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भीषण गर्मी के मौसम में जा सकती है पशुओं की जान, जानिए कैसै करें बचाव - UTILITY NEWS

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 25, 2024, 6:36 PM IST

Updated : Apr 28, 2024, 7:35 AM IST

राजस्थान में गर्मी के मौसम में इंसानों के साथ- साथ पशुओं को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कई बार पशुओं की मौत तक हो जाती है. ऐसे में भीषण गर्मी में पशुओं की देखभाल कैसे करें, जानिए इस खबर में.

save animals from extreme heat
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पशुओं को गर्मी से बचाने के उपाय

कुचामनसिटी. प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. बढ़ती गर्मी से इंसान ही नहीं बल्कि जानवर भी परेशान देखे जा सकते हैं. जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जाएगी, वैसे-वैसे पशुओं और जीवों पर इसका असर देखने को मिलेगा. गर्मी के मौसम में तेज लू और चिलचिलाती धूप इंसानों पर ही नहीं, जानवरों पर भी बुरा असर डालती है.

पशुपालन विभाग के उप निदेशक डॉक्टर गोविंदराम चौधरी ने बताया कि गर्मी के मौसम में पशुओं की देखभाल में जरा सी लापरवाही उन्हें गंभीर बीमारियों का शिकार बना सकती है, जिससे पशुओं की जान भी जा सकती है. नागौर जिले में भी किसान बढ़ती गर्मी से पशुओं को होने वाली विभिन्न परेशानियों को लेकर फिक्रमंद हैं. चौधरी के मुताबिक तेज गर्मी से पशुओं में डिहाइड्रेशन, दूध उत्पादन में कमी, गर्भपात सहित कई अन्य परेशानियां देखने को मिलती हैं.

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पशुपालक ये ध्यान रखें : गोविंदराम चौधरी ने बताया कि ऐसे में पशुपालकों और किसानों को अपने जानवरों का विशेष ध्यान देने की जरूरत है. गर्मी के मौसम में जानवरों को खुले और हवादार स्थान पर रखना चाहिए. उन्हें दिन में 4 बार पानी पिलाना चाहिए. पशुओं के रहने के स्थान पर अगर शेड लगवाएं, तो वो उचित ऊंचाई और ज्यादा गर्मी देने वाला नहीं होना चाहिए. पशु के चारे को नए और पुराने को उचित अनुपात में मिलाकर देना चाहिए और हरा चारा अधिक देना चाहिए. वहीं, सीधे हवा के संर्पक में आने से पशुओं को बचाना चाहिए, उन्हें हर दिन नहलाना चाहिए.

गौशालाओं के लिए भी विशेष गाइडलाइन : राजस्थान गोपालन निदेशक डॉक्टर शालिनी शर्मा ने बताया कि बदलते हुए मौसम में हर बार गौशालाओं को इस तरह के दिशा निर्देश जारी किए जाते हैं. गौवंश को ताप और लू से बचाने के लिए छाया की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश गौशालाओं को जारी किए गए हैं. अभी गर्मी के मौसम में बढ़ते हुए तापमान और संभावित लू के प्रकोप से गौवंश को बचाने के लिए मूलभूत आवश्यकताओं की जरूरत होती है, जिसमें गौवंश के लिए पर्याप्त पीने का पानी, चारा, भूसा और अन्य पशु आहार शामिल हैं. साथ बीमार, अशक्त गर्भवती गौवंश की उचित देखभाल के लिए चिकित्सकीय इलाज की व्यवस्था के भी निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि मृत गौवंश के शव का निस्तारण यथाशीघ्र सुरक्षित और सम्मानजनक तरीके से किया जाना जरूरी है. जिससे गर्मी के कारण बीमारी का खतरा न हो, इसके लिए भी गौशालाओं को लिखा गया है.

Last Updated :Apr 28, 2024, 7:35 AM IST
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