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एबीवीपी ने डीयू में ममता बनर्जी का और जेएनयू में एसएफआई का पुतला फूंका

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Mar 12, 2024, 8:41 AM IST

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एबीवीपी ने संदेशखाली की घटना के खिलाफ आंदोलन कर रहे एबीवीपी के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल की गिरफ्तारी के खिलाफ दिल्ली विश्वविद्यालय के कला संकाय में ममता बनर्जी का पुतला फूंका एवं धरना प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज किया.

नई दिल्ली: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने सोमवार को सिलीगुड़ी में संदेशखाली की घटना के विरूद्ध आंदोलन कर रहे एबीवीपी के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल की गिरफ्तारी के खिलाफ दिल्ली विश्वविद्यालय के कला संकाय में ममता बनर्जी का पुतला फूंका एवं धरना प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज किया. ज्ञात हो कि पश्चिम बंगाल के संदेशखाली इलाके में महिलाओं के साथ हुए जघन्य अपराध के खिलाफ एबीवीपी के कार्यकर्ता राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल के नेतृत्व में बंगाल के सिलीगुड़ी में शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे. जिन पर ममता सरकार की पुलिस ने बर्बरता पूर्वक लाठी चार्ज कर घसीटकर उनके साथ दुर्व्यवहार किया. ममता सरकार इस प्रकार के तानाशाही कृत्य से आम जनता एवं महिलाओं के आवाज़ को दबाने का प्रयास कर रही है.

विद्यार्थी परिषद की स्पष्ट मांग है कि ममता सरकार संदेशखाली घटना में संलिप्त अपराधियों को संरक्षण देना बंद करें एवं इस घटना में संलिप्त सभी अपराधियों पर सख़्त से सख़्त कार्रवाई जल्दी से करे. एबीवीपी डीयू इकाई मंत्री सौम्या वर्मा ने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं के साथ हुई बर्बरता और ममता सरकार की उसमें संलिप्तता पूरे मानव समाज को शर्मसार कर रही है. एबीवीपी दोषियों पर कार्रवाई को लेकर निरंतर आंदोलन कर रही है. हमारे द्वारा जब भी पश्चिम बंगाल में आंदोलन हुए है, उसको रोकने हेतु ममता सरकार अपनी पुलिस का प्रयोग कर अपनी तानाशाही स्वरूप को दिखा रही है.

जेएनयू में एसएफआई का पुतला दहन

जेएनयू में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने केरल पशु चिकित्सा एवं पशुपालन विश्वविद्यालय में द्वितीय वर्ष के छात्र सिद्धार्थ को प्रताड़ित कर हत्या करने पर एसएफआई का विरोध प्रदर्शन और पुतला दहन किया. इस घटना में शामिल सभी आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की. जहां अभाविप शैक्षिक परिसरों में छात्रों के मध्य आनंदमयी छात्र जीवन अभियान के साथ छात्रों के बीच तनावमुक्त शैक्षिक वातावरण बनाने पर कार्य कर रहा है, वहीं एसएफआई जैसे वाम पंथी संगठन छात्रों को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं और उनकी हत्या तक कर दे रहे हैं. अभाविप का यह प्रदर्शन शिक्षण संस्थानों में छात्रों की सुरक्षा और तनावमुक्त वातावरण बनाने के लिए एवं एसएफआई द्वारा छात्रों पर प्रताड़ना एवं अत्याचार के विरोध में एक महत्वपूर्ण कदम है.

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ज्ञात हो कि छात्र सिद्धार्थ ने 18 फरवरी को विश्वविद्यालय के छात्रावास में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. सीपीएम और एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने सिद्धार्थ के साथ लगातार तीन दिनों तक मार पीट एवं हिंसा की और उससे मानसिक रूप प्रताड़ित किया, जिसके कारण उसे आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ा. पुलिस द्वारा जांच में एसएफआई के 18 कार्यकर्ताओं को दोषी पाते हुए गिरफ्तारी हुई है.

अभाविप ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की निंदा करते हुए कहा कि शिक्षण संस्थानों में वामपंथी संगठनों द्वारा छात्रों के विरुद्ध बढ़ती हिंसा और अराजकता का एक ज्वलंत उदाहरण है. अभाविप जेएनयू ने सरकार से इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाने और दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की.

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