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दिल्ली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने 365 दिनों में आरोप सिद्ध न होने पर जब्त संपत्ति लौटाने के आदेश पर लगाई रोक

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 22, 2024, 2:00 PM IST

Delhi High Court
Delhi High Court

Stay on order to return seized property: हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने आदेश दिया था कि एक वर्ष के भीतर आरोप सिद्ध न होने पर ईडी को उस व्यक्ति की जब्त की गई संपत्ति लौटानी होगी. इसपर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने रोक लगा दी है.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें सिंगल बेंच ने कहा था कि अगर किसी व्यक्ति के खिलाफ चल रही जांच में एक साल के बाद भी कोई आरोप साबित नहीं होता है, तो ईडी को उस व्यक्ति की जब्त संपत्ति वापस करनी होगी. इस आदेश पर कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने 11 मार्च तक की रोक लगाने का आदेश दिया है.

इससे पहले ईडी ने सिंगल बेंच के फैसले को डिवीजन बेंच में चुनौती दी थी. दरअसल 31 जनवरी को जस्टिस नवीन चावला की सिंगल बेंच ने अपने फैसले में कहा था कि अगर किसी व्यक्ति के खिलाफ चल रही जांच में एक साल के बाद भी कोई आरोप साबित नहीं हो पाता है, तो उस व्यक्ति की जब्त संपत्ति ईडी को वापस करनी होगी.

दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने कहा था कि संपत्ति जब्त होने के बाद अगर किसी व्यक्ति के खिलाफ आरोप सिद्ध न होने पर जब्ती की अवधि स्वयं ही खत्म हो जाती है. सिंगल बेंच, भूषण स्टील एंड पावर के महेंद्र खंडेलवाल की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. याचिका में महेंद्र खंडेलवाल ने कहा था कि फरवरी 2021 में ईडी ने उनके घर छापा मारकर ज्वैलरी और कई दस्तावेज जब्त किए थे, लेकिन ईडी मामले में कुछ भी साबित नहीं कर पाई थी. इसके बावजूद घर से मिले ज्वैलरी और दस्तावेज वापस नहीं किए गए हैं. याचिका में कहा गया था कि याचिकाकर्ता की संपत्ति को 11 फरवरी, 2022 को ही जब्ती प्रक्रिया से बाहर कर देना चाहिए था.

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इसपर सिंगल बेंच ने यह साफ किया था कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लंबित अवधि की गिनती उस समय से शुरू होती है जब से अदालत में केस चल रहा हो. ऐसे में एक साल के अंदर अगर जांच पूरी नहीं हो या आरोप साबित नहीं हो तो जब्त की गई संपत्ति वापस लौटानी होगी. सिंगल बेंच ने कहा था कि मनी लॉन्ड्रिंग का कानून के तहत संपत्ति जब्त करने का प्रावधान काफी कड़ा है. इसलिए जांच एजेंसी को जब्ती कार्रवाई शुरू करने से पहले सोच विचार कर आगे बढ़ना चाहिए.

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