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दस्तावेज साइन करने मात्र से नहीं वसूला जा सकता 60 फीसदी ब्याज, आरबीआई ने तय कर रखी है दर- न्यायाधिकरण

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 27, 2024, 8:33 PM IST

Debt Recovery Tribunal,  60 percent interest
दस्तावेज साइन करने मात्र से नहीं वसूला जा सकता 60 फीसदी ब्याज.

ऋण वसूली न्यायाधिकरण ने एक मामले की सुनवाई करते हुए मेंटोर होम लोन इंडिया की ओर से की गई कार्रवाई को अवैध घोषित करते हुए रद्द कर दिया है.

जयपुर. ऋण वसूली न्यायाधिकरण ने एक महत्वपूर्ण आदेश देते हुए कहा है कि वित्तीय संस्था ऋणी व्यक्ति की ओर से दस्तावेज पर साइन करने मात्र से साठ फीसदी ब्याज वसूल करने का अधिकार नहीं रखती है. वित्तीय संस्था रिजर्व बैंक की ओर से तय मापदंड के आधार पर ही ब्याज राशि वसूल सकती है. इसके साथ ही न्यायाधिकरण ने मेंटोर होम लोन इंडिया की ओर से की गई कार्रवाई को अवैध घोषित कर रद्द कर दिया है और मकान का कब्जा परिवादी को लौटाने को कहा है. पीठासीन अधिकारी सुशील कुमार रस्तोगी ने यह आदेश कन्हैयालाल शर्मा की याचिका पर दिए.

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मोहित खंडेलवाल ने न्यायाधिकरण को बताया कि याचिकाकर्ता ने वर्ष 2018 में मेंटोर होम लोन इंडिया से 14 लाख रुपए का लोन लिया था. वहीं, बाद में कोरोना के चलते वह कुछ किस्तों का भुगतान नहीं कर पाया. याचिकाकर्ता की ओर से अब तक करीब 12 लाख रुपए का भुगतान वित्तीय संस्था को किया जा चुका है. इसके बावजूद भी वित्तीय संस्था ने लोन इकरारनामे का हवाला देकर साठ फीसदी दंडात्मक ब्याज की मांग कर याचिकाकर्ता से 27 लाख रुपए की मांग की.

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इस कार्रवाई को न्यायाधिकरण में चुनौती देने के बाद वित्तीय संस्था ने याचिकाकर्ता के आवासीय परिसर को अपने कब्जे में ले लिया. याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि कार्रवाई से पहले वित्तीय संस्था ने न तो उसे नोटिस दिया और ना ही उसका स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशन कराया. ऐसे में मामले की गई कार्रवाई को रद्द किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए न्यायाधिकरण ने वित्तीय संस्था की ओर से की गई कार्रवाई को रद्द कर परिसर का कब्जा याचिकाकर्ता को लौटाने को कहा है.

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