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रिलायंस और डिजनी की डील से भारतीय मीडिया जगत पर क्या पड़ेगा प्रभाव, जानें

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Mar 1, 2024, 12:35 PM IST

Reliance Industries
रिलायंस और डिजनी

Reliance Industries Disney : रिलायंस और डिजनी के मर्जर ने भारतीय मीडिया जगत में हलचल पैदा कर दी है. रिलायंस 11500 करोड़ रुपए का निवेश करेगी. मर्जर के बाद वायकॉम 18 की हिस्सेदारी 46.82 फीसदी, जबकि डिजनी के पास 36.84 फीसदी हिस्सेदारी होगी. कलर्स, स्टारप्लस, स्टारगोल्ड और स्पोर्ट्स चैनल जैसे स्टार स्पोर्ट्स और स्पोर्ट्स18 एक ही ग्रुप के चैनल होंगे. जियो सिनेमा और हॉटस्टार उनके साथ जुड़ेगा. डिजनी अपना कंटेंट रिलायंस को प्रोवाइड करेगा. संयुक्त इकाई के पूरे भारत में 750 मिलियन से अधिक दर्शक होंगे. पढ़ें पूरी खबर.

नई दिल्ली: रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने मनोरंजन क्षेत्र में एक मेगा-डील हासिल कर ली है. इस डील से 70,000 करोड़ रुपये का रिलायंस-नियंत्रित संयुक्त उद्यम (जेवी) भी स्थापित होगा जो वायकॉम 18 और स्टार इंडिया के मीडिया व्यवसायों को जोड़ता है. रिलायंस अपनी विकास रणनीति को बढ़ावा देने के लिए उद्यम में 11,500 करोड़ रुपये का निवेश भी करेगी. इस डील से पहले रिलायंस ने वॉल्ट डिजनी के भारत के कारोबार को 3 बिलियन डॉलर आंका है, जबकि पहले अनुमान 15 बिलियन डॉलर तक का था.

Disney
डिजनी

देश की सबसे बड़ी मीडिया
विशेषज्ञों को मानना है कि रिलायंस की सहायक कंपनी वायकॉम18 और वॉल्ट डिजनी कंपनी की स्थानीय इकाई स्टार इंडिया के विलय का सौदा देश में सबसे बड़ी मीडिया इकाई बनाकर मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा.

Reliance
रिलायंस

बता दें कि 70,352 करोड़ रुपये (8.5 बिलियन डॉलर) की विलय वाली इकाई, जिसमें आरआईएल 11,500 करोड़ रुपये लगाएगी. जिसकी दर्शक हिस्सेदारी 40 फीसदी से अधिक होगी. इससे यह प्रीमियम विज्ञापन रेट और एवरेज कंज्यूमर रेवेन्यू पर यूजर (एआरपीयू) को सुरक्षित करने में सक्षम होगी.

Reliance
रिलायंस

जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज और सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया के विलय में विफलता से स्टार-वायकॉम18 को फायदा होने की उम्मीद है, अगर सोनी-जी का विलय होता तो उसे एकाधिकार से जूझना पड़ता.

इस डील से अन्य टेलीकॉम क्षेत्र पर पड़ेगा असर

  1. विशेषज्ञों का कहना है कि इस सौदे का असर टेलीकॉम क्षेत्र पर भी पड़ सकता है, रिलायंस जियो की प्रतिद्वंद्वी भारती एयरटेल को अपनी सामग्री पेशकश बढ़ाने के लिए दबाव का सामना करना पड़ेगा. उद्योग के अनुमान के मुताबिक, टेलीकॉम ऑपरेटर्स कंटेंट खरीदने पर 2,000 से 3,000 करोड़ रुपये खर्च करते हैं.
  2. इस डील से टेलीकॉम खिलाड़ियों के लिए नकारात्मक है क्योंकि इससे रिलायंस जियो को सामग्री तक बेहतर पहुंच मिलेगी.
  3. विलय संभावित रूप से विज्ञापनदाताओं के लिए भी थोड़ा नकारात्मक है क्योंकि विलय की गई इकाई की पावर अधिक होगी.
  4. संयुक्त इकाई में डिजनी, एनबीसी यूनिवर्सल, पैरामाउंट ग्लोबल और एचबीओ से प्रीमियम अंग्रेजी सामग्री होगी - जो इसे प्रीमियम ओवर-द-टॉप (ओटीटी) सेगमेंट में नेटफ्लिक्स और प्राइम वीडियो को टक्कर देगी.

मीडिया के शहंशाह
फिल्मों और टीवी शो की लगभग 200,000 घंटे की सामग्री के अलावा, स्टार-वायकॉम18 के पास इंडियन प्रीमियर लीग, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड सहित सभी प्रमुख क्रिकेट संपत्तियों पर विशेष अधिकार होंगे.

Reliance
रिलायंस

एक ही छतरी के नीचे प्रमुख क्रिकेट संपत्तियों के टीवी और डिजिटल अधिकारों के समेकन से समय के साथ मोनेटाइजेशन में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है.

स्टार-वायाकॉम18 सब्सक्राइबर एआरपीयू और विज्ञापन दरों को बढ़ाकर धीरे-धीरे खेलों में प्रॉफिट हासिल कर सकता है. दोनों कंपनियों ने 2023-27 की अवधि के लिए खेल अधिकारों में लगभग 82,000 करोड़ रुपये (10 बिलियन डॉलर) का वादा किया है.

Viacom 18
वायकॉम 18

आरआईएल के पास 63 फीसदी हिस्सेदारी होगी
आरआईएल और वायाकॉम18 के पास संयुक्त उद्यम में 63 फीसदी हिस्सेदारी होगी जबकि डिजनी के पास बचे 37 फीसदी हिस्सेदारी होगी. आरआईएल द्वारा निवेश से खेल और डिजिटल कंटेट में मदद मिलेगी. पिछले साल, Viacom18 को RIL और बोधि ट्री सिस्टम्स से 1.8 बिलियन डॉलर का फंड मिला था.

नीता अंबानी बनेगी अध्यक्ष
संयुक्त उद्यम में नीता अंबानी अध्यक्ष और स्टार के पूर्व सीईओ उदय शंकर उपाध्यक्ष होंगे. दोनों कंपनियों के पास 117 टीवी चैनल और दो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म, डिज़्नी+हॉटस्टार और जियोसिनेमा हैं. 2022-23 में स्टार और वायाकॉम18 का समेकित राजस्व लगभग 25,000 करोड़ रुपये था, जो जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज, सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया और सन टीवी नेटवर्क के संयुक्त राजस्व, जो लगभग 18,000 करोड़ रुपये था, से अधिक है.

Reliance
रिलायंस

इस डील से आरआईएल को भी मदद मिलेगी, जो संयुक्त उद्यम को नियंत्रित करेगी, ताकि Google और मेटा के बढ़ते खतरे को दूर किया जा सके, जिन्होंने 2022-23 में डिजिटल विज्ञापन खर्च में 46,000 करोड़ रुपये खर्च किए.

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