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डॉ. सतेंद्र सिंह बोले- सशक्त भारत के लिए हर एक वोट जरूरी, दिव्यांग सबसे आगे तो सामान्य भी नहीं रहें पीछे

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 25, 2024, 1:34 PM IST

Updated : Jan 27, 2024, 4:08 PM IST

Election Commission icon of delhi
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Election Commission icon of Delhi: भारत में चुनाव केवल प्रतिनिधि चुनने का अवसर मात्र नहीं होता, बल्कि यह लोकतंत्र के त्योहार के रूप में मनाया जाता है. राष्ट्रीय मतदाता दिवस के मौके पर ईटीवी भारत ने इलेक्शन कमीशन कि ओर से दिल्ली के इलेक्शन आइकन नियुक्त किए गए डॉ. सतेंद्र सिंह से खास बातचीत की. आइए जानते हैं उन्होंने चुनावों में दिव्यांगजनों की भागीदारी को लेकर क्या कहा..

डॉ. सतेंद्र सिंह से खास बातचीत

नई दिल्ली: भारत में हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है. इसे लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है, ताकि वे अपने बहुमूल्य वोट की महत्वता को समझ सकें और लोकतंत्र में बढ़-चढ़कर अपना योगदान दें. वैसे तो देशभर में इसके लिए इलेक्शन कमीशन द्वारा लागातार काम किया जा रहा है, लेकिन दिल्ली के जीटीबी अस्पताल के डायरेक्टर, डॉ. सतेंद्र सिंह ने दिव्यांग से लेकर सामान्य मतदाताओं को जागरूक करने के लिए बहुत काम किया है.

खुद दिव्यांग होते हुए भी आज न सिर्फ वे दिल्ली में इलेक्शन कमीशन की ओर से बनाई गई स्टेट शेयरिंग कमेटी एक्सेसिबल इलेक्शन में सदस्य हैं, बल्कि सेंट्रल दिल्ली और साउथ दिल्ली के साथ गाजियाबाद जिले में सुगम इलेक्शन के लिए जिले के इलेक्शन आइकन भी हैं. वे दिल्ली में दिव्यांगों की मदद से पूरा संभालकर मिसाल कायम कर चुके हैं. इसके लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है.

सवाल: आपको किस तरह इलेक्शन आइकन नियुक्त किया गया?

उत्तर: चुनाव लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व होता है. जनता सरकार के कार्यों को लेकर अक्सर शिकायत करती है, लेकिन जब लोगों के पास सरकार चुनने की नैतिक जिम्मेदारी होती है, तो वे उसे छुट्टी का दिन समझ मतदान में भाग ही नहीं लेते. वहीं कई दिव्यांग अपनी शारीरिक अक्षमताओं के चलते वोट नहीं कर पाते. इसे देखते हुए इलेक्शन कमिशन ऑफ इंडिया में एक्सेसिबिलिटी डिवीजन की शुरुआत की गई है. इसका काम यह है कि पूरी चुनाव प्रणाली को सुगम बनाया जाए, जिसे दिव्यांग लोग भी अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकें. इसके लिए इलेक्शन कमिशन ऑफ इंडिया की ओर से नेशनल लेवल पर एक कमेटी बनाई गई है. साथ ही स्टेट लेवल पर हर राज्य की एक स्टेट शेयरिंग कमेटी एक्सेसिबल इलेक्शन की बनाई गई है. इसमें मुझे दिल्ली स्टेट शेयरिंग एक्सेसिबल इलेक्शन का सदस्य बनाया गया है. इसके अलावा डिस्ट्रिक्ट लेवल पर भी मॉनिटरिंग कमेटी, हर जिले के लिए इलेक्शन आइकन भी चुनती है. इसी के तहत मुझे इलेक्शन आइकन चुना गया.

सवाल: पहले के मुकाबले मतदान केंद्रों पर दिव्यांग मतदाताओं के लिए क्या सुविधाएं बढ़ी हैं?

