नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) की ओर से बनाई गई पेरिस 2024 ओलंपिक के लिए चयन नीति को बरकरार रखा है. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने ओलंपिक चयन ट्रायल में भाग लेने के लिए शामिल न किए जाने को चुनौती देने वाली निशानेबाज माणिनी कौशिक की याचिका को खारिज करते हुए ये आदेश दिया. हाईकोर्ट ने ओलंपिक गेम्स पेरिस 2024 के लिए एनआरएआई के चयन नीति को बरकरार रखा है. इससे पहले हाईकोर्ट ने 7 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था.
माणिनी कौशिक ने पेरिस ओलंपिक 2024 में पिस्तौल और राईफल शूटिंग दल के लिए दिल्ली में 18 अप्रैल से 27 अप्रैल तक के चयन ट्रायल और भोपाल में 10 मई से 19 मई तक के चयन ट्रायल में हिस्सा लेने की अनुमति की मांग की थी. याचिकाकर्ता की ओर से वकील राजशेखर राव ने कहा था कि याचिकाकर्ता ने चीन में हुए एशियाई गेम्स 2022 में सिल्वर मेडल जीता था. याचिकाकर्ता करीब 50 घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुकी है. इसके बावजूद उसे एनआरएआई की ओर से आयोजित पेरिस ओलंपिक 2024 के चयन ट्रायल में भागीदार नहीं बनाया गया है.
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बता दें कि भारतीय निशानेबाजी दल ने 26 जुलाई, 2024 को शुरू होने वाले आगामी पेरिस 2024 खेलों के लिए प्रत्येक राष्ट्र के लिए अधिकतम 24 कोटा में से रिकॉर्ड 21 ओलंपिक कोटा स्थान हासिल किए हैं. जबकि राइफल और पिस्टल में से प्रत्येक ने अधिकतम आठ कोटा हासिल किए हैं. शॉटगन निशानेबाजों ने अब तक का अपना सर्वोच्च पांच कोटा हासिल कर लिया है.
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