ETV Bharat / bharat

सुप्रीम कोर्ट ने CAA पर रोक लगाने की मांग वाली याचिकाओं पर केंद्र से मांगा जवाब

author img

By PTI

Published : Mar 19, 2024, 2:48 PM IST

Updated : Mar 19, 2024, 3:03 PM IST

Supreme Court on CAA, सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए), 2019 और नागरिक संशोधन नियम, 2024 पर रोक लगाने की मांग वाली याचिकाओं पर केंद्र को नोटिस जारी किया है. वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से इस पर जवाब देने के लिए कुछ समय मांगा है.

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए), 2019 और नागरिक संशोधन नियम, 2024 पर रोक लगाने की मांग वाली याचिकाओं पर केंद्र को नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से 8 अप्रैल तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा और मामले की सुनवाई 9 अप्रैल को तय की है. बता दें कि याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से नागरिक संशोधन नियम, 2024 पर रोक लगाने का आग्रह किया था, हालांकि अदालत ने ऐसा कोई आदेश पारित नहीं किया.

वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार ने नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 के कार्यान्वयन पर रोक लगाने का अनुरोध करने वाले आवेदनों पर जवाब दाखिल करने के लिए मंगलवार को उच्चतम न्यायालय से समय मांगा. मामले में केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ से कहा कि उन्हें 20 आवेदनों पर जवाब देने के लिए कुछ समय चाहिए.

इन आवेदनों में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए), 2019 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं का शीर्ष अदालत द्वारा निपटारा किए जाने तक संबंधित नियमों पर रोक लगाने का आग्रह किया गया है. मेहता ने पीठ से कहा कि 'यह (सीएए) किसी भी व्यक्ति की नागरिकता नहीं छीनता.'

बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 को लागू करने के बाद देशभर के अलग-अलग याचिकाकर्ताओं ने इसके विरोध में 200 ज्यादा याचिकाएं दायर की थीं. इन याचिकाकर्ताओं में मुख्य रूप से एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, केरल सरकार और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग शामिल हैं.

ओवैसी ने याचिका दायर कर इस पर तत्काल रोक की मांग करते हुए कहा कि कार्यवाही के लंबित रहने के दौरान नागरिकता अधिनियम, 1955 (क्योंकि यह नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 द्वारा संशोधित है) की धारा 6बी के तहत नागरिकता का दर्जा देने की मांग करने वाले किसी भी आवेदन पर सरकार द्वारा विचार या कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए.

बता दें, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 11 मार्च को CAA के कार्यान्वयन के लिए नियमों को अधिसूचित किया था. 2019 में संसद द्वारा पारित सीएए नियम का उद्देश्य हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों सहित सताए गए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है, जो बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आ गए.

Last Updated : Mar 19, 2024, 3:03 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.