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बंगाली जमीन परमिशन मामले में IAS संजीव झा के खिलाफ जांच के आदेश - Bengali land permission case

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : May 23, 2024, 10:40 PM IST

बंगाली जमीन परमिशन मामले में IAS संजीव झा के खिलाफ जांच का आदेश जारी किया गया है. भारत सरकार के कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय ने जांच के आदेश दिए हैं.

Bengali land permission case
बंगाली जमीन परमिशन केस (ETV BHARAT)

IAS संजीव झा के खिलाफ जांच का आदेश (ETV BHARAT)

सरगुजा: गलत तरीके से पुनर्वास की बंगाली जमीन खरीद बिक्री की अनुमति देने के मामले में आईएएस संजीव झा के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं. भारत सरकार के कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय ने तत्कालीन सरगुजा कलेक्टर संजीव कुमार झा के खिलाफ जांच के आदेश दिए है. भू माफियाओं को गलत तरीके से बंगाली जमीन की अनुमति देने के मामले में आरटीआई कार्यकर्ता डीके सोनी ने पीएमओ व ईओडब्ल्यू से शिकायत की थी. शिकायतकर्ता ने मामले में जांच कर भू माफियाओं और तत्कालीन कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई और एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी, जिसके बाद भारत सरकार के कार्मिक लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय ने जांच का आदेश जारी किया है.

21 मार्च को की गई थी शिकायत: इस पूरे मामले में अधिवक्ता डीके सोनी ने तत्कालीन कलेक्टर संजीव झा द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से भूमाफियाओं को बंगाली जमीन के खरीद बिक्री की अनुमति दिए जाने की शिकायत की. उन्होंने प्रधान मंत्री कार्यालय और पुलिस महानिदेशक राज्य राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो रायपुर से 21 मार्च को शिकायत की थी. शिकायत में उन्होंने मोटी रकम लेनदेन आरोप लगाते हुए सभी प्रकरण की जांच करने और दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की मांग की थी. शिकायत के बाद 1 मई 2024 को भारत सरकार के कार्मिक लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय के अवर सचिव रूपेश कुमार ने छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्य सचिव को पत्र भेजते हुए जांच का निर्देश दिया है, जबकि इस मामले में ईओडब्ल्यू के समक्ष प्रस्तुत शिकायत की जांच लंबित है."

तत्कालीन कलेक्टर ने अपने कार्यकाल के दौरान 21 से 22 बंगाली जमीन का परमिशन गलत तरीके से दिया गया. आम तौर पर बंगाली जमीन के खरीद बिक्री की अनुमति एक वर्ष से छह माह के सुनवाई के बाद दी जाती है, लेकिन तत्कालीन कलेक्टर संजीव कुमार झा ने भूमाफियाओं से मिलकर महज 45 और न्यूनतम 15 दिन के भीतर अनुमति दे दी. इतना ही नहीं कलेक्टर ने सरगुजा से स्थानांतरण के बाद भी बंगाली जमीन के बिक्री की अनुमति जारी की है.-डीके सोनी, अधिवक्ता और आरटीआई कार्यकर्ता

अधिवक्ता ने की शिकायत: अधिवक्ता डीके सोनी की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दस्तावेजों के साथ शिकायत की गई थी कि भू माफियाओं द्वारा तत्कालीन कलेक्टर को मोटी रकम खिलाकर दिल्ली में रहने वाले कदम मंडल के नाम से फर्जी अधिकार पत्र बनाकर फर्जी हस्ताक्षर से राहुल गर्ग और अन्य को बिक्री कर दी गई है. सुभाषनगर निवासी कदम मंडल के पुनर्वास पट्टा खसरा नंबर 223/12 पर 0.400 हेक्टेयर भूमि को राहुल गर्ग और अन्य द्वारा 21 लाख रुपए की अंकन राशि में सौदा तय कर अनुमति के लिए आवेदन कलेक्टर सरगुजा के समक्ष लगाया गया था और आवेदन करने के बाद महज 15 दिनों के भीतर ही तत्कालीन कलेक्टर संजीव कुमार झा ने भूमाफियाओं से लाखों रुपए प्रति डिसमिल के हिसाब से अवैध तरीके से राशि लेकर पुनर्वास की भूमि बिक्री हेतु आदेश पारित कर दिया. इसी तरह कुल 21-22 बंगाली जमीन का परमिशन गलत तरीके से दिया गया.

जानिए क्या है आरोप: कलेक्टर संजीव कुमार झा ने सरगुजा से कोरबा स्थानांतरण हो जाने के बाद रूमा राय उर्फ रोमा सिंह प्रति अनिल कुमार ताम्रकार प्रकरण में स्थानांतरण के बाद आदेश जारी किया. आरोप है कि सभी प्रकरणों में भू माफियाओं से मिली भगत कर करोड़ों रुपए की वसूली की गई. साथ ही पुनर्वास की भूमि बिक्री की अनुमति प्रदान की गई है. उसमें से आधे से अधिक की अनुमति एक ही दिन 26 मई 2022 को प्रदान की गई, क्योंकि वह भू माफियाओं से मोटी रकम लेकर यह आदेश दिया गया.

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