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UGC ने जारी किया पत्र: नए सत्र से पहले बनाई 'एंटी-रैगिंग कमेटी', रहेगी छात्रों पर नजर - Anti Ragging Measures in Uni

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 29, 2024, 6:07 PM IST

Several Universities Take Anti-Ragging Measures Ahead Of New Session
नए सत्र से UGC रैगिंग विरोधी कदम उठाए. कहा, 'रैगिंग एक दण्डनीय अपराध है'.

Anti-Ragging Measures in Universities: नए शैक्षणिक सत्र से पहले कई विश्वविद्यालयों ने रैगिंग विरोधी कदम उठाए हैं. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा जारी एक पत्र के अनुसार, रैगिंग एक दण्डनीय अपराध है. यूजीसी ने उच्च शिक्षा संस्थानों में रैगिंग के खतरे को रोकने के लिए रैगिंग विरोधी नियम बनाए हैं. पढें ईटीवी भारत से चंचल मुखर्जी की रिपोर्ट...

नई दिल्ली: नए प्रवेशकों को एक सुरक्षित और स्वस्थ अध्ययन वातावरण प्रदान करने के लिए, कई विश्वविद्यालयों ने नए शैक्षणिक सत्र से पहले रैगिंग विरोधी उपाय किए हैं. विश्वविद्यालय में रैगिंग विरोधी उपायों के बारे में बताते हुए केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश की एंटी-रैगिंग समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर विशाल सूद ने ईटीवी भारत को बताया, 'हम हमेशा छात्रों पर नजर रखते हैं और रैगिंग की घटनाओं की अनुमति नहीं देते हैं. हमने विभाग स्तर पर एंटी-रैगिंग कमेटी, स्क्वॉड और टीमों का गठन किया है'.

सूद ने कहा, 'हर साल नया सत्र शुरू होने से पहले, अधिकारी एंटी-रैगिंग समिति और दस्ते के सदस्यों के साथ बैठक करते हैं, ताकि उन्हें परिसर के अंदर रैगिंग की घटनाओं को रोकने के बारे में जागरूक किया जा सके'. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा हाल ही में अधिकारियों को जारी पत्र के अनुसार, 'रैगिंग एक दण्डनीय अपराध है. यूजीसी ने उच्च शिक्षा संस्थानों में रैगिंग के खतरे को रोकने के लिए रैगिंग विरोधी नियम बनाए हैं'.

यूजीसी ने कहा, 'ये नियम अनिवार्य हैं. सभी संस्थानों को निगरानी तंत्र सहित इसके कार्यान्वयन के लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे. इन नियमों के किसी भी उल्लंघन को गंभीरता से लिया जाएगा'. यूनिवर्सिटी द्वारा उठाए गए रैगिंग विरोधी कदमों की जानकारी देते हुए सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ बिहार के जनसंपर्क अधिकारी मुदस्सिर आलम ने ईटीवी भारत को बताया, 'यह एक रैगिंग मुक्त परिसर है, क्योंकि हमने यहां पहले से ही एक एंटी-रैगिंग समिति गठित की है. नया सत्र शुरू होने से पहले, हम एक सप्ताह की रैगिंग विरोधी जागरूकता कार्यशालाएं आयोजित करते हैं'.

आलम ने कहा, 'विश्वविद्यालय हेल्प डेस्क प्रदान करता है. पूरे परिसर में हेल्पलाइन नंबर प्रदर्शित करता है, ताकि छात्र इस तरह की किसी भी तरह की समस्या महसूस होने पर अधिकारियों से आसानी से संपर्क कर सकें. इसी तरह की भावना व्यक्त करते हुए, केंद्रीय विश्वविद्यालय, हरियाणा के विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर प्रोफेसर नंद किशोर ने हाल के वर्षों में ईटीवी भारत को बताया, 'हमें रैगिंग की दो-तीन खबरें मिली थीं, लेकिन जांच के दौरान ये खबरें झूठी निकलीं, क्योंकि ये सिर्फ गैर-गंभीर या छोटी-मोटी बातें थीं'.

किशोर ने कहा, 'विश्वविद्यालय में यूजीसी दिशानिर्देशों के अनुसार एक एंटी-रैगिंग सेल है. हमने रैगिंग के खिलाफ पहले से ही परिसर में सुरक्षा गार्ड और कर्मचारी तैनात कर दिए हैं'. प्रवेश सत्र जल्द ही शुरू होगा. बड़ी संख्या में नए प्रवेशकर्ता विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में अपने संबंधित पाठ्यक्रमों में कक्षाओं में शामिल होंगे. इसके बाद उच्च शिक्षा संस्थान परिसर के अंदर इन नए छात्रों के साथ रैगिंग रोकने के लिए कदम उठाएंगे और शैक्षिक परिसर में रैगिंग के खिलाफ निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन करेंगे. दिल्ली विश्वविद्यालय के पीआरओ (PRO), अनूप लाठेर ने कहा कि रैगिंग के खिलाफ निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन करना एक वार्षिक सुविधा है. पीआरओ ने