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'हेलो! मैं बैंक से बोल रहा हूं खाते की डिटेल दीजिए', साइबर ठगों की ऐसी कॉल से रहें सावधान, अपनाएं ये तरीका - cyber fraud prevention measures

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 23, 2024, 12:58 PM IST

Updated : May 23, 2024, 1:03 PM IST

साइबर ठग ठगी के लिए नई-नई तरकीबें अपनाने लगे हैं. ज्यादातर वे बैंक ग्राहकों को अपना निशाना बनाते हैं. ऐसे में बैंक की ओर से लगातार लोगों को सचेत किया जाता है.

जागरूक रहकर साइबर ठगों के जाल से बचा जा सकता है.
जागरूक रहकर साइबर ठगों के जाल से बचा जा सकता है. (PHOTO Credit; Etv Bharat)

बैंक अफसर ने कई सावधानियों से अवगत कराया. (VIDEO Credit; Etv Bharat)

लखनऊ : साइबर ठग लोगों को अपना शिकार बनाने के लिए नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं. लोगों की जरा सी गलती उन्हें बड़ा नुकसान पहुंचा रही है. बैंक के नाम पर भी फर्जी फोन आने लगे हैं. साइबर ठगी से कैसे बचा जाए?, ठगी हो जाने के बाद क्या करें?, वो कौन सी जरूरी बातें हैं जिसे सभी को जानना जरूरी है?, इन सभी सवालों पर ईटीवी भारत ने बैंक अधिकारी से खास बातचीत की. पेश हैं प्रमुख अंश...

स्टेट बैंक ऑफ ऑफिसर्स एसोसिशन लखनऊ सर्किल के महामंत्री और एसबीआई अधिकारी राजीव सिंह सेंगर ने बताया कि साइबर ठगी से बचने के लिए ग्राहकों को जागरूक होने की जरूरत है. किसी भी फोन करने वाले व्यक्ति को अपनी पर्सनल जानकारी और ओटीपी आदि देने से बचें. बैंकिंग फ्रॉड को तभी अंजाम तभी दिया जा सकता है जब ठगों के पास किसी की बैंकिंग और मोबाइल से जुड़ी निजी जानकारी हो. ऐसे में इन जानकारियों को किसी से भी साझा करना खतरे से खाली नहीं है.

इस तरह करें साइबर ठगी से बचाव : बैंक अधिकारी राजीव सिंह सेंगर ने बताया कि डेबिट कार्ड नंबर, क्रेडिट कार्ड नंबर, यूपीआई पिन सहित अन्य कोई भी पर्सनल जानकारी किसी को भी न दें. बैंक अपनी ओर से कॉल कर कभी इनकी जानकारी नहीं मांगता है. बैंक अपने ग्राहकों से पर्सनल जानकारी कभी नहीं पूछती है. अपने यूजरनेम, पासवर्ड या अन्य बैंक डिटेल खुद तक ही सीमित रखें.

किसी भी कीमत पर न दें गोपनीय जानकारी.
किसी भी कीमत पर न दें गोपनीय जानकारी. (PHOTO Credit; Etv Bharat)

कोई भी लिंक ओपन करने से बचें : किसी भी ऐसी ईमेल पर भरोसा नहीं करें जो आपकी पर्सनल जानकारी मांगता हो. कोई भी लिंक ओपन करने से बचें. जब भी आपको अपने इन बॉक्स में कोई ईमेल या मैसेज ऐसा दिखाई दे जो संदिग्ध लगे तो उसे ओपन न करें. कोई जवाब भी न दें. किसी भी अनजाने सोर्स से मिले किसी अटैचमेंट फाइल को ओपन न करें. इस तरह के मैसेज को तत्काल डिलीट कर दें.

किसी भी झांसे में न आएं, दिखाएं समझदारी : इंटरनेट बैंकिंग व अन्य फाइनेंसियल लेनदेन से जुड़े पासवर्ड बनाते समय सावधान रहें और हमेशा मजबूत और यूनिक पासवर्ड ही बनाएं. अपने पासवर्ड किसी से शेयर न करें. किसी भी इनाम के झांसे में न आएं, एआई तकनीक के जरिए परिचितों की आवाज में भी ठग बात कर सकते हैं. किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले परिवार से कंफर्म जरूर करें.

साइबर सेल में दर्ज कराएं शिकायत : बैंक अधिकारी ने बताया कि किसी प्रकार का ऑनलाइन फ्रॉड होने की स्थिति में सबसे पहले जिस प्लेटफॉर्म से पैसा ट्रांसफर हुआ है, उसे तत्काल ब्लाक कराएं और जहां पैसा गया है उसे भी फ्रीज कराएं. अपने साथ हुई किसी तरह के फ्राड या जालसाजी की रिपोर्ट नजदीकी साइबर सेल और अपनी बैंक शाखा में जरूर करवाएं.

किसी भी लिंक पर बिना जाने-समझे न करें क्लिक.
किसी भी लिंक पर बिना जाने-समझे न करें क्लिक. (PHOTO Credit; Etv Bharat)

यहां करें शिकायत, फ्रीज हो जाएगा पैसा : सबसे पहले जिस अकाउंट या डेबिट, क्रेडिट कार्ड या अन्य कार्ड या खाते से पैसा निकला है उसे तुरंत ब्लॉक करवाएं. इसके लिए अपने बैंक से संपर्क करें और अपना अकाउंट या कार्ड फ्रीज कराएं. ऑनलाइन ठगी की रिपोर्ट करवाने के लिए साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 नंबर पर कॉल करें.

इस वेबसाइट पर भी कर सकते हैं कंप्लेंट : ऑनलाइन फ्रॉड को रजिस्टर करने के लिए National Cybercrime (www.cybercrime.gov.in) पोर्टल पर शिकायत करें. शिकायत के बाद यहां मौजूद अधिकारी आपको खुद फोन करके अपराध से जुड़ी हर जानकारी मांगते हैं और आगे की प्रक्रिया पूरी होती है. 155260, 18001234, 18002100 पर भी कॉल कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

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Last Updated : May 23, 2024, 1:03 PM IST
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