ETV Bharat / sports

सरफराज खान ने दूसरे टेस्ट मैच से पहले भरी हुंकार, कह डाली ये बड़ी बात

author img

By IANS

Published : Feb 1, 2024, 5:14 PM IST

भारत बनाम इंग्लैंड के बीच दूसरे टेस्ट मैच से पहले सरफराज खान ने बड़ी बात बोल दी है. फैंस उम्मीद जता रहे हैं कि सरफराज उनको दूसरे टेस्ट मैच में प्लेइंग 11 में मौका दिया जा सकता है. पढ़ें पूरी खबर.....

सरफराज खान
सरफराज खान

विशाखापत्तनम : दाएं हाथ के बल्लेबाज सरफराज खान का मानना ​​है कि पांच दिनों का टेस्ट मैच खेलने के लिए धैर्य रखना होगा और हर दिन अभ्यास करना होगा, यही एक कारण है कि वह पूरे दिन खेल सकते हैं. सरफराज भारतीय टेस्ट टीम में शामिल किए गए तीन खिलाड़ियों में से एक हैं, क्योंकि रवींद्र जडेजा (हैमस्ट्रिंग चोट) और केएल राहुल (दाएं क्वाड्रिसेप्स दर्द) को इंग्लैंड के खिलाफ एसीए-वीडीसीए स्टेडियम में शुक्रवार से शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट से बाहर कर दिया गया है, जिससे उन्हें एक मौका मिला है.

मुंबई के लिए घरेलू क्रिकेट के पिछले तीन सत्रों में शानदार रन बनाने वाले सरफराज ने 160 गेंदों में 161 रनों की शानदार पारी खेली, जिससे भारत ए ने अहमदाबाद में दूसरे चार दिवसीय मैच में इंग्लैंड लायंस को पारी और 16 रन से हरा दिया. उनका प्रथम श्रेणी क्रिकेट का औसत 69.85 है. 'मेरी ताकत यह है कि मैं आसानी से संतुष्ट नहीं होता. मैं हर दिन 500-600 गेंदें खेलता हूं. अगर मैं एक मैच में कम से कम 200-300 गेंदें नहीं खेल पाता, तो मुझे लगता है कि मैंने कुछ खास नहीं किया. अब यह आदत बन गई है. सुबह, दोपहर और शाम को अभ्यास करें.

सरफराज ने जियोसिनेमा से कहा, 'मैं केवल एक ही चीज का आदी हूं, बल्लेबाजी करना और गेंदों का सामना करना. यदि आप पांच दिवसीय क्रिकेट खेलना चाहते हैं, तो आपको धैर्य रखना होगा और हर दिन अभ्यास करना होगा. मैं पूरे दिन क्रिकेट खेलता हूं और यही कारण है कि मैं पिच पर लंबे समय तक टिक सकता हूं. उन्होंने यह भी बताया कि वह किन क्रिकेटरों को खेलते देखना पसंद करते हैं और कैसे वह खेल के बारे में अपनी समझ बढ़ाने की कोशिश करते हैं. 'मुझे विराट कोहली, एबी डिविलियर्स, सर विवियन रिचर्ड्स और यहां तक ​​कि जावेद मियांदाद को देखना पसंद है क्योंकि मेरे पिता ने मुझसे कहा है कि मैं उनकी तरह खेलता हूं. मैं जो रूट की बल्लेबाजी भी देखता हूं.

सरफराज खान
सरफराज खान

'जो कोई भी सफल हो रहा है, मैं उन्हें देख रहा हूं कि वे यह कैसे कर रहे हैं ताकि मैं सीख सकूं और जब मैं बीच में हूं तो इसे लागू कर सकूं. मैं ऐसा करना जारी रखना चाहता हूं, चाहे वह रणजी ट्रॉफी में हो या भविष्य में भारत के लिए खेलना हो. सरफराज ने एक क्रिकेटर के रूप में अपने विकास में अपने पिता नौशाद की भूमिका के बारे में भी बात की. 'मेरे पिता ने मुझे क्रिकेट से परिचित कराया, और मैं हमेशा सोचता था कि मैं क्यों खेल रहा हूं. स्वभाव से मैं एक आक्रामक बल्लेबाज हूं और मैं दूसरों की तुलना में जल्दी आउट हो जाता था और बड़े रन बनाना मुश्किल हो रहा था. दूसरों को सफल होते देखना निराशाजनक था. मैं रनों में शामिल नहीं होता.

'यहां तक ​​कि जब मैं मुंबई से यूपी चला गया, तब भी वह मुझे देखने के लिए फ्लाइट लेते थे. वह चयन ट्रायल से पहले छत या सड़क पर ही मुझे गेंदबाजी करना शुरू कर देते थे. अब मुझे उन प्रयासों के प्रभाव और महत्व का एहसास होता है.

उन्होंने निष्कर्ष निकाला, 'जब मैं यूपी से मुंबई वापस आया, तो मुझे डर लग रहा था कि इससे मेरा करियर खत्म हो जाएगा और मुझे दृढ़ता से लगा कि मेरे आगे कोई भविष्य नहीं है, लेकिन मेरे पिता हमेशा मेरे साथ खड़े रहे. अगर आप ऐसा नहीं करते तो जीवन में इसकी कोई गारंटी नहीं है. लेकिन मेरे पिता हमेशा कड़ी मेहनत में विश्वास करते थे, और मेरे पास जो कुछ भी है वह उसी काम का परिणाम है.

यह भी पढ़ें : वाइजैग में कैसा रहेगा पिच का मिजाज, जानिए बल्लेबाज या गेंदबाज कौन मचाएगा धमाल
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.