वाराणसी : पीएम मोदी ने 10 साल के कार्यकाल में बनारस के 43 दौरे किए और 31 हजार करोड़ रुपयों से ज्यादा की सौगात दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में जब पहली बार बनारस से चुनाव लड़ा तो एक आम कैंडिडेट की तरह उन्होंने बनारस में जनसभा रोड शो करते हुए वोट मांगे. 'मां गंगा ने बुलाया है' की बात कहकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा निर्मली करण का अभियान काशी से ही शुरू करने की ठानी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 से 2019 तक बनारस में एक के बाद एक विकास योजनाओं की एक से बढ़कर एक सौगात दी.
900 करोड़ रुपए खर्च करके बना काशी विश्वनाथ कॉरिडोर : पीएम मोदी के कार्यकाल का सबसे बड़ा काम काशी विश्वनाथ कॉरिडोर है. 900 करोड़ रुपए खर्च करके 370 से ज्यादा मकानों के अधिग्रहण के बाद विश्वनाथ कॉरिडोर का एक भव्य और दिव्य रूप सामने आया. जिसने धर्म के नाम पर हो रहे पर्यटन कारोबार को एक नई रफ्तार प्रदान की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर ने अर्थव्यवस्था को नई उड़ान दे दी. यूपी भी विश्वनाथ कॉरिडोर की वजह से अर्थव्यवस्था के मामले में तेजी से आगे बढ़ता दिखाई दिया. दो वर्षों में लगभग 13 करोड़ लोगों से ज्यादा भक्तों ने यहां दर्शन किए और इस संख्या में हर दिन बढ़ोतरी होती ही जा रही है. दिसंबर के महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को 17 हजार करोड़ रुपए की सौगात दी. जबकि, हाल ही में पीएम मोदी ने बनारस के दौरे पर 13 हजार करोड़ रुपए की सौगात के साथ अमूल प्लांट का उद्घाटन किया. जिसने पूर्वांचल में दुग्ध क्रांति की शुरुआत कर दी.
2014 में रिकार्ड मतों से जीत दर्ज करके इतिहास रचा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में रिकार्ड मतों से यहां पर जीत दर्ज करके इतिहास रचा था. वाराणसी में तकरीबन 18,32,000 मतदाता मौजूद हैं. जिनमें से 82% हिंदू 16% मुसलमान और हिंदुओं में भी 12 फ़ीसदी हिस्सा अनुसूचित जाति और एक बड़ा हिस्सा पिछड़ी जाति से संबंध रखने वाला है. 2014 में नरेंद्र मोदी ने यहां आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल को 371784 वोटो से हराया था, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय को उस वक्त महज 75614 वोट मिले थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 581022 वोट पाकर बड़ी जीत दर्ज की थी. वहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत का आंकड़ा बहुत ज्यादा था. प्रधानमंत्री ने 674664 वोट पाकर पहले नंबर पर रहते हुए बड़ी जीत हासिल की थी. जबकि, समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी शालिनी यादव दूसरे नंबर पर 195159 वोटों से पराजित हुई थीं. तीसरे नंबर पर कांग्रेस के अजय राय, चौथे नंबर पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के सुरेंद्र राजभर और पांचवें नंबर पर नोटा था. सबसे बड़ी बात यह है कि चुनाव में किसी की भी जमानत नहीं बच पाई थी.