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सिलक्यारा टनल में डी वाटरिंग का कार्य शुरू, मलबा हटाना बड़ी चुनौती - De Watering in Silkyara Tunnel

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 24, 2024, 12:48 PM IST

De-watering started in Silkyara Tunnel उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में डी वाटरिंग का कार्य शुरू हो चुका है. रेस्क्यू के दौरान जिस पाइप से खाना भेजा गया था, उसी टनल से पानी की निकासी की जा रही है.

photo- etv bharat
फोटो-ईटीवी भारत

उत्तरकाशी: सिलक्यारा सुरंग में रिसाव से जमा पानी की निकासी (डी-वाटरिंग) शुरू हो गई है. फरवरी माह से डी-वाटरिंग के लिए सुरक्षात्मक कार्य के साथ प्रयास किए जा रहे थे. एक बार बीच में काम रोक दिया गया था. 20 मार्च को यह दोबारा शुरू किया गया. तीन दिन की कड़ी मशक्कत के बाद 22 मार्च की शाम को चार इंच के पाइप से पानी की निकासी चालू हो गई है.

दरअसल, 12 नवंबर 2023 को यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा-पोलगांव सुरंग में भूस्खलन हुआ था. जिसके बाद से सुरंग के सिलक्यारा वाले छोर से निर्माण कार्य ठप है. यहां भूस्खलन के मलबे के कारण निर्माण के साथ डी-वाटरिंग नहीं हो पा रही थी. जनवरी माह में सुरंग निर्माण को अनुमति मिलने के बाद कार्यदायी संस्था एनएचआईडीसीएल ने पानी निकालने के लिए सुरक्षात्मक कार्य शुरू किए थे. 16 फरवरी 2024 को पहली बार डी-वाटरिंग के लिए एसडीआरएफ और इंजीनियरों का दल ऑगर मशीन से डाले गए पाइपों से अंदर गया था. जो पांच घंटे अंदर रहे थे. लेकिन बाद में यह काम बीच में रोक दिया गया था.

बाद में एनएचआईडीसीएल के प्रबंध निदेशक कृष्ण कुमार ने भी सिलक्यारा सुरंग का दौरा किया था. 20 मार्च को फिर अतिरिक्त सुरक्षा के साथ डी-वाटरिंग के लिए प्रयास शुरू किए गए. तीन दिन तक कड़ी मशक्कत के बाद 22 मार्च शाम से डी-वाटरिंग शुरू हो गई है. 4 इंच की पाइपलाइन से पानी बाहर आना शुरू हो गया है. लंबे संघर्ष के बाद डी-वाटरिंग शुरू होने से कार्यदायी संस्था, निर्माण कंपनी और श्रमिक सभी उत्साहित हैं. हालांकि, अब मलबा हटाने की चुनौती है.

एनएचआईडीसीएल के अधिशासी निदेशक कर्नल संदीप सुदेहरा ने कहा कि 22 मार्च शाम से ही डी-वाटरिंग शुरू हो गई है. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान शुरू में जिस पाइप से खाना भेजा जा रहा था. उसी से डी-वाटरिंग शुरू की गई है. अब मीटर लगाया जा रहा है.

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