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परमिशन मिलने के बाद सिलक्यारा सुरंग के निर्माण कार्य की तैयारी शुरू, ढालदार बनाई जाएगी टनल

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 27, 2024, 3:45 PM IST

Updated : Jan 27, 2024, 10:44 PM IST

Uttarkashi Silkyara Tunnel केन्द्र सरकार से सिलक्यारा सुरंग निर्माण कार्य एक बार फिर शुरू करने की अनुमति मिलने के बाद कार्यदायी संस्था ने तैयारी शुरू कर दी है. जिसके तहत सिलक्यारा सुरंग को ढालदार बनाया जाएगा. ऐसे में सुरंग के अंदर कभी वाहन खराब भी हुए तो न्यूट्रल में धक्का लगाकर वाहन को नीचे ला सकेंगे.

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सिलक्यारा सुरंग के निर्माण कार्य की तैयारी शुरू

उत्तरकाशी: हादसे के बाद सुर्खियों में रही निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग ढालदार होगी. दरअसल चारधाम सड़क परियोजना में यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सुरंग सिलक्यारा से पोलगांव तक हल्का ढाल लिए हुए होगी. सुरंग का सिलक्यारा वाला छोर ऊपर और पोलगांव बड़कोट वाला छोर नीचे होने से सुरंग में भी हल्का ढाल रहेगा. साथ ही सुरंग में सिलक्यारा से बड़कोट की ओर 4.2 प्रतिशत का हल्का ढाल रहेगा. हालांकि हादसे के बाद इस सुरंग का निर्माण कार्य बंद है, लेकिन सुरंग के बाहर पुल निर्माण से लेकर साफ-सफाई और रख-रखाव से जुड़े काम किए जा रहे हैं.

Uttarkashi Silkyara Tunnel
सिलक्यारा सुरंग में फंस गए थे मजदूर

12 नवंबर को हुआ था सिलक्यारा टनल में भूस्खलन: गौर हो कि 12 नवंबर 2023 की सुबह सुरंग के सिलक्यारा मुहाने से 200 मीटर आगे भारी भूस्खलन हुआ था. जिससे सुरंग का मुंह बंद होने से अंदर काम कर रहे 41 मजदूर फंस गए थे, जिन्हें 17 दिन तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सकुशल बाहर निकाला गया था. उसके बाद से ही सुरंग का निर्माण कार्य बंद था. करीब साढ़े चार किमी लंबी बनने वाली इस सुरंग का 480 मीटर निर्माण शेष है.

Uttarkashi Silkyara Tunnel
ढालदार बनाई जाएगी टनल

सुरंग के अंदर वाहन खराब होने पर ना लें टेंशन: एनएचआईडीसीएल (राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड) के अधिकारियों ने कहा कि सुरंग को वैज्ञानिक ढंग से डिजाइन किया गया है. जिसमें सिलक्यारा छोर ऊपर और बड़कोट वाला छोर नीचे होने से सुरंग में भी हल्का ढाल रहेगा. सिलक्यारा से बड़कोट की तरफ 4.2 प्रतिशत यानी कि प्रति 100 मीटर पर करीब 4 मीटर का ढाल होगा. ऐसे में सुरंग के अंदर कभी वाहन खराब भी हुए तो न्यूट्रल में धक्का लगाकर भी नीचे ला सकते हैं.

डीपीआर में बदलाव की आशंका कम: इस बीच डीपीआर में संशोधन की भी आशंका जताई जा रही है, लेकिन एनएचआईडीसीएल से जुड़े अधिकारियों ने इस आशंका से साफ इंकार किया है. उनका कहना है कि निर्माणाधीन सुरंग पर एक बड़ी धनराशि खर्च हो चुकी है. ऐसे में डीपीआर में दोबारा कुछ बदलाव होता है तो फिर बड़ा बजट खर्च होगा. ऐसा होने की आशंका न के बराबर है.

अब केवल 10-15 मजदूर ही तैनात: निर्माण कंपनी के जनसंपर्क अधिकारी गिरधारी लाल ने बताया कि हादसे के बाद से सुरंग निर्माण कार्य बंद होने के चलते अधिकांश मजदूरों को कंपनी के अन्य प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए भेज दिया गया है. यहां अब मात्र 10 से 15 मजदूर ही हैं, जिनकी मदद से सुरंग के बाहर साफ-सफाई और रखरखाव जैसे काम करवाए जा रहे हैं.

अधिकारी बोले सुरंग को वैज्ञानिक ढंग से किया डिजाइन: एनएचआईडीसीएल के महाप्रबधंक कर्नल दीपक पाटिल ने कहा कि निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में सिलक्यारा ऊपर और बड़कोट नीचे है, इसलिए सुरंग में तो हल्का ढाल रहेगा. उन्होंने बताया कि सुरंग को वैज्ञानिक ढंग से डिजाइन किया गया है, जिससे यातायात के संचालन में किसी तरह की परेशानी न हो.
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Last Updated : Jan 27, 2024, 10:44 PM IST
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