भरतपुर. जिले में बीते कई दिनों से धर्मांतरण का मामला गर्माया हुआ है. बीती दो कार्रवाई में पुलिस अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. वहीं, जिले में धर्मांतरण की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए भरतपुर पुलिस अधीक्षक ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) गठित कर दी है. अब पुलिस की यह स्पेशल टीम जिलेभर में इस तरह की घटनाओं पर पैनी नजर रखेगी.
भरतपुर पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने बताया कि हाल ही में अटलबंध थाने में एक मामला दर्ज हुआ था. परिवादी द्वारा धार्मिक भावनाओं को आहत करने का प्रकरण दर्ज कराया गया था, जिसमें कर्ररावाई करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया गया. इसके बाद 14 फरवरी को चिकसाना थाना क्षेत्र के पीपला गांव में भी मामला संज्ञान में आया था, जिसमें एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था.
कच्छावा ने बताया कि जिले में बीते दिनों की इन घटनाओं को देखते हुए एसआईटी गठित की गई है. एसआईटी में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, सीओ सिटी, साइबर सेल, एसएचओ अटलबंध, डीएसटी को शामिल किया गया है. टीम की हर दिन की मॉनिटरिंग खुद एसपी द्वारा की जा रही है. एसपी कच्छावा ने बताया कि एसआईटी का उद्देश्य इस तरह की घटनाओं की तह तक जाना और इन पर लगाम लगाना है.
गौरतलब है कि 11 फरवरी को शहर के एक निजी होटल में करीब 400 लोगों को धर्म परिवर्तन कराने के प्रयास का मामला सामने आया था, जिसमें पुलिस और हिंदू संगठनों ने मौके पर पहुंच कर उसे रुकवाया और दो लोगों को गिरफ्तार किया. 14 फरवरी को जिले के पीपला गांव में भी इस तरह का मामला सामने आया था, जिसमें मौके से लोग भाग निकले थे, लेकिन एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है.
प्रारंभिक स्तर पर सामने आया है कि ये लोग गरीब और एससी वर्ग के लोगों को टारगेट बनाते हैं. ये गरीब लोगों को पैसे का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराते हैं. हिंदू संगठनों का दावा है कि अब तक करीब 20 हजार लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा चुका है, लेकिन एसपी कच्छावा का कहना है कि इस तरह का कोई आंकड़ा ना तो पुलिस की तरफ से जारी किया गया है, ना विभाग के पास ऐसा कोई आंकड़ा है.