मॉस्को: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बीच व्लादिमीर पुतिन एक बार फिर रूस के राष्ट्रपति चुन लिए गए हैं. राष्ट्रपति बनने के बाद अपने इस नए कार्यकाल के दौरान उन्होंने अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए चीन का चुनाव किया है और चीनी राष्ट्रपति शी जिंनपिंग से मुलाकात की इच्छा जताई है. लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर व्लादिमीर पुतिन ने चीन को दौरा करने की इच्छा क्यों जताई.
रूसी नेता ने ही दी सलाह: जानकारी के अनुसार व्लादिमीर पुतिन को चीन जाने की सलाह कम्यूनिस्ट पार्टी के नेता जेनेडी जूगानोव ने दी थी. दरअसल राष्ट्रपति बनने के बाद व्लादिमीर पुतिन ने एक बैठक आयोजित की थी. रूस की सरकारी एंजेसी TASS की माने तो इसी बैठक में जेनेडी ने व्लादिमीर पुतिन को अपने पहले विदेश दौरे के लिए चीन को चुनने की सलाह दी थी.
बैठक के दौरान जेनेडी ने व्लादिमीर पुतिन से कहा कि फिर से राष्ट्रपति बनने के बाद अपका पहला विदेश दौरा किसी पश्चिमी देश का नहीं, बल्कि किसी पूर्वी देश का होना चाहिए और इस दौरे के लिए चीन एक सही विकल्प है. उन्होंने कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग लंबे समय से पुतिन से मुलाकात का इंतजार कर रहे हैं. इस बैठक के बाद पुतिन ने वहां जाने की इच्छा जताई और कहा कि वह चीन जाएंगे.
रूस और चीन के बीच 'कोई सीमा नहीं' साझेदारी: जानकारी के अनुसार व्लादिमीर पुतिन मई माह में चीन के दौरे पर जा सकते हैं. बता दें कि चीन और रूस ने फरवरी 2022 में 'कोई सीमा नहीं' साझेदारी की घोषणा की थी, जब पुतिन ने यूक्रेन में हजारों सैनिकों को भेजने से कुछ ही दिन पहले बीजिंग का दौरा किया, जिससे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप में सबसे घातक भूमि युद्ध शुरू हो गया.
चीन अमेरिका का प्रतिद्वंद्वी तो रूस राष्ट्र-राज्य खतरा!: संयुक्त राज्य अमेरिका चीन को अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी और रूस को अपने सबसे बड़े राष्ट्र-राज्य खतरे के रूप में बताता है, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का तर्क है कि इस सदी को लोकतंत्र और निरंकुशता के बीच अस्तित्व की प्रतिस्पर्धा से परिभाषित किया जाएगा.
पुतिन और शी जिनपिंग एक व्यापक विश्व दृष्टिकोण साझा करते हैं. इस दृष्टिकोण में दोनों देश पश्चिमी देशों को पतनशील और गिरावट में देखते है, जैसे चीन क्वांटम कंप्यूटिंग और सिंथेटिक जीव विज्ञान से लेकर जासूसी और कठोर सैन्य शक्ति तक हर चीज में अमेरिकी वर्चस्व को चुनौती देता है.
पांचवीं बार रूस के राष्ट्रपति बने व्लादिमीर पुतिन: बता दें कि व्लादिमीर पुतिन को पांचवीं बार रूस के राष्ट्रपति के तौर पर चुना गया है. उन्हें लगभग 88 प्रतिशत वोटों के साथ रूस का राष्ट्रपति चुना गया. सटीक अंकों की बात करें तो पुतिन को 87.97 प्रतिशत वोट हासिल हुए. आपको जानकर हैरानी होगी कि व्लादिमीर पुतिन रूस की सत्ता में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के तौर पर 1999 से बने हुए हैं.