रांची: झारखंड में रामनवमी बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस साल 17 अप्रैल को रामनवमी का पर्व है. हर साल की तरह भगवान राम के जन्मोत्सव की तैयारी जोरों पर है. अन्य वर्षों की तुलना में इस साल रामनवमी में खास संयोग और मुहूर्त बन रहा है. आध्यात्मिक दृष्टि से रामनवमी के दिन दुर्लभ संयोग के साथ चार अत्यंत शुभ योग भी बन रहे हैं. इस कारण इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ गया है. इस वर्ष रामनवमी के दिन गुरु पुष्य योग, अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग बन रहे हैं.
इस वर्ष रामनवमी पर पड़ रहा बेहद दुर्लभ संयोग
इस संबंध में हरमू मंदिर के मुख्य पुजारी मृत्युंजय पांडे कहते हैं कि यह एक बेहद ही खास संयोग बन रहा है. श्रीराम के जन्म के समय बना शुभ योग इस बार पर बन रहा है. जिसमें चंद्रमा कर्क राशि में मौजूद होगा. हम सभी जानते हैं कि भगवान राम का भी जन्म कर्क लग्न में ही हुआ था. इसके अलावा भगवान राम के जन्म के समय सूर्य दशम भाव में विराजमान होकर उच्च राशि में थे. इस बार रामनवमी पर सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में होकर दोपहर के समय दशम भाव में मौजूद होंगे. इसके साथ-साथ गज केसरी योग भी बन रहा है. उन्होंने बताया कि बेहद ही पुण्य और फलदायी संयोग बन रहा है.
इस समय करें रामनवमी की पूजा
भगवान राम के जन्मोत्सव का समय 11 बजकर 17 मिनट से लेकर 1 बजकर 22 मिनट तक है. जिसमें पूजा-अर्चना करने के बाद बजरंगबली की पूजा और झंडा की पूजा होगी. पुजारी मृत्युंजय पांडे कहते हैं कि वैसे तो दिन भर रामनवमी है, लेकिन पूजन का कार्य 11बजकर 17 मिनट से लेकर 1 बजकर 22 मिनट तक होगा और उसके बाद शोभायात्रा निकाली जाएगी. उन्होंने कहा कि अन्य वर्ष की तुलना में इस साल दुर्लभ संयोग के साथ रामनवमी की तिथि पड़ रही है, जो श्रद्धालुओं के लिए बेहद ही पुण्य और फलदायी होगा.
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