मुबई: मुंबई पुलिस ने लोकल ट्रेन कोच में यात्री की मौत के मामले में लापरवाही बरतने के लिए दो पुलिसकर्मियों को लापरवाही बरतने के लिए निलंबित कर दिया है. इतना ही नहीं, दोनों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया है.
एक अधिकारी ने रविवार को जानकारी देते हुए बताया कि मुंबई के एक रेलवे स्टेशन पर यात्री का पैर फिसल गया. व्यक्ति के गिरने के बाद ड्यूटी पर तैनात दो पुलिस कर्मियों ने उसे ट्रेन के सामान डिब्बे में डाल दिया, जहां बाद में वह मृत पाया गया. मृतक की पहचान अलाउद्दीन मुजाहिद (उम्र 47 साल) के तौर पर हुई. वह 14 फरवरी को सेवरी से ट्रेन में चढ़ा. वह मस्जिद इलाके में अपने कार्यस्थल पर जाने के लिए रेय रोड स्टेशन पर उतरा, जहां वह एक दुकान में सेल्समैन के रूप में कार्यरत था.
सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, वह व्यक्ति असहज महसूस कर रहा था. उसे रेय रोड स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 2 के एक बेंच पर बैठे देखा गया. बाद में वह गिरते हुए नजर आया. कुछ देर बाद थाने ड्यूटी पर तैनात दो पुलिसकर्मी मुजाहिद की चेकिंग करते पाए गए. जाहिर तौर पर उन्होंने सोचा कि वह नशे का आदी है और उसे लोकल ट्रेन के सामान डिब्बे में डाल दिया. अगले दिन रेलवे पुलिस के नियमित निरीक्षण के दौरान गोरेगांव स्टेशन पर ट्रेन के सामान डिब्बे में वह व्यक्ति मृत पाया गया.
प्रारंभ में, बोरीवली रेलवे पुलिस के पास एक आकस्मिक मृत्यु रिपोर्ट (एडीआर) दर्ज की गई और जांच शुरू की. गोरेगांव स्टेशन (पश्चिमी उपनगर) से छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (दक्षिण मुंबई) तक कम से कम 100 सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद, पुलिस को रेय रोड स्टेशन पर आदमी गिरा हुआ मिला. सीसीटीवी में रेलवे पुलिस कांस्टेबल विजय खांडेकर और महाराष्ट्र सुरक्षा बल के पुलिसकर्मी महेश अंडाले को उस व्यक्ति को उठाते हुए और चिकित्सा सहायता प्रदान करने के बजाय ट्रेन के सामान डिब्बे में डालते हुए कैद किया गया है.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, व्यक्ति की मौत ब्रेन हेमरेज से उस समय हुई जब वह अपने कार्यस्थल पर जा रहा था. पुलिस के अनुसार, मृतक के परिवार में उनकी पत्नी और 19 साल का बेटा है, जो सेवरी इलाके में रहते हैं. जिसने उस व्यक्ति को देखा था, का कहना है कि पुलिस उसे तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करने में विफल रही, जिससे उसकी असामयिक मृत्यु हो गई.
पुलिस ने दोनों पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया और लापरवाही के कारण मौत और अन्य प्रावधानों के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा के तहत मामला भी दर्ज कर लिया है. उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है.
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