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हिमाचल में बारिश नहीं होने से किसान परेशान, गेहूं की फसल हुई प्रभावित, करोड़ों के नुकसान की आशंका

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 20, 2024, 1:03 PM IST

Updated : Jan 20, 2024, 2:27 PM IST

Wheat Crops Ruined without Rain in Bilaspur
Wheat Crops Ruined without Rain in Bilaspur

Wheat Crops Ruined without Rain in Bilaspur: हिमाचल प्रदेश में बारिश-बर्फबारी ने होने के चलते फल और फसलों को भारी नुकसान हो रहा है. बिलासपुर जिले में बारिश न होने के कारण सूखे की स्थिति पैदा हो गई है. जिसका प्रभाव गेहूं की फसल पर पड़ रहा है. बारिश की कमी के चलते गेहूं की फसल बर्बाद होने की कगार पर हैं.

बिलासपुर में बारिश की कमी से बर्बाद हो रही फसलें

बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश में मौसम की बेरुखी के चलते फसलें बर्बाद होने की कगार पर हैं. प्रदेश में लंबे समय से ड्राई स्पेल चल रहा है. मौसम विभाग शिमला के अनुसार जनवरी महीने में प्रदेश के सभी जिलों में बारिश में अब तक 100 प्रतिशत कमी दर्ज की गई है. प्रदेश में बारिश-बर्फबारी न होने के चलते सूखे की स्थिति पैदा हो गई है. जहां प्रदेश के ऊपरी पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी न होने से बागवान सेब और अन्य फलों की पैदावार शुरू नहीं कर पा रहे हैं. वहीं, प्रदेश के निचले इलाकों में बारिश न होने के चलते गेहूं और अन्य फसलें बर्बाद होने की कगार पर हैं. ऐसे में किसानों-बागवानों की परेशानियां बढ़ती हुई नजर आ रही हैं, क्योंकि मौसम विभाग ने आगामी कुछ दिनों के लिए प्रदेश में शुष्क मौसम को लेकर भविष्यवाणी की है.

बिलासपुर में सूखे की मार: बिलासपुर जिले में सूखे की मार के चलते गेहूं की फसल बर्बाद हो रही है. बारिश न होने के चलते जिले के किसानों के हाथ सिर्फ मायूसी लग रही है. नैना देवी, बिलासपुर, झंडूता, नमहोल जुखाला, घुमारवीं का अधिकतर कृषि आधारित क्षेत्र सिंचाई के लिए बारिश व प्राकृतिक जल स्रोतों पर निर्भर रहता है, लेकिन बारिश न होने के चलते जिले में सूखे की स्थिति है और प्राकृतिक जल स्रोतों के पानी का स्तर भी बेहद कम हो रहा है. जिसके चलते गेहूं की फसल सबसे अधिक प्रभावित हुई है और अब तक जिले में 20 से 25 प्रतिशत गेहूं की फसल पानी की कमी के चलते बर्बाद हो चुकी है.

बारिश की कमी से अब तक करोड़ों का नुकसान: कृषि विभाग बिलासपुर के उप निदेशक शशिपाल शर्मा ने बताया कि बिलासपुर जिले में लगातार सूखे की मार देखने को मिल रही है और अब तक 17 हजार हेक्टेयर जमीन पर गेहूं की फसल बारिश ना होने के चलते बुरी तरह प्रभावित हुई है. जिससे नुकसान का आकलन साढ़े नौ करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. वहीं, स्थानीय किसान सुभाष चंद सोनी ने कहा कि जिले के अधिकतर किसानों की फसल बारिश पर निर्भर रहती है और इसके अलावा सिंचाई का कोई अन्य साधन नहीं है. उन्होंने कहा कि गेहूं की बीजाई के समय तो बारिश हुई थी, मगर उसके बाद से बिल्कुल भी बारिश नहीं हुई है, जिससे उनकी फसलें बर्बाद हो गई हैं.

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Last Updated :Jan 20, 2024, 2:27 PM IST
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