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11 लाख 21 हजार के नोटों से ताड़केश्वर महादेव की सजाई विशेष झांकी, दर्शन के लिए उमड़ा श्रद्धालुओं का हुजूम - tableau decorated with notes

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 7, 2024, 6:46 AM IST

छोटी काशी के चौड़ा रास्ता में स्थित प्राचीन ताड़केश्वर महादेव मंदिर में ताड़क बाबा की 11 लाख 21 हजार के नोटों से विशेष झांकी सजाई गई. जिसे देखने के लिए शहर भर से श्रद्धालु देर रात तक मंदिर पहुंचते रहे.

महादेव की सजाई विशेष झांकी
महादेव की सजाई विशेष झांकी (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)

मंदिर में सजी नोटों की विशेष झांकी (वीडियो ईटीवी भारत जयपुर)

जयपुर. ताड़केश्वर मंदिर में नोटों की आकर्षक झांकी सजाई गई. सोमवार को मासिक शिवरात्रि के मौके पर शहर के सबसे प्राचीन ताड़केश्वर महादेव मंदिर में बाबा भोलेनाथ का विशेष श्रृंगार किया गया. इस दौरान बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ झांकी के दर्शन करने उमड़ी. एक से लेकर 500 रुपए तक के नोट, रियासतकालीन सोने और चांदी की 100 से ज्यादा पुरानी मोहरें और एक से बढ़कर एक कमल के साथ बाबा का श्रृंगार हुआ.

सजी नोटों की झांकी : हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है. फिलहाल वैशाख का महीना चल रहा है. ऐसे में सोमवार को वैशाख मास की शिवरात्रि मनाई गई. इस अवसर पर छोटी काशी के चौड़ा रास्ता में स्थित प्राचीन ताड़केश्वर महादेव मंदिर में ताड़क बाबा की 11 लाख 21 हजार के नोटों से अलौकिक झांकी सजाई गई, जिसे देखने के लिए शहर भर से श्रद्धालु देर रात तक मंदिर पहुंचते रहे. नोटों की इस विशेष झांकी को लेकर पुजारी विशंभर दयाल व्यास ने बताया कि 500 रुपए की पांच गड्डियां सहित अन्य नोट से भोलेनाथ के समक्ष श्रृंगार किया गया. इसके साथ ही यहां एक आने से लेकर पांच पैसे और कौड़ी के पुराने सिक्के सजाए. वैशाख माह में विशेष मनोरथ के साथ सैकड़ों कमल का मनमोहक श्रृ़ंगार किया गया. वहीं भगवान भोलेनाथ को ऋतुफल और शीतल तासीर वाले व्यंजनों का भोग भी लगाया गया. इस दौरान श्रद्धालुओं ने असंख्य दीपकों से महादेव की आरती करते हुए मनोकामना मांगी.

नोटों से ताड़केश्वर महादेव की सजाई विशेष झांकी
नोटों से ताड़केश्वर महादेव की सजाई विशेष झांकी (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)

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बता दें कि ताड़केश्वर महादेव मंदिर शहर के इतिहास से भी पुराना है. यहां स्वयंभू शिवलिंग है. कहा जाता है कि जिस स्थान पर ये मंदिर बना हुआ है, वहां भोलेनाथ स्वयं प्रकट हुए थे. खास बात ये है कि प्राचीन समय से ही यहां हर दिन असंख्य श्रद्धालु अपनी मनोकामना मांगने के लिए आस्था के साथ भगवान के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं.

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