रांचीः झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के गिरफ्तार होने के बाद अब विभाग के कई अधिकारी भी एजेंसी के रडार पर आ गए हैं. ठेकेदारों से मिलीभगत कर करोड़ों का कमीशन अपने नाम करने वाले अधिकारी भी आने वाले दिनों में ईडी के शिकंजे में होंगे.
कई खुलासे हुए हैं जांच मेंः
मंत्री आलमगीर आलम के पी ए संजीव लाल और नौकर जहांगीर ने टेंडर में पैसे का किस तरह से खेल होता था, उसे लेकर कई बड़े खुलासे किए हैं. ईडी ने जांच में पाया है कि ग्रामीण विकास विभाग व ग्रामीण कार्य विभाग में भारी पैमाने पर टेंडर मैनेज करने के एवज में कमीशनखोरी का धंधा होता था. ग्रामीण विकास विभाग के निचले स्तर से लेकर विभागीय सचिवों की भूमिका इस मामले में संदेह के घेरे में हैं.
22 फरवरी 2023 को गिरफ्तार हुए चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम ने पहली बार मंत्री आलमगीर आलम तक कमीशन की राशि पहुंचाने का खुलासा किया था. राम ने बताया था कि मंत्री और विभाग के बड़े अधिकारियों को कमीशन की 1.5 प्रतिशत राशि पहुंचती थी, जबकि प्रत्येक ठेके में 3.2 प्रतिशत कमीशन लिया जाता था. इस कमीशन में वीरेंद्र राम की हिस्सेदारी .3 प्रतिशत की थी.
ईडी सूत्रों के मुताबिक विभाग में ठेकों के कमीशन का ही 37.37 करोड़ रुपये बरामद किए गए थे, जिसमें 32.20 करोड़ रूपये आलमगीर आलम के आप्त सचिव संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम के पास से बरामद किए गए थे. फरवरी 2020 के बाद से विभाग में पोस्टेड रहे विभागीय सचिव भी अब ईडी की रडार पर हैं.
वीरेंद्र राम की कार्रवाई से जुड़ी गोपनीय पेज लीक की भी होगी जांच
वहीं दूसरी तरफ मंत्री आलमगीर आलम की गिरफ्तारी के बाद अब विभाग के गिरफ्तार चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम पर एसीबी में केस दर्ज करने और कार्रवाई के लिए भेजे गए पत्र के लीक होन को ईडी ने गंभीरता से लिया है. पत्र को छह मई को छापेमारी के दौरान जहांगीर के यहां से बरामद किया गया था. मुख्य सचिव को यह पत्र ईडी ने भेजा था, बाद में इसे मुख्य सचिव ने ग्रामीण विकास विभाग के सचिव को भेजा था. ईडी इस मामले में विभागीय अधिकारियों को समन कर सकती है.
परिवार वालों ने की मंत्री से मुलाकात
बुधवार की देर शाम आलमगीर आलम की गिरफ्तारी के बाद उनके घर की कई महिला सदस्य एजेंसी के दफ्तर पहुंची और आलमगीर आलम से मुलाकात की. आलमगीर आलम को गुरुवार की सुबह विशेष अदालत में पेश किया जाएगा.
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