ETV Bharat / business

शाकाहारी लोगों को महंगाई का बड़ा झटका! नॉन-वेज की कीमत गिरी, वेजीटेरियन थाली हुई महंगी - Veg nad non veg thali price

author img

By Sutanuka Ghoshal

Published : Apr 4, 2024, 4:18 PM IST

Home-cooked thali price- घर पर थाली तैयार करने की औसत लागत की गणना उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत में प्रचलित इनपुट कीमतों के आधार पर की जाती है. मंथली चेंज आम आदमी के खर्च पर प्रभाव को दिखाता है. आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि थाली की कीमत में बदलाव लाने वाले तत्व (अनाज, दालें, ब्रॉयलर, सब्जियां, मसाले, खाद्य तेल और रसोई गैस) हैं. पढ़ें पूरी खबर...

Food
फूड

नई दिल्ली: घर पर बनी शाकाहारी थाली की कीमत साल-दर-साल 7 फीसदी बढ़ी है, जबकि नॉन-वेज थाली की कीमत में इतने ही फीसदी की गिरावट आई है. रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की जारी रिपोर्ट से इस बात का पता चला है. घर पर थाली तैयार करने की औसत लागत की गणना उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत में प्रचलित इनपुट कीमतों के आधार पर की जाती है. मासिक परिवर्तन आम आदमी के खर्च पर प्रभाव को दिखाता है. आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि थाली की कीमत में बदलाव लाने वाले तत्व (अनाज, दालें, ब्रॉयलर, सब्जियां, मसाले, खाद्य तेल और रसोई गैस) हैं.

शाकाहारी थाली की लागत में हुई वृद्धि
प्याज और आलू की कम आवक और पिछले वित्त वर्ष का आधार कम होने के कारण प्याज, टमाटर और आलू की कीमतों में सालाना आधार पर क्रमश- 40 फीसदी, 36 फीसदी और 22 फीसदी की वृद्धि के कारण शाकाहारी थाली की लागत में वृद्धि हुई. कम आवक के बीच, चावल (शाकाहारी थाली लागत का 13 फीसदी) और दालों (9 फीसदी) की कीमतों में साल-दर-साल क्रमश- 14 फीसदी और 22 फीसदी की वृद्धि हुई.

नॉन-वेज थाली की कीमत में आई कमी
नॉन-वेज थाली की कीमत में कमी पिछले वित्त वर्ष के उच्च आधार पर ब्रॉयलर की कीमतों में सालाना आधार पर 16 फीसदी की गिरावट के कारण हुई. हालांकि, महीने-दर-महीने शाकाहारी थाली की कीमत में 1 फीसदी की गिरावट आई और नॉन-वेज थाली की कीमत में 2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई.

टमाटर की कीमतों में महीने-दर-महीने 2 फीसदी की गिरावट (शाकाहारी थाली की लागत का 9 फीसदी) के कारण शाकाहारी थाली की लागत कम हो गई, जबकि प्याज और चावल की कीमतें स्थिर रहीं. इसके विपरीत, फसल की क्षति के कारण आलू की कीमतों में हर महीने 6 फीसदी की वृद्धि हुई, जिससे थाली की लागत में और गिरावट नहीं हुई.

रमजान के दौरान नॉन-वेज की बढ़ी मांग
नॉन-वेज थाली की लागत में वृद्धि, चारे की बढ़ती लागत के साथ-साथ रमजान के दौरान अधिक मांग के कारण ब्रॉयलर की कीमतों में अनुमानित 5 फीसदी की वृद्धि (लागत का 50 फीसदी के लिए लेखांकन) के कारण हुई.

शाकाहारी और मांसाहारी की कीमत में अंतर
थाली की कीमत पर टिप्पणी करते हुए, क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स के निदेशक अनुसंधान, पूषन शर्मा ने कहा कि पिछले पांच महीनों से, शाकाहारी और मांसाहारी भोजन की थाली की कीमत में अंतर रहा है. साल दर साल जहां शाकाहारी थालियां महंगी हुई हैं, वहीं नॉनवेज सस्ता हुआ है. यह अंतर इसलिए है क्योंकि अतिरिक्त आपूर्ति के कारण ब्रॉयलर चिकन की कीमतें गिर गई हैं. आगे चलकर हम उम्मीद करते हैं कि बाजार में ताजा फसल आने से गेहूं की कीमतों में गिरावट आएगी और टमाटर की कीमतें नरम रहेंगी, लेकिन प्याज की कीमतों में निकट अवधि में मजबूती देखी जा सकती है क्योंकि रबी की फसल 20 फीसदी कम देखी जा रही है.

संयोग से, उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक द्वारा मापी गई खाद्य मुद्रास्फीति, जो कुल उपभोक्ता मूल्य टोकरी का लगभग आधा हिस्सा है, फरवरी 2024 में बढ़कर 8.66 फीसदी हो गई, जो जनवरी में 8.3 फीसदी थी, लेकिन दिसंबर 2023 में 9.53 फीसदी से कम हो गई.

ये भी पढ़ें-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.