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कानपुर देहात में भ्रष्टाचार: ग्राम प्रधानों और सचिवों कर दिया 1.19 करोड़ रुपये का घोटाला, जानें कैसे खुली पोल

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 15, 2024, 5:03 PM IST

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उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में भ्रष्टाचार का मामला(Corruption in Kanpur Dehat ) बुधवार का सामने आया. यहां ग्राम प्रधानों और सचिवों ने मिलकर 1.19 करोड़ रुपये का घोटाला कर दिया. ऑडिट में मामला सामने आया, तो जिलाधिकारी ने कार्रवाई के आदेश दिये.

कानपुर देहात: यूपी के जनपद कानपुर देहात में ग्राम पंचायतों में घोटाले का मामला बुधवार को सामने आया. इन पंचायतों में विकास कार्यों के नाम पर 1.19 करोड़ रुपये की धांधली की गयी. ये विकास कार्य वर्ष 2012 से लेकर 2017 तक कराये गये थे. विभाग ने जब ऑडिट किया, तो बड़ा घोटाला सामने आया. इस घोटाले को लेकर 9 ग्राम पंचायतों को कारण बताओ नोटिस जारी की गयी थी. तत्कालीन ग्राम प्रधानों और सचिवों ने इस नोटिस का जवाब देना भी उचित नहीं समझा.

जवाब न मिलने पर कानपुर देहात के जिलाधिकारी के निर्देश पर 9 ग्राम पंचायतों को वसूली का नोटिस जारी किया गया है. इस घोटाले की आधी धनराशि तत्कालीन ग्राम प्रधान और आधी धनराशि ग्राम पंचायत सचिव से वसूल की जाएगी. विकास कार्यों के ऑडिट के दौरान खुलासा हुआ कि 26 ग्राम पंचायतों में 1.19 करोड़ की हेराफेरी की गई थी. ग्राम पंचायतों से संबंधित दस्तावेज मांगे गये. चेतावनी देने के बाद कुछ ग्राम पंचायतों ने खर्च किये गए रुपयों का हिसाब नहीं दिया. अब 9 ग्राम पंचायतों को कानपुर देहात के जिलाधिकारी आलोक सिंह के निर्देश पर जिला पंचायत राज अधिकारी ने नोटिस जारी किया है. इन ग्राम पंचायतों के तत्कालीन सचिव और ग्राम प्रधानों से घोटाले की रकम वसूली जाएगी.

इन ग्राम पंचायतों के प्रधानों और सचिवों से होगी रिकवरी:
1- जलिहापुर- 10,15,550 रुपये
2- जुरिया-3,23,950 रुपये
3-बम्हरौली घार- 3,500 रुपये
4- जरसेन- 18,000 रुपये
5- जगदीशपुर- 10,99,410 रुपये
6- कठारा- 1,54,068 रुपये
7-ख़महेला- 2,71,000 रुपये
8-बचितजसु- 12,65,852 रुपये
9-अमौली ठाकुरान- 3,96,360 रुपये

इस मामले में जिला पंचायत राज अधिकारी विकास पटेल ने ने कहा कि ऑडिट के दौरान ग्राम पंचयतों ने खर्च की गई धनराशि का हिसाब नहीं दिया. इनको नोटिस जारी करके आवश्यक दस्तावेज मांगे गये थे. कुछ पंचयतों ने अधूरे अभिलेख दिए थे. वहीं कुछ ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया. इसके बाद जिलाधिकारी के आदेश पर खंड विकास अधिकारी के मध्यम से तत्कालीन प्रधानों को नोटिस भेजा गया है. ग्राम प्रधान और सचिवों को अलग से नोटिस भेजा जा रहा है. जवाब न आने पर इनसे वसूली की जाएगी.

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