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श्री कृष्ण जन्मभूमि और ज्ञानवापी को लेकर 18 फरवरी को जयपुर में संत समाज भरेगा हुंकार, देश-विदेश से आएंगे संत

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 12, 2024, 8:55 AM IST

18 फरवरी को जयपुर में अखिल भारतीय संत सम्मेलन में देश-विदेश का संत समाज जुटेगा. संत सम्मेलन के दौरान मथुरा में श्री कृष्ण जन्म स्थान और ज्ञानवापी काशी विश्वनाथ मंदिर को वापस लेने के लिए आवाज बुलंद होगी. इस दौरान वैश्विक स्तर पर सनातन धर्म को लेकर होने वाली चर्चा पर मंथन भी किया जाएगा.

संत समाज भरेगा हुंकार
संत समाज भरेगा हुंकार

18 फरवरी को जयपुर में संतों का सम्मेलन

जयपुर. छोटी काशी के नाम से मशहूर जयपुर में मथुरा में श्री कृष्ण जन्म स्थान और ज्ञानवापी काशी विश्वनाथ मंदिर को वापस लेने के लिए आवाज बुलंद होगी. 18 फरवरी को होने वाले अखिल भारतीय संत सम्मेलन में देश-विदेश का संत समाज जुटेगा. इस दौरान वैश्विक स्तर पर सनातन धर्म को लेकर होने वाली चर्चा पर मंथन भी किया जाएगा.

पावन धाम सेवा समिति और धर्म फाउंडेशन ट्रस्ट की ओर से साप्ताहिक धर्मोत्सव पर्व का आयोजन होने जा रहा है, जिसका आगाज 18 फरवरी को छोटी काशी से होगा. इस संत सम्मेलन में देश और विदेश से अनेक संत महात्मा शामिल होंगे. श्री पंच खंड पीठाधीश्वर के आचार्य सोमेन्द्र महाराज ने बताया कि सात दिवसीय धर्मोत्सव का आयोजन होने जा रहा है. 18 फरवरी को छोटी काशी में अखिल भारतीय संत सम्मेलन का आयोजन होगा. सम्मेलन में देश और विदेश से अनेक संत, महात्मा, आचार्य, महामंडलेश्वर पहुंचेंगे. सम्मेलन के दौरान समसामयिक विषयों पर विचार विमर्श करेंगे, जिसमें सनातन धर्म का संपूर्ण विश्व में किस तरह प्रचार-प्रसार हो और सनातन धर्म के प्रति दिखाई जा रही आक्रामकता के शमन को लेकर भी चर्चा की जाएगी. साथ ही हिंदुओं और सनातन धर्म के आस्था के प्रतीक धर्मस्थल श्री कृष्ण जन्म स्थान और ज्ञानवापी काशी विश्वनाथ भगवान के परिसर को वापस लेने के लिए वातावरण बनाने पर भी विचार विमर्श किया जाएगा.

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18 फरवरी को संतों का बड़ा सम्मेलन : उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन जो भी प्रस्ताव पारित होगा, जो भी संत दिशा निर्देश देंगे, उसे संपूर्ण भारत में गांव गांव तक पहुंचाने की जिम्मेदारी संत सम्मेलन में तय की जाएगी. साथ ही गौ रक्षा, गौ सेवा, नई पीढ़ी में सनातन धर्म की परंपरा और संस्कृति की पुनर्स्थापना जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी. वहीं, उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगातार हो रही मंदिर पुजारी की हत्या के मामलों को ध्यान में रखते हुए धर्म स्थलों और मंदिर की सेवा पूजा का कार्य कर रहे पंडित, पुजारी, महंत की सुरक्षा की व्यापक व्यवस्था होनी चाहिए. यदि संत समाज इस तरह के किसी प्रस्ताव को सम्मेलन में लाता है, तो उसे भी प्रमुखता से उठाया जाएगा.

सम्मेलन के दौरान गोवा के श्री दत्त पादनाव पीठ के पीठाधीश्वर ब्रह्मेशानंद को अखिल भारतीय राष्ट्र गौरव सम्मान अलंकरण दिया जाएगा. सम्मेलन के बाद 19 फरवरी से 24 फरवरी तक के सभी कार्यक्रम श्री पंचखण्ड पीठ पावन धाम आश्रम विराटनगर मे आयोजित किए जाएंगे. वहीं, आयोजन समिति के संरक्षक महामंडलेश्वर मनोहर दास महाराज ने कहा कि विश्व के कोने-कोने में सनातन धर्म को आगे बढ़ाने का काम कर रहा संत समाज इस सम्मेलन में शामिल होगा और अगले साल 2025 में प्रयागराज में होने वाले कुंभ से पहले-पहले 1 साल के दौरान अलग-अलग प्रदेशों में जाकर संत सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा.

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जयपुर में संत समाज भरेगा हुंकार: बता दें कि इस सम्मेलन में श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविन्द गिरी, ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी कमलनयन दास, पद्म श्री बह्मेशानंद महाराज, वलसाड गुजरात के रामदास महाराज, पुणे से कालीचरण महाराज, अमरकंटक के महामंडलेश्वर हरिध्यनन्द महाराज, गुजरात से जनार्दन महाराज, हरिद्वार के स्वामी रविंद्र मुनि महाराज, वृंदावन के श्री राधे राधे बाबा, कैलिफोर्निया अमेरिका से स्वामी स्वायत्तानंद महाराज, स्पेन से नरेंद्र नंद महाराज और विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार मौजूद रहेंगे.

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