लाहौर : चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) जो शेड्यूल तैयार कर रही है उसमें भारत को पूरे टूर्नामेंट के लिए एक ही शहर में रोका जा सकता है. पीसीबी वह हरसंभव प्रयास कर रही है. जिससे 17 साल में पहली बार भारतीय टीम का पाकिस्तान दौरा संभव हो सके. दो सप्ताह के टूर्नामेंट का आयोजन करने के लिए पीसीबी कराची, लाहौर और रावलपिंडी पर विचार कर रही है. ईएसपीएनक्रिकइंफो का कहना है कि भारत के सभी मैच लाहौर में कराए जा सकते हैं क्योंकि यहीं पर फाइनल भी खेला जाना हैं.
भारत को एक ही शहर में रोकने से सुरक्षा संबंधी चिंता को कम किया जा सकता है. लाहौर में होने से वाघा बॉर्डर भी पास पड़ेगा, जिससे कि भारतीय फैंस के लिए भी वहां जाना आसान होगा. पीसीबी चेयरमैन मोहसिन नकवी ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि उन्होंने एक ड्राफ़्ट बनाकर आईसीसी को भेज दिया है. ड्राफ्ट पर पर चर्चा होनी बाकी है और सबसे अहम मुद्दा यही होगा कि क्या भारतीय टीम पाकिस्तान दौरे पर जाएगी या नहीं.
2008 में हुए एशिया कप के बाद से भारतीय टीम ने पाकिस्तान में नहीं खेला है. उसी साल हुए मुंबई हमले के बाद से दोनों देशों के बीच संबंध लगातार खराब ही होते रहे हैं. पिछले साल जब पाकिस्तान ने एशिया कप की मेजबानी की थी, तो उन्हें मजबूरी में हाइब्रिड मॉडल अपनाना पड़ा था. भारत ने अपने सभी मैच श्रीलंका में खेले थे और इसमें पाकिस्तान के खिलाफ हुआ मैच भी शामिल था.
पिछले साल भारत में खेले गए वनडे विश्व कप में अपने लिए पाकिस्तान ने भी हाइब्रिड मॉडल की मांग की थी, लेकिन इस पर कभी गंभीर चर्चा हुई ही नहीं. पांच अलग-अलग मैदानों में पाकिस्तान ने अपने मैच खेले थे और ग्रुप चरण से बाहर हुए थे. चैंपियंस ट्रॉफ़ी के लिए भारतीय टीम पाकिस्तान जाएगी या नहीं, इसका फैसला बीसीसीआई की बजाय भारत सरकार के हाथों में है.
मंगलवार की शाम को कराची में नकवी ने उम्मीद जताई है कि इस टूर्नामेंट के लिए सभी आठ टीमें पाकिस्तान आएंगी. 1996 विश्व कप में भारत और श्रीलंका के साथ संयुक्त मेज़बानी करने के बाद यह पहला आईसीसी इवेंट होगा, जिसकी पाकिस्तान मेजबानी करता नजर आएगा. 2008 में ही पाकिस्तान इसे होस्ट करने वाला था, लेकिन टूर्नामेंट स्थगित कर दिया गया था और फिर इसे सुरक्षा कारणों से साउथ अफ्रीका स्थानांतरित कर दिया गया था.