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बिलासपुर के युवा वोटर्स एजुकेशन सिस्टम और रोजगार पर करेंगे वोटिंग - loksabha election 2024

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Apr 10, 2024, 10:46 PM IST

Voters ki Baat
वोटर्स की बात

बिलासपुर के युवा वोटर्स का क्या है मूड? लोकसभा चुनाव को लेकर यूथ क्या सोचते हैं ये जानने के लिए ईटीवी भारत ने युवा वोटरों से बातचीत की. इस दौरान वोटरों ने एजुकेशन सिस्टम और रोजगार मुद्दों को लेकर मतदान करने की बात कही है.

बिलासपुर के वोटर्स की बात

बिलासपुर: लोकसभा चुनाव में इस बार जनता के मुद्दे गायब हो गए हैं. सियासी दल आपस में ही उलझे हुए हैं. जहां एक ओर भाजपा राम मंदिर, तीन तलाक और धारा 370 को लेकर मतदाताओं के बीच पहुंच रही है. वहीं, कांग्रेस लाठी मरना, स्थानीय और बाहरी मुद्दे, जातिगत जनगणना के मुद्दों में उलझी हुई है. यहां कोई भी सियासी दल देश के मुद्दे और स्थानीय मुद्दों को लेकर बात नहीं कर रही है. इस बीच ईटीवी भारत बिलासपुर के युवा वोटरों के बीच पहुंची और उनको मन टटोलने का प्रयास किया. युवा मतदाताओं ने भी अच्छी मेडिकल सुविधा, शिक्षा और युवाओं को रोजगार देने पर जोर देने की बात कही.

जानिए क्या है वोटर्स का मूड: ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बिलासपुर वोटर सैयद रमीज ने कहा कि, "बिलासपुर लोकसभा सीट में भाजपा और कांग्रेस ही मुख्य पार्टियां है. मेन फाइट इनके बीच ही है. आम जनता इससे ही उम्मीद रखती है. दोनों ही पार्टियां राम मंदिर, आस्था, स्थानीय और बाहरी उम्मीदवार के अलावा देश की मुद्दों को लेकर बात कर रही है, लेकिन दोनों ही पार्टी स्थानीय मुद्दों को लेकर किसी तरह का वादा या घोषणा अपने भाषण में नहीं कर रही है. बिलासपुर को आईटी हब बनाना चाहिए. एजुकेशन में आगे बढ़ना चाहिए. मेडिकल फैसिलिटी, सस्ती शिक्षा और रेलवे की टाइम टेबल के साथ ही बेरोजगारों के लिए रोजगार के नए संसाधन उपलब्ध कराना चाहिए."

सरकार को ऑनेस्ट होना चाहिए: बिलासपुर के कोनी क्षेत्र में रहने वाली वोटर ईशा डे ने ईटीवी से बातचीत के दौरान कहा कि, "सरकार को ऑनेस्ट होना चाहिए. सरकार अगर ऑनेस्ट रहेगी, तभी युवाओं का भविष्य सुरक्षित रहेगा. अक्सर देखा जा रहा है कि एजुकेशन पूरा करने के बाद युवाओं को नौकरी की चिंता सताने लगती है. ऐसे में सरकार को नौकरियों के संसाधन बढ़ाने चाहिए. परंपरागत नौकरियों का ज्यादा चलन पर है. लोग इसमें ज्यादा ध्यान देते हैं. इसके अलावा एजुकेशन सिस्टम में भी सुधार होना चाहिए. एजुकेशन ऐसा हो, जिसमें स्किल डेवलपमेंट कोर्स हो. क्वालिटी बेस्ट ज्यादा कोर्स हो ना कि क्वांटिटी. नेता विकास करने वाला होना चाहिए."

शिक्षा पर बजट और बराबरी का दर्जा: बिलासपुर के सेंट्रल यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली संस्कृति ने कहा कि, "देश में सरकार आती जाती रहती हैं. क्षेत्र के सांसद भी बदलते रहते हैं, लेकिन सभी को इस बात पर ध्यान रखना चाहिए कि शिक्षा को ज्यादा बढ़ावा दिया जाए, क्योंकि शिक्षा से ही देश का विकास हो सकता है. अक्सर देखा गया है कि सरकारी स्कूलों में व्यवस्थाएं कम होती हैं.यहां की पढ़ाई पर ध्यान नहीं दिया जाता. मैं खुद गवर्नमेंट स्कूल की स्टूडेंट रही हूं. गवर्नमेंट स्कूल में शिक्षा पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता. निजी स्कूलों में ज्यादा ध्यान दिया जाता है. शिक्षा में बराबरी होना चाहिए, क्योंकि अलग-अलग विषयों पर जब पढ़ाया जाता है तो कोई विषय मजबूत होते हैं और कोई कमजोर होते हैं. इसलिए सबसे पहले वन नेशन वन एजुकेशन होना चाहिए, जिससे सभी को एक समान शिक्षा मिल सके."

क्षेत्रीय भाषा को दे बढ़ावा: बिलासपुर के वोटर राहुल चौहान ने कहा कि, "कोई भी सरकार सभी युवाओं को सरकारी नौकरी नहीं दे सकती, लेकिन लोकसभा क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट के लिए बेहतर संस्था होनी चाहिए. पढ़ाई करने के बाद जब नौकरी ना मिले तो युवा पीढ़ी किसी भी स्किल में इतना सक्षम हो कि वह अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर सके और खुद अपना परिवार चला सके. इसके अलावा दूसरों को भी नौकरी दे सके. हम कहीं भी जाते हैं तो सबसे ज्यादा समस्या भाषा की होती है, इसलिए भाषा को ऐसा होना चाहिए कि व्यक्ति क्षेत्र के साथ ही देश के किसी भी हिस्से में जाए तो उसे उसको परेशानी न हो. क्षेत्रीय भाषाओं को जैसे दूसरे राज्यों में महत्व दिया जाता है, इसी तरह छत्तीसगढ़ में भी क्षेत्रीय भाषाओं को महत्व देना चाहिए. "

मुद्दे नए होने चाहिए: बिलासपुर के वोटर अमित कुमार का कहना है कि, "इस समय चुनाव में देखा जा रहा है कि दोनों ही पार्टी अपने द्वारा किए गए कार्यों का बखान कर रहे हैं. इसी के दम पर वह चुनाव जीतना चाहते हैं. कांग्रेस जहां देश में चलाए गए उनके योजनाओं का बखान कर रही है, तो वहीं, बीजेपी कांग्रेस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है. इसी तरह भाजपा धारा 370, तीन तलाक, राम मंदिर और आस्था को लेकर वोट मांग रही है. दोनों ही पार्टी उन मुद्दों को जनता के सामने ला रहे हैं जिसे वह पूरा किए हैं. आगे क्या करने वाले हैं इसके विषय में वह कुछ भी नहीं कह रहे हैं. जिस तरह से देश में फ्री का चावल और अन्य चीज फ्री में बांटी जा रही है, इससे लोग मेहनत करना छोड़ रहे हैं. अगर देश की जनता मेहनत नहीं करेगी, तो देश का विकास कैसे होगा? ऐसे में फ्री की चीज देना भी बंद करना चाहिए."

कुल मिलाकर वोटरों का कहना है कि मौजूदा मुद्दे और युवाओं के रोजगार पर सरकार को ध्यान देना चाहिए. साथ ही एजुकेशन सिस्टम को और भी मजबूत बनाना चाहिए ताकि देश का भविष्य उज्जवल हो.

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