ETV Bharat / state

ज्ञानवापी के मुख्य वाद में पक्षकार बनने की याचिका खारिज, दाखिल हुई एक नई एप्लीकेशन

author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 28, 2024, 11:42 AM IST

Updated : Feb 28, 2024, 6:55 PM IST

वाराणसी ज्ञानवापी केस (Gyanvapi Main Case Appeal) के मुख्य मुकदमे को लेकर बुधवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रशांत कुमार की अदालत में सुनवाई हुई. कोर्ट ने मुख्य वाद में पक्षकार बनने की याचिका खारिज कर दी.

Etv Bharat
Etv Bharat

वाराणसी : ज्ञानवापी मामले को लेकर अलग-अलग अदालत में अलग-अलग मुकदमे चल रहे हैं, लेकिन 1991 के पुराने और मुख्य मुकदमे को लेकर आज (28 फरवरी) वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रशांत कुमार की अदालत में सुनवाई हुई. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत में फैसला सुरक्षित कर लिया था, जिसे आज सुनाते हुए कोर्ट ने मूल वाद के पक्षकार हरिहर पांडेय के बेटों की तरफ से उत्तराधिकारी बनने और पक्षकार बनाए जाने संबंधी एप्लीकेश को खारिज कर दिया. वहीं कोर्ट ने इस मुकदमे के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी के प्रार्थना पत्र को स्वीकर किया है.

इसके अलावा अदालत में संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर के आर्कियोलॉजिकल सर्वे के मुद्दे पर दोनों पक्षों ने दलील दी. इस मुकदमे के वादी विजय शंकर रस्तोगी की तरफ से ज्ञानवापी में बंद तहखानों और खंडहर की जीपीआर और एएसआई जांच कराए जाने की मांग की गई थी. कोर्ट में दलील देते हुए हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक 6 महीने में मुकदमे का निस्तारण करने के आदेश का भी जिक्र किया गया है. कोर्ट ने इसे स्वीकार कर लिया.

बता दें, 1991 में प्राचीन मूर्ति स्वयंभुज ज्योतिर्लिंग भगवान विशेश्वर नाथ की तरफ से पंडित सोमनाथ विकास और वकील हरिहर पांडेय ने पहला वाद दाखिल किया था. इस मामले में 10 दिसंबर 2019 को वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने एप्लीकेशन देकर पूरे परिसर की जांच करने की मांग की थी. उनका कहना था कि सर्वे और खोदाई के जरिए सारी सच्चाई सामने लाई जा सकती है. सात मार्च 2000 को पंडित सोमनाथ व्यास के निधन के बाद इस मुकदमे की पैरवी करने के लिए अदालत ने पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी को बाद में नियुक्त कर दिया था और 10 दिसंबर 2023 को हरिहर पांडे की मृत्यु के बाद मुकदमे को विजय शंकर रस्तोगी ही देख रहे थे.

ज्ञानवापी मामले में एक और अर्जी दाखिल

वहीं ज्ञानवापी प्रकरण में एक नई एप्लीकेशन दाखिल हुई है. विश्व वैदिक सनातन संघ की संस्थापक सदस्य व ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मुकदमे की मुख्य याचिकाकर्ता राखी सिंह ने अपने अधिवक्ता मानबहादुर सिंह, अनुपम द्विवेदे व सौरभ तिवारी के जरिए ज्ञानवापी परिसर में बेरीकेडिंग के अंदर श्रृंगार गौरी की तत्काल नियमित पूजा- अर्चना, राजभोग-आरती प्रारंभ करने के लिए जिला जज वाराणसी की कोर्ट में नया प्रार्थना पत्र दिया है. कोर्ट ने प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुए निस्तारण के लिए 19 मार्च तिथि सुनिश्चित की है.

यह भी पढ़ें : ज्ञानवापी केस; तहखाने में पूजा-पाठ के लिए दान में मिला इलेक्ट्रॉनिक घंटा-घड़ियाल और नगाड़ा, महिलाओं ने बांटी मिठाई

यह भी पढ़ें : ज्ञानवापी केस; व्यास तहखाने में जारी रहेगी पूजा, हाईकोर्ट ने कहा-जिला जज के आदेश में हस्तक्षेप का कोई आधार नहीं

Last Updated :Feb 28, 2024, 6:55 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.