त्बिलिसी : प्रस्तावित कानून के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद जॉर्जिया की संसद ने अपना गुरुवार को पूर्ण सत्र रद्द कर दिया. आलोचकों को डर है प्रस्तावित कानून से मीडिया की स्वतंत्रता बाधित होगी. जिससे यूरोपीय संघ में सदस्यता मिलने में भी, जॉर्जिया को परेशानी हो सकती है.
संसद की घोषणा में कहा गया है कि बुधवार के विरोध प्रदर्शन के दौरान इमारत को हुए नुकसान के कारण सत्र को रद्द किया जा रहा है. बता दें कि बुधवार को पुलिस ने हजारों प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पानी की बौछार, आंसू गैस और काली मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल किया था.
जॉर्जिया की सांसद ने बुधवार को विधेयक के दूसरे वाचन को मंजूरी दे दी. जिसके तहत मीडिया और गैर-व्यावसायिक संगठनों को 20 प्रतिशत अधिक विदेशी निवेश लेने के लिए खुद को 'विदेशी शक्ति के हितों का पीछा करने वाले' के रूप में पंजीकृत होने की आवश्यकता होगी.
तीसरी और अंतिम रीडिंग मई के मध्य में होने की उम्मीद है. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि गुरुवार को सत्र को रद्द होने के बाद बिल की प्रगति पर किस तरह से काम होगा. सत्तारूढ़ जॉर्जियाई ड्रीम पार्टी ने पिछले साल बड़ी भीड़ के विरोध के बाद भी इस कानून पर बढ़ने का फैसला टाल दिया था और प्रस्ताव को वापस ले लिया था.
प्रदर्शनकारी इस विधेयक की 'रूसी कानून' के रूप में निंदा करते हैं क्योंकि पड़ोसी रूस स्वतंत्र समाचार मीडिया और क्रेमलिन की आलोचना करने वाले संगठनों को कलंकित करने के लिए इसी तरह के कानून का उपयोग करता है. जॉर्जिया के 150 सांसदों में से 83 ने दूसरे वाचन में विधेयक को मंजूरी दे दी, जबकि 23 ने इसके खिलाफ मतदान किया.
जॉर्जियाई राष्ट्रपति सैलोम जौराबिचविली, जो सत्ताधारी दल के साथ मतभेद में हैं, ने विधेयक की आलोचना की है और संसद की ओर से पारित होने पर इसे वीटो करने की कही है. लेकिन सत्ताधारी दल वीटो को खारिज कर सकता है और संसदीय अध्यक्ष से विधेयक पर हस्ताक्षर करके इसे कानून बनाने के लिए कह सकता है.
इस महीने की शुरुआत में यूरोपीय संघ की विदेश नीति शाखा ने भी कानून को फिर से लागू करने के जॉर्जियाई ड्रीम के फैसले की आलोचना की थी. उन्होंने कहा था कि यह देश में मीडिया की स्वतंत्रता के बारे में 'गंभीर चिंताएं पैदा करता है' - जिसे उसने 'यूरोपीय संघ के परिग्रहण प्रक्रिया के लिए महत्वपूर्ण' कहा था.