जयपुर. '1989 में जब पहली बार सांसद बना था, उस समय देश की अर्थव्यवस्था की साइज लंदन और पेरिस जैसे शहरों से भी कम थी. आज विश्व में भारत पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था है. हमने यूके को भी पीछे छोड़ दिया है.' ये कहना है देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का. धनखड़ मंगलवार को जयपुर में एक निजी स्कूल का उद्घाटन करने के लिए जयपुर पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने स्कूल के प्रिंसिपल देवाशीष चक्रवर्ती के नाम पर चुटकी लेते हुए कहा कि उन्हें अपने पश्चिम बंगाल में राज्यपाल का समय याद आ गया. आज एक बार फिर बंगाल की यादें ताजा हो गईं. आज वो 'ममतामयी' हो गए.
शिक्षा ही समाज में समानता ला सकती है : जयपुर में नर्सरी से चौथी कक्षा तक के छात्रों के लिए जगतपुरा क्षेत्र में एक निजी स्कूल की शुरुआत की गई है. इसका उद्घाटन देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किया. इस दौरान उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था का जिक्र करते हुए कहा कि आने वाले 2 साल में भारत और आगे जाएगा. जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ देगा. उन्होंने शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा ही समाज में समानता लाने और असमानता मिटाने का साधन हो सकती है. इसके अलावा बदलाव का कोई और रास्ता नहीं. उन्होंने खुद का उदाहरण दिया कि उनका जन्म किठाना गांव में जरूर हुआ, लेकिन वास्तविक जन्म सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में हुआ. उस समय गांव के बच्चे ने पहली बार डाइनिंग टेबल और साफ सुथरा कमरा देखा.
संविधान के पन्नों पर प्रदर्शित चित्र का वर्णन : इस दौरान उन्होंने कहा कि संविधान निर्मातओं ने भी संविधान के दूसरे भाग में शिक्षा के महत्व बताने के लिए गुरुकुल का चित्र लगाया. तीसरे भाग में राम, सीता और लक्ष्मण, चौथे भाग में कुरुक्षेत्र में उपदेश देते भगवान श्री कृष्ण को प्रदर्शित किया. संविधान में ऐसे 22 चित्र हैं. उन्होंने देश में लागू हुई नई शिक्षा नीति की भी जमकर सराहना की. उन्होंने कहा कि इस अमृतकाल में सभी को शिक्षा और स्वास्थ्य में आहुति देनी होगी.
प्रेमचंद बैरवा की भी तारीफ की : उन्होंने राजस्थान के वरिष्ठतम पत्रकार कर्पूरचंद्र कुलिश की प्रतिमा का भी अनावरण किया. उन्हें याद करते हुए कहा कि जीवन में कठिन समय वो था, जब उन्होंने अपने क्षेत्र से 200 किलोमीटर दूर किशनगढ़ से चुनाव लड़ा. उस समय अपनों का विरोध था, लेकिन इनका (कर्पूरचंद्र कुलिश) का हाथ उनके साथ था, जो निर्णायक साबित हुआ. इस दौरान मौजूद रहे प्रदेश के उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ये अपने आप में एक बड़े उदाहरण हैं, जिन्होंने काम करते हुए, मजदूरी करते हुए, चुनौतियों का सामना किया और आज प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बने हैं.
आज ममतामयी हो गया : इससे पहले अपने संबोधन की शुरुआत में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्कूल के प्रिंसिपल देवाशीष चक्रवर्ती का नाम लेकर चुटकी ली. उन्होंने कहा कि इनका नाम सुनते ही उन्हें अपने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल का 3 साल के कार्यकाल की याद आ गई. आज एक बार फिर बंगाल की यादें ताजा हो गईं. आज वो 'ममतामयी' हो गए. कार्यक्रम में प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी, जयपुर के दोनों निगमों की मेयर भी मौजूद रहीं.