बैतूल। शहर में एक मार्केटिंग कंपनी के दफ्तर पर एसडीएम, तहसीलदार और टीआई की टीम ने छापा मारा. इस मार्केटिंग कंपनी द्वारा युवाओं से नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी की गई है. पिछले दिनों कई शिकायतकर्ताओ ने अधिकारियों से इस बारे में शिकायत की थी. इसके बाद प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने कंपनी के दफ्तर पर छापा मारा. अधिकरियों ने कम्पनी का दफ्तर सील कर जांच शुरू कर दी है.
बिना प्रशासन की अनुमति के दफ्तर किया शुरू
बता दें कि बैतूल में कई मार्केटिंग कंपनियां युवाओं को ठग रही हैं. इन कंपनियों ने प्रशासन से अनुमति लिए बिना संचालन शुरू कर दिया. बड़े और ऑलीशान दफ्तर खोलकर बेरोजगार युवाओं को सब्जबाग दिखाकर लाखों रुपए ठगने के बाद इन कंपनियों की असलियत सामने आ रही है. ताजा मामला इंटरनेशिया मार्केटिंग कंपनी का है. 27 फरवरी और 1 मार्च को कैलाश वसूले, वैशाली मोखड़े और पूजा समेत अन्य लोगों ने कलेक्टर और एसडीएम से कंपनी के फर्जीवाड़े की शिकायत की थी.
लड़की से झूठी शिकायत करवा कर युवक को फंसाया
शिकायत में बताया गया कि कंपनी ने उनसे हजारों रुपए की राशि ले ली है, लेकिन नौकरी दिलाने के नाम पर धोखा दिया गया. शिकायतकर्ता कैलाश ने बताया कि उसने कंपनी के कर्ताधर्ताओं से रुपए वापस मांगे तो यहां कार्यरत युवतियों से थाने में झूठी शिकायत कर मामला दर्ज करवा दिया गया. कलेक्टर ने मंगलवार को जनसुनवाई में दोबारा शिकायत पहुंचने पर एसडीएम और तहसीलदार को कार्रवाई के निर्देश दिए. एसडीएम अभिषेक चौरसिया, तहसीलदार अतुल श्रीवास्तव और कोतवाली टीआई देवकरण डहेरिया की संयुक्त की टीम मंगलवार दोपहर सदर स्थित इंटरनेशिया मार्केटिंग कंपनी के दफ्तर पहुंची और जांच शुरू की.
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कंपनी में कई अनियमितताएं मिलीं, जांच जारी
दरअसल, यहां बड़ी संख्या में बेरोजगार युवक और युवतियां मौजूद थे, जिन्हें नौकरी के नाम पर प्रशिक्षण दिया जा रहा था. एसडीएम और तहसीलदार ने यहां के कर्ताधर्ताओं से अनुमति और अन्य दस्तावेज मांगे. संभावना है कि मार्केटिंग कंपनी के बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हो सकता है. प्रशासन को कम्पनी में कई अनियमितताएं मिली हैं. कुछ कागजात जब्त कर लिए गए हैं और दफ्तर को सील कर दिया गया है. बैतूल तहसीलदार अतुल श्रीवास्तव ने बताया कि कम्पनी द्वारा नौकरी दिलाने के नाम पैसे लेने की शिकायत के बाद छापा मारा गया.