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कहां खर्च किए करोड़ों रुपये जवाब नहीं दे सके दारोगा जी, जांच के बाद आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 12, 2024, 4:00 PM IST

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साल 2020 में आगरा पुलिस की एसओजी टीम में तैनात रहे चर्चित (disproportionate assets) दारोगा महेश कुमार पाठक पर कमला नगर थाने में भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज हुआ है. जांच के समय वह मुख्य आरक्षी थे. वर्तमान में इटावा के पछाय गांव थाने में दारोगा के पद पर हैं.

आगरा : जिले की एसओजी टीम में लंबे समय तक तैनात रहे तत्कालीन मुख्य आरक्षी महेश पाठक के खिलाफ विजिलेंस की जांच के आधार पर थाना कमला नगर में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है. वर्तमान में आरोपी महेश पाठक प्रोन्नति प्राप्त कर इटावा जिले में एसआई के पद पर तैनात हैं. इनकी पोस्टिंग पछायगांव थाने में है. विजिलेंस की खुली जांच में दारोगा पर लगे आरोप सत्य पाए गए हैं. 31 अक्टूबर 2020 में अपर पुलिस महानिदेशक लोक शिकायत ने आरक्षी महेश पाठक के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच के निर्देश दिए थे. इसकी जांच विजिलेंस आगरा को सौंपी गई थी. इस जांच के दौरान आरोपी महेश पाठक ने प्रोन्नति प्राप्त कर मुख्य आरक्षी से एसआई बनने तक का सफर भी तय कर लिया. लेकिन, विजिलेंस ने जांच के निष्कर्ष में महेश पाठक को दोषी पाया, जिसके बाद थाना कमला नगर में महेश पाठक के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है.

दारोगा ने कमाए लाखों, खर्च कर दिए करोड़ों : विजिलेंस ने भ्रष्टाचार के आरोप की जांच के दौरान पाया कि दारोगा महेश पाठक ने आरक्षी के पद पर रहते हुए वैध स्रोतों से 66,91,344 रुपये की धनराशि अर्जित की थी. लेकिन, इस अवधि में दारोगा ने चल-अचल परिसंपत्तियों के अर्जन और भरण-पोषण में 2.54 करोड़ रुपये खर्च किए थे. इस असीमित खर्च के स्पष्टीकरण के लिए विजिलेंस की ओर से आरोपी दारोगा से स्पष्टीकरण मांगा गया था. लेकिन, दारोगा स्पष्टीकरण पर संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए. उसी आधार पर दारोगा महेश पाठक को दोषी मानकर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया गया है. इसकी शिकायत इंस्पेक्टर राजकिशोर यादव ने की है.

नामचीन सटोरिया और बुकियों से थे संबंध : आगरा में एसओजी के अंदर लंबा समय बिताने वाले भ्रष्टाचार के आरोपी दारोगा महेश पाठक की शहर के कई नामचीन सटोरी और बुकियों से नजदीकियां रही थीं. इसकी गोपनीय शिकायत तत्कलीन एसएसपी तक भी पहुंची थी. इसके बाद एसएसपी ने ही आय से अधिक संपत्ति जांच को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखा था. इसके बाद महेश पाठक की मुश्किलें बढ़ती गईं.

विजिलेंस इंस्पेक्टर राजकिशोर ने बताया कि अपर पुलिस महानिदेशक के आदेशानुसार आगरा विजिलेंस के मुख्य आरक्षी महेश पाठक के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच सौंपी गई थी. भ्रष्टाचार के आरोप में फंसे महेश पाठक को स्पष्टीकरण नोटिस जारी किया गया था. लेकिन, वह उसका संतुष्टि पूर्ण जवाब नहीं दे पाए. जांच में दोषी पाए जाने पर आरोपी महेश पाठक के विरुद्ध थाना कमला नगर में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया गया है.

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