उत्तर: वर्तमान में हर पोलिंग बूथ पर दिव्यांगों के लिए सुविधाओं का ध्यान रखते हुए कई तरह की व्यवस्थाएं की जा रही हैं. अब हर पोलिंग बूथ पर व्हीलचेयर उपलब्ध रहती है. अगर आपको सुनने में दिक्कत है तो वहां साइन लैंग्वेज रिप्रेंजेनटेटिव भी मौजूद रहता है. वहीं दृष्टिहीन लोगों के साथ एक व्यक्ति अंदर जा सकता है. और तो और छोटे कद वाले लोगों के लिए सुविधाएं उपलब्ध होती हैं. इतना ही नहीं, पिछले इलेक्शन में निर्वाचन आयोग ने कई राज्यों में पिक एंड ड्रॉप सुविधा भी शुरू की थी. इसके लिए निर्वाचन आयोग द्वारा एक ऐप बनाया गया है, जिसमें आप अपनी डिसेबिलिटी के बारे में मेंशन कर सकते हैं और आपको क्या सुविधा चाहिए. इसके आधार पर आपको वह सुविधा दी जाएगी.

सवाल: इन सुविधाओं और जागरूकता के कारण क्या दिव्यांगजनों के वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी हुई है?

उत्तर: निर्वाचन आयोग ने ज्यादातर पोलिंग बूथ स्कूलों में बनाए हैं. स्कूलों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वहां रैंप व व्हीलचेयर फैसिलिटी भी होनी चाहिए. हम लोग उन्हीं स्कूलों को पोलिंग बूथ के रूप में चुनते हैं जहां कोई बाधा न हो और दिव्यांग लोग इसे आसानी से पार कर सकें. इन सुविधाओं के चलते मतदाताओं की संख्या में वृद्धि हुई है, जिसमें और सुधार होने की उम्मीद है.

सवाल: अपने मतदाताओं को जागरूक करने के लिए अभी तक क्या-क्या कार्यक्रम किया गया है?

उत्तर: जीटीबी मेडिकल ऐसा अस्पताल है, जहां एलेक्टोरल लिटरेसी क्लब है. निर्वाचन आयोग ने स्कूल और कॉलेज में एलेक्टोरल लिटरेसी क्लब बनाने की प्रथा शुरू की है. जो युवाओं को मतदान के लिए जागरूक करता है. जा हम लोग जगह-जगह कैंप लगाकर ईवीएम मशीन को भी दिखाने के साथ वीवी पैट के बारे में भी बताते हैं कि ईवीएम मशीन में बटन कस प्रकार दबाया जाता है. अगर कोई दृष्टिबाधित मतदाता है तो ब्रेल लिपि के जरिए बताया जाता है. वहीं समय समय पर इलेक्शन कमीशन की ओर से जागरूकता कार्यक्रम कराए जाते हैं.

सवाल: आपको राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है. इसके बारे में बताएं?

उत्तर: वर्ष 2018 में मैंने सुगमता से इलेक्शन कराया था. इसके लिए मुझे दिल्ली के चीफ एलेक्टोरल ऑफिसर से सम्मानित किया गया था. इसके बाद मैं राष्ट्रीय स्तर पर मतदान पर काम किया. इसके लिए मुझे राष्ट्रपति से 11वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया था. अभी इलेक्शन कमिशन की ओर से कुछ नए सुझाव आए हैं, जिनपर हम लोग काम कर रहे हैं. जो बुजुर्ग हैं या किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं, तो वह घर बैठे पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान कर सकते हैं. पहले यह सुविधा सिर्फ डिफेंस के लिए थी. इससे मतदान का प्रतिशत अवश्य बढ़ेगा. पोस्टल बैलेट से मतदान के लिए बीएलओ से पहले संपर्क करना हता है.

सवाल: मतदाता दिवस पर देश के मतदाताओं को क्या संदेश देना चाहेंगे?

उत्तर: मेरी सभी मतदाताओं से अपील है कि वह लोकतंत्र के इस पर्व में जरूर शामिल हों और मतदान करें. लोकतंत्र को एक-एक वोट से मजबूती मिलती है. पहले इलेक्शन कमिशन ऑफ इंडिया का एक निर्देश था कि यदि आपको किसी प्रकार की डिसेबिलिटी है तो इलेक्शन में आपकी ड्यूटी नहीं लगेगी, लेकिन इसे हमने तोड़ा है. पिछले लोकसभा इलेक्शन में मैं और मेरी टीम ने (जिसमें सभी दिव्यांगजन थे) साउथ दिल्ली में पूरा पोलिंग बूथ संभाला. हम लोगों ने पूरी मतदान प्रक्रिया कराई. यह एक मैसेज था कि जब हम दिव्यांग पूरा काम सकते हैं, तो सामान्य जन को भी मतदान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए और आगे आकर राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनना चाहिए .

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Last Updated :Jan 27, 2024, 4:08 PM IST
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