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राम लला की प्राण प्रतिष्ठा में गए करीब 90 छात्रों को कॉलेज ने दी ये सजा, साथ में लगाया जुर्माना

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 25, 2024, 7:22 PM IST

Updated : Jan 28, 2024, 3:15 PM IST

Sirmaur News, Ram Mandir Pran Pratishtha
Sirmaur News

Sirmaur News, Ram Mandir Pran Pratishtha: हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर में एक ऐसा मामला सामने आया जिससे लोग काफी आक्रोशित हो गए. बता दें कि 22 जनवरी को एक निजी संस्थान के 90 के करीब छात्र रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में भाग लेने गए. जिसके बाद कॉलेज प्रबंधन की ओर से छात्रों पर कार्रवाई की गई है. पढ़ें पूरा मामला...

मामले का पता चलते ही हिंदू संगठन भड़क गए हैं.

सिरमौर: गत 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की धूम देश ही नहीं अपितु विदेशों में भी देखने को मिली. इस पावन अवसर पर अयोध्या सहित पूरे देश में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों में लोगों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया, लेकिन वहीं ठीक इसके विपरीत रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में भाग लेने गए करीब 90 छात्रों को इसकी सजा मिलने का मामला भी सामने आया है.

'छात्रों को कॉलेज से निकालने की धमकी': यह मामला देवभूमि हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के तहत गुरु की नगरी पांवटा साहिब में देखने को मिला. यहां हिमाचल ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट कॉलेज प्रबंधन ने न केवल कॉलेज के छात्रों को क्लासरूम के बाहर खड़ा होने की सजा सुनाई, बल्कि उन पर 2500-2500 रुपये का जुर्माना भी भरने के फरमान जारी कर दिए. यही नहीं छात्रों को जुर्माना न भरने की सूरत में कॉलेज से निकालने तक की धमकी दे डाली.

मौके पर तहसीलदार व डीएसपी ने मामला करवाया शांत: मामले की भनक लगते ही हिंदू संगठन भड़क उठे. उन्होंने कॉलेज पहुंचकर गेट पर प्रदर्शन किया. मामले में बवाल बढ़ते देख स्थानीय प्रशासन भी मौके पर पहुंचा. मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. तहसीलदार व डीएसपी ने मौके पर पहुंचकर मामले को शांत करवाया और मामले की जांच का पूरा भरोसा दिया. उधर, बताया जा रहा है कि जुर्माना लगाने वाले कॉलेज के एचओडी को जबरन छुट्टी पर भेज दिया गया.

बता दें कि अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए हिमाचल सरकार ने भी प्रदेश में सार्वजनिक छुट्टी का ऐलान किया था, जिसके बाद कॉलेज के छात्र भी पांवटा साहिब में स्थानीय स्तर पर प्राण प्रतिष्ठा के धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए चले गए. वहीं, कॉलेज प्रबंधन ने भी सरकार के आदेशों को दरकिनार कर कॉलेज में छुट्टी नहीं थी. ऐसे में 22 जनवरी को छात्रों के कॉलेज न पहुंचने पर उन पर जुर्माना लगा दिया गया. वहीं, नाम न छापने की शर्त पर कुछ छात्रों ने बताया कि सजा के तौर पर छात्रों क्लासरूम के बाहर भी खड़ा कर दिया गया. साथ ही जुर्माना अदा न करने की सूरत में कॉलेज से निकाले जाने तक की भी चेतावनी दी गई.

'कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर होगी कार्रवाई': उधर, पांवटा साहिब के तहसीलदार ऋषभ शर्मा ने बताया कि मामला संज्ञान में आने के बाद मौके पर जायजा लिया गया है. मामले की जांच के लिए कॉलेज की इंटरनल कमेटी गठित की गई है. रिपोर्ट आने के बाद मामले में आगामी कार्रवाई की जाएगी.

'कॉलेज प्रबंधन ने भी की जांच शुरू': दूसरी तरफ कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल (फार्मा) डॉ. अभिनय पुरी के अनुसार कॉलेज प्रबंधन ने भी अपने स्तर पर कमेटी बना दी है. मामले की जांच की जा रही है, जिसमें छात्रों व एचओडी दोनों पक्षों को सुना जाएगा. इसके बाद मामले में आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

'धार्मिक भावना से खिलवाड़ नहीं': विभिन्न हिंदू संगठनों से जुड़े कार्यकर्ता सचिन ओबराय, सन्नी व अजय सभ्रवाल ने मांग की कि जुर्माना लगाने वाले कॉलेज के संबंधित अधिकारी को निलंबित किया जाए. साथ ही छात्रों पर लगाए गए जुर्माना के आदेशों को वापस लिया जाए. उन्होंने स्पष्ट कहा कि धार्मिक भावना से खिलवाड़ सहन नहीं होगा.

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Last Updated :Jan 28, 2024, 3:15 PM IST
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