक निरीक्षण के नाम पर अनुपस्थित अधिकारियों कर्मचारियों को बिना उचित कारण जाने निलंबित कर कर्मचारी जगत में एक आतंक काम किया है. बिना किसी सुनवाई और तथ्यों की जांच किए बिना किए गए ऐसे निलंबन में से अनेक को वापस बहाल भी करना पड़ा है. प्रशासनिक मुखिया की ओर से इस स्तर पर निरीक्षण करना गरिमा के अनुकूल नहीं है. साथ ही प्रशासनिक सुधार विभाग एवं विभागाध्यक्षों तथा कार्यालयाध्यक्षों पर भी अविश्वास प्रकट करता है. वास्तविकता तो यह है कि कर्मचारी सदैव कार्य पर आते हैं, लेकिन अनेक परिस्थितियों में कुछ लोग कभी-कभी विलंबित भी हो जाते हैं.

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गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि जयपुर सहित समस्त शहरों में यातायात व्यवस्था इतनी चरमरा जाती है कि 10 किलोमीटर की दूरी करने के लिए भी 1 घंटे का समय लग जाता है. सरकार को चाहिए कि वह कार्यालय समय में भारी वाहनों का मुख्य मार्गों पर आना-जाना बंद करें और ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू बनाए रखें. राठौड़ ने कहा कि सरकार की ओर से कर्मचारी की उपस्थिति के लिए एसएसओ आईडी मोबाइल ऐप के माध्यम से करने में आने और जाने का समय ऑनलाइन डालने का प्रावधान किया जा रहा है. यह एक प्रकार से तानाशाही पूर्ण प्रयास है और अव्यवहारिक भी है, क्योंकि प्रत्येक कर्मचारी के पास एंड्रॉइड मोबाइल होना आवश्यक नहीं है. मोबाइल में नेट की समस्या आए दिन होती रहती है. सहायक कर्मचारी सहित अनेक ऐसे अधिकारी कर्मचारी आज भी है जिन्हें एंड्रॉयड फोन ठीक से चलाना नहीं आता. हकीकत यह है कि अधिकतर बड़े अधिकारियों भी अपनी आईडी पासवर्ड अपने अधीनस्थ विभाग को देकर अपना काम करवाते रहते हैं और वह ऑनलाइन खुद का काम भी नहीं करते.

गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि ई फाइलिंग में भी अधिकांश शीर्ष स्तर के अधिकारी अधीनस्थों से ही काम करवा रहे हैं. जब यह वास्तविकता है तो फिर कर्मचारियों पर ही इस तरह से दबाव और तनाव क्यों डाला जा रहा है. इससे कर्मचारियों का मानसिक तनाव और अधिक बढ़ेगा तथा और अधिक दुर्घटना होगी. राठौड़ ने सरकार पर आरोप लगाते हुए यह भी बताया कि सरकार ने आने के चार माह के पश्चात भी कर्मचारियों की विभिन्न वेतन विसंगतियों और सेवा नियमों को सुधारने का कोई संकेत नहीं दिया है, वर्तमान में लागू पुरानी पेंशन प्रणाली के पक्ष में भी स्पष्ट नहीं कर रही है. सरकार को कर्मचारियों इतना दमन नहीं करना चाहिए कि उन्हें एक जुट होकर इतिहास दोहराना पड़े.

Last Updated : Mar 5, 2024, 11:25 AM IST
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