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प बंगाल: हाईकोर्ट की दखल के बाद संदेशखाली पहुंचे शुभेंदु अधिकारी, शाहजहां शेख पर की सख्त टिप्पणी

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 20, 2024, 12:17 PM IST

Updated : Feb 20, 2024, 3:24 PM IST

BJP leader Suvendu Adhikari protest: पश्चिम बंगाल के बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी समेत अन्य दलों के नेताओं को संदेशखाली जाने पुलिस ने रोक दिया. बाद में हाईकोर्ट ने शुभेंदु अधिकारी को संदेशखाली जाने की अनुमति दे दी.

BJP leader Suvendu Adhikari sat on strike
बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी धरने पर बैठे

धमखाली: पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद पुलिस ने उन्हें राज्य के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली जाने से रोक दिया. पुलिस ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की वरिष्ठ नेता वृंदा करात को भी पुलिस ने संदेशखाली का दौरा करने से रोक दिया. हालांकि, बाद में हाईकोर्ट ने शुभेंदु अधिकारी को संदेशखाली जाने की अनुमति दे दी. बता दें, शुभेंदु अधिकारी के साथ शंकर घोष भी साथ हैं.

पुलिस ने अधिकारी को संकटग्रस्त क्षेत्र में जाने से रोक दिया जहां निषेधाज्ञा लागू की गई है. पुलिस ने कहा कि सरकार ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए एक खंडपीठ में अपील की है. उच्च न्यायालय ने ही पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता को क्षेत्र का दौरा करने की अनुमति दी थी. अधिकारी ने कहा कि वह दोबारा इस मामले को लेकर अदालत का रुख करेंगे.

अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा, 'पुलिस ने मुझे संदेशखाली जाने की अनुमति देने वाले कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन किया है. पुलिस कह रही है कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लागू कर दी गई है और राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए खंडपीठ का रुख किया है. मैं यहां विरोध प्रदर्शन करूंगा और फिर अदालत जाऊंगा.'

हाई कोर्ट ने जताई सख्ती
वहीं, कलकत्ता हाई कोर्ट ने टीएमसी नेता शाहजहां शेख को लेकर सख्ती दिखाई है. हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को लताड़ लगाते हुए कहा कि संदेशखाली का आरोपी शाहजहां शेख फरार नहीं रह सकता और राज्य की ममता बनर्जी सरकार उसका साथ नहीं दे सकती. बता दें, हाई कोर्ट ने यह टिप्पणी उस समय की है जब बीजेपी नेता शुवेंदु अधिकारी ने संदेशखाली जाने की अनुमति मांगी थी. सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट ने कहा कि हमें संदेशखाली की महिलाओं की तरफ से लगातार कई शिकायतें मिल रही हैं.

शाहजहां शेख पर की सख्त टिप्पणी
हाई कोर्ट ने टीएमसी नेता शाहजहां शेख को लेकर सख्त टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि संदेशखाली का आरोपी ऐसे नहीं घूम सकता. उसे सरेंडर करना होगा. वह कानून को नजरअंदाज नहीं कर सकता. कोर्ट ने आगे कहा कि शाहजहां ने कई लोगों को नुकसान पहुंचाया है और अपराध करने के बाद वह इधर-उधर भाग रहा है.

नंदीग्राम से भाजपा के विधायक ने पार्टी के समर्थकों के साथ राज्य सरकार के फैसले के विरोध में धमखाली में धरना दिया. अधिकारी को पिछले आठ दिनों तीसरी बार संकटग्रस्त क्षेत्र का दौरा करने से रोका गया है. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार को अधिकारी को संदेशखाली जाने की अनुमति दे दी थी. उच्च न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता को अशांत क्षेत्र में कोई भी भड़काऊ भाषण नहीं देने या किसी भी तरह की कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा नहीं करने का भी निर्देश दिया.

माकपा नेता करात ने कहा कि उन्हें एक पुलिस अधिकारी ने बताया था कि संदेशखाली में उनकी मौजूदगी से वहां शांति भंग हो जाएगी. माकपा नेता को संदेशखालि जाते समय धमखाली नौका घाट पर रोक दिया गया जहां महिलाओं पर यौन अत्याचार और कुछ स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेताओं द्वारा जमीन हड़पने के आरोपों को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है.

उन्होंने धमखाली में संवाददाताओं से कहा, 'शांति का उल्लंघन तब हुआ जब महिलाओं को स्थानीय टीएमसी कार्यालयों में बुलाया गया और उनका यौन उत्पीड़न किया गया. अब यह न्याय की लड़ाई है.' संदेशखाली में बड़ी संख्या में महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जबरदस्ती जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है.

हाईकोर्ट ने शुभेंदु अधिकारी को संदेशखाली जाने की अनुमति दी: कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी को संदेशखाली गांव का दौरा करने की अनुमति दे दी. सत्तारूढ़ टीएमसी के कुछ नेताओं द्वारा यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के आरोपों को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है.

मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने एकल पीठ के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, जिसने अधिकारी और एक अन्य भाजपा विधायक शंकर घोष को मंगलवार को संदेशखाली जाने की अनुमति दी थी. पश्चिम बंगाल सरकार ने न्यायमूर्ति कौशिक चंदा के सोमवार के आदेश को चुनौती देते हुए खंडपीठ के समक्ष अपील दायर की. खंडपीठ ने भाजपा नेता को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि उनके लिए तैनात किए गए सुरक्षाकर्मियों को छोड़कर कोई भी समर्थक या पार्टी से जुड़ा व्यक्ति उनके साथ न जाए. खंडपीठ में न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य भी शामिल थे.

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Last Updated : Feb 20, 2024, 3:24 PM IST
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