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बक्सर में बीजेपी उम्मीदवार मिथलेश तिवारी का विरोध, अश्विनी चौबे के समर्थकों ने खोला मोर्चा - buxar BJP leaders oppose

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 26, 2024, 9:35 AM IST

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले बक्सर भाजपा में दो फाड़ हो चुका है. बीजेपी उम्मीदवार मिथिलेश तिवारी को लेकर पार्टी के अंदर सियासी बवंडर मचा है. होली के बाद बक्सर भाजपा के नेताओं ने एक बैठक बुलाई है, जिसमें स्थानीय उम्मीदवारों की घोषणा हो सकती है.

बक्सर में बीजेपी उम्मीदवार मिथलेश तिवारी का विरोध
बक्सर में बीजेपी उम्मीदवार मिथलेश तिवारी का विरोध

बक्सरः 2024 के लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही बीजेपी उम्मीदवारों का भी ऐलान हो गया है. बीजेपी ने इस बार बक्सर से मिथिलेश तिवारी को उम्मीदवार बनाया है. बक्सर लोकसभा सीट से केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे का टिकट कटने के बाद सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक भाजपा नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है.

बीजेपी उम्मीदवार मिथिलेश तिवारी का विरोधः भाजपा कार्यकर्ताओं का एक गुट केंद्रीय मंत्री का अर्थी जुलूस निकालकर जहां जश्न मना रहा है, वहीं दूसरा गुट सोशल मीडिया पर बक्सर लोकसभा सीट से नए एनडीए उम्मीदवार मिथिलेश तिवारी का लगातार विरोध करते हुए 'बाहरी भगाओ लोकल बुलाओ' का ट्रेंड चला रहा है. जिससे विरोधी दल के नेताओ में उत्साह है. भाजपा के स्थानीय नेताओं ने कहा कि अब बक्सर के कार्यकर्ता बाहरी नेताओं का झोला नही ढोएगें.

अश्विनी चौबे की कार्यकर्ताओं से अपीलः भाजपा के अंदर उठे इस सियासी बवंडर के बाद, केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने अपने शुभ चिन्तकों से धैर्य बनाये रखने की अपील करते हुए ट्विट कर परेशान नहीं होने की अपील की है. जिससे पार्टी का आंतरिक कलह सड़कों पर ना आए. स्थानीय सांसद अश्विनी कुमार चौबे के बेटिकट होते ही बक्सर भाजपा नेताओं के एक गुट ने सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ खुलकर बगावत शुरू कर दी है. किसी ने उनको धृतराष्ट्र तो उनके दोनों पुत्रों को दुर्योधन और दुशासन बताया है. वहीं दूसरे गुट ने नए उम्मीदवार के खिलाफ मुहिम शुरू कर दी है.

'बाहरी नेताओं का झोला नहीं ढोएगें': सोशल मीडिया में उठे सियासी बवंडर को लेकर जब बीजेपी के कद्दावर नेता दुर्गावती चतुर्वेदी से लेकर दीपक पांडेय, राणा प्रताप सिंह समेत आधा दर्जन नेताओं से बात की गई तो सभी ने एक सुर में कहा कि अब बक्सर भाजपा के नेता बाहरी नेताओं का झोला नही ढोएंगे. यदि अभी भी पार्टी का शीर्ष नेतृव अपना फैसला नहीं बदलता है, तो होली बाद मिथिलेश तिवारी के खिलाफ बक्सर भाजपा का एक उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरकर ईट से ईंट बजा देगा.

क्या कहते राजनीतिक विश्लेषक?: वहीं बक्सर भाजपा में उठे इस सियासी बवंडर के बाद, राजनीतिक विश्लेषक डॉक्टर सत्यनारायण सिंह ने बताया कि बिहार भाजपा ने बाहरी उम्मीदवार को मैदान में उतारकर सबसे बड़ी भूल कर दी है. 10 बर्षो के कार्यकाल में भाजपा सांसद ने एक भी योजना ऐसा बक्सर को नहीं दिया जो पूरा हुआ हो, जिसका विरोध बक्सर भाजपा के नेता ही कर रहे थे, ऐसे में स्थानीय नेता को छोड़कर, बाहरी नेता को बक्सर लोकसभा का उम्मीदवार बना देना आग में घी डालने के जैसा हो गया है.

"बीजेपी के नेताओं को बक्सर की जनता ने 6 बार मौका दिया, लेकिन आज तक आश्वासन देने के बाद भी केंद्रीय विद्यालय को अपना भवन तक नहीं मिला. नतीजन एक कमरे में 30 की जगह 60 बच्चे बैठकर पढ़ते है. ऐसी कई समस्या है, जिसे भाजपा के नेताओं ने जुमला साबित कर दिया है. एक हजार 8 फीट की पराक्रमी राम की प्रतिमा लगाने की घोषणा भी जुमला साबित हो गई"- डॉक्टर सत्यनारायण सिंह, राजनीतिक विश्लेषक

बक्सर में होगा त्रिकोणीय मुकाबला: गौरतलब है कि सात चरणों में 2024 का लोकसभा चुनाव होना है. एक जून को सातवें चरण में बक्सर में मतदान होगा. उससे पहले ही एनडीए और इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों ने ही अपने-अपने गठबंधन के उम्मीदवारों के खिलाफ भितरघात करना शुरू कर दिया है. वरिष्ठ पत्रकार राम मुरारी राय का कहना है कि कम्युनिष्ट पार्टी से लेकर, कांग्रेस के मजबूत दावेदारों ने अपनी दावेदारी इस लोकसभा सीट पर पेश की थी, लेकिन टिकट किसी और को मिल गया. वही हालत एनडीए की भी है, ऐसे में यंहा त्रिकोणीय लड़ाई होना स्वभाविक है.

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