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मध्य प्रदेश में कचरे से सोना निकालने की तैयारी! भोपाल नगर निगम स्थापित करेगा देश का दूसरा चारकोल प्लांट - Bhopal Fuel Made From Wet Dry Waste

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 15, 2024, 4:29 PM IST

Updated : May 15, 2024, 4:52 PM IST

भोपाल में शत प्रतिशत कचरे का निस्तारण करने के लिए नगर निगम ने अब जाकर सक्रियता दिखाई है. आदमपुर छावनी लैंडफिल साइट में कचरे के बड़े-बड़े पहाड़ बन गए हैं. ऐसे में अब यहां एनटीपीसी चारकोल प्लांट शुरू करेगी तो वहीं पीपीपी मॉडल से सीएनजी प्लांट लगाया जा रहा है.

BHOPAL FUEL MADE FROM WET DRY WASTE
भोपाल में कचरे से बनेगा फ्यूल और चारकोल (ETV Bharat)

भोपाल। शहर में डोर-टू-डोर कलेक्शन के बाद लोगों के घरों से निकलने वाले कचरे का शत प्रतिशत निस्तारण नहीं हो पा रहा है. जिससे आदमपुर छावनी लैंडफिल साइट में कचरे के बड़े-बड़े पहाड़ बनते जा रहे हैं. अब इस कचरे के शत प्रतिशत निस्तारण को लेकर नगर निगम भोपाल ने सक्रियता दिखाई है. इसके तहत प्रतिदिन शहर से निकलने वाले कचरे से ईंधन बनाने की योजना बनाई गई है.

शहर से प्रतिदिन निकलता है 800 मीट्रिक टन कचरा

भोपाल के शहरी क्षेत्र में प्रतिदिन डोर टू डोर कलेक्शन और बाजारों की सफाई के बाद 800 मीट्रिक टन कचरा निकलता है. इसमें करीब 400 मीट्रिक टने गीला और इतना ही सूखा कचरा होता है. लेकिन आदमपुर छावनी लैंडफिल साइट में इसके 20 फीसदी कचरे का निष्पादन भी होता है, जिससे यहां कचरे के पहाड़ खड़े हो गए हैं.

दिसंबर तक गीले कचरे से बनने लगेगी सीएनजी गैस

आदमपुर छावनी में नगर निगम के सहयोग से पीपीपी माडल पर गीले कचरे से सीएनजी गैस बनाने के लिए प्लांट लगाया जा रहा है. अधिकारियों ने बताया कि सीएनजी प्लांट का 30 प्रतिशत काम पूरा हो गया है. दिसंबर 2024 तक इस प्लांट को शुरु कर दिया जाएगा. यह काम पीपीपी मोड पर किया जा रहा है. ऐसे में नगर निगम की राशि खर्च नहीं होगी. इसमें लगने वाली करीब 150 करोड़ रुपये की लागत उक्त एजेंसी द्वारा वहन किया जाएगा.

अगले वर्ष से शुरु होगा एनटीपीसी का चारकोल प्लांट

400 टन प्रतिदिन म्युनिसिपल सॉलिड वेस्ट (सूखे कचरे) से टॉरीफाईड चारकोल बनाया जाएगा. ये काम बिल्ट ऑन आपरेट मॉडल पर आधारित होगा और आदमपुर छावनी में 15 एकड़ भूमि पर स्थापित होने वाले प्लांट की स्थापना, संचालन, संधारण एनटीपीसी द्वारा 25 सालों तक किया जाएगा. इस पूरे प्रोजेक्ट में एनटीपीसी करीब 200 करोड़ रुपये खर्च करेगा. अधिकारियों का दावा है कि दिसंबर 2025 तक भोपाल में सूखे कचरे से चारकोल का उत्पादन शुरु हो जाएगा.

बनारस के बाद भोपाल में लगेगा दूसरा चारकोल प्लांट

देश में अब तक सूखे कचरे से चारकोल या कोयला बनाने का प्लांट केवल बनारस में स्थापित किया गया है. जिसका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकार्पण किया था. इसमें सफलता मिलने के बाद एनटीपीसी अब भोपाल में चारकोल प्लांट लगाने जा रहा है. यहां बनने वाला कोयला शत प्रतिदिन प्रदूषण मुक्त होगा.

नगर निगम को हर वर्ष मिलेंगे 20 करोड़ रुपये

वर्तमान में नगर निगम भोपाल ठेका एजेंसियों के द्वारा कचरे को निस्तारण करवाता है. इसके बावजूद कचरा खत्म होने की बजाय बढ़ता जा रहा है. इसके लिए 333 रुपये प्रति टन के हिसाब से राशि खर्च की जाती है. यानि प्रतिदिन निकलने वाले 800 मीट्रिक टन कचरे के निष्पादन में सालाना 12 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च होती है. यदि इस कचरे से सीएनजी और चारकोल बनेगा तो निगम को यह खर्च बचने लगेगा. इसके साथ ही सीएनजी बनाने वाली कंपनी नगर निगम को रायल्टी और बाजार दाम से पांच रुपये प्रति किलो कम पर सीएनजी मिलेगी. वहीं एनटीपीसी भी निगम को हर साल रायल्टी देगा. दोनों से मिलाकर करीब 20 करोड़ रुपये रायल्टी मिलने की संभावना है.

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इनका कहना है

"भोपाल में सीएनजी और चारकोल प्लांट के शुरू होने के बाद गीले-सूखे कचरे का शत प्रतिशत निस्तारण होगा, साथ ही इसमें खर्च होने वाली राशि की बचत भी होगी." - सुबोध कुमार जैन, अधीक्षण यंत्री नगर निगम

Last Updated : May 15, 2024, 4:52 PM IST
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