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पेटीएम पर कार्रवाई से सहमी फिनटेक कंपनियां ! वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी बैठक

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 20, 2024, 1:38 PM IST

Fintech companies
फिनटेक कंपनियां

पेटीएम पर एक्शन से फिनटेक कंपनियां सहमी हुई हैं. पेटीएम जैसी ही अन्य कंपनियां जैसे फोन पे, भारत पे, मोबीक्विक, चार्जबी इत्यादि ने इस बात पर सहमति जताई है कि रेगुलेटरी लॉ को फॉलो करना कंपनियों के हित में है. लेकिन उन्हें यह अंदेशा सता रहा है कि कहीं इस मामले को लेकर आम जनता में भ्रम न फैल जाए और वे फिनटेक कंपनियों से दूरियां न बना लें.

नई दिल्ली: पेटीएम इन दिनों पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. Paytm पेमेंट बैंक को लेकर जारी संकट ने फिनटेक कंपनियों को चिंतित कर दिया है. पेटीएम पर RBI की कार्रवाई को लेकर फिनटेक की दुनिया में बहस छिड़ी हुई है. देश के लगभग सभी फिनटेक कंपनियां इस वक्त अपने भविष्य को लेकर काफी चिंता में हैं. पेटीएम पेमेंट्स बैंक के ऊपर आरबीआई एक्शन के बाद फिनटेक की दुनिया में आशंकाओं का मार्केट काफी गरम है.

इस बीच ऐसी कई खबरें भी आई थीं कि कुछ अन्य फिनटेक कंपनियां भी निशाने पर हैं. बता दें, PAYTM की तरह ही देश में कई फिनटेक कंपनियां है जैसे कि जेरोधा, भारत पे, कॉइनडीसीएक्स, भारत पे, phonepe, MobiKwik, अपस्टॉक्स, पॉलिसीबाज़ार इंडिया, चार्जबी इन सभी कंपनियों में पेटीएम पर हुई इस कार्रवाई से काफी उहापोह की स्थिति बनी हुई है.

इन सबके बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से बड़ा ऐलान किया गया है. खबर है कि वित्त मंत्री अब फिनटेक कंपनियों के प्रमुखों के साथ एक अहम बैठक करने वाली हैं. जी हां यह बैठक अगले सप्ताह 26 फरवरी को होने वाली है. एक मीडिया रिपोर्ट के हवाले से यह खबर मिली है. दरअसल, यह बैठक काफी अहम होने वाली है. क्योंकि बैठक में रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर समेत विभिन्न मंत्रालयों के कई बड़े अधिकारी भी शामिल होंगे. बता दें, यह बैठक PAYTM पेमेंट्स बैंक के ऊपर RBI के द्वारा हाल ही में की गई कड़ी कार्रवाई को लेकर की जा रही है. इस बैठक के माध्यम से सरकार फिनटेक के डर को दूर करना चाहती है और उन्हें विश्वास दिलाना चाहती है कि अभी भी सरकार की मुख्य प्राथमिकता में फिनटेक सेक्ट है.

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) और फिनटेक सेक्टर की प्रशंसा की थी. उन्होंने कहा था कि भारत पूरी दुनिया में इस सेक्टर में अग्रणी भूमिका निभा रहा है. पीएम के अनुसार दुनिया भर में इसके जरिए जितना लेन-देन होता है, उसमें भारत का योगदान 40 फीसदी तक है.

भारत में कोरोनोवायरस महामारी के बाद दो वर्षों में डिजिटल भुगतान में वृद्धि हुई है, जिसका मुख्य कारण दैनिक लेनदेन के लिए यूपीआई को बड़े पैमाने पर अपनाना है. जनवरी 2021 में लॉन्च किया गया भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का डिजिटल भुगतान सूचकांक (DPI) इस मील के पत्थर को दर्शाता है.

पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में गिफ्ट सिटी में समृद्ध फिनटेक क्षेत्र पर केंद्रित एक कार्यक्रम में भाग लिया था. उस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने देश में फिनटेक कंपनियों की खूब सराहना की थी. पीएम ने कहा था कि यह देखना वाकई रोमांचक है कि फिनटेक हमारी दुनिया को कैसे नया आकार दे रहा है.

बता दें, देश में पेटीएम फिनटेक के लिए लीडिंग फेस रही है. नोटबंदी के बाद ये UPI तक के डिजिटल रिवॉल्यूशन में इसने ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि 6 फरवरी को संकटग्रस्त पेटीएम के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी विजय शेखर शर्मा ने दिल्ली में निर्मला सीतारमण से मुलाकात की और उनसे मदद मांगी थी. लेकिन उन्हें सीधे नियामक से निपटने के लिए कहा गया. जिसके बाद आरबीआई ने शुक्रवार को पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर प्रतिबंध की समयसीमा भी 29 फरवरी के बजाय 15 मार्च तक बढ़ा दी. हालांकि नियामक ने ग्राहकों और व्यापारियों के हित में यह समय दिया है.

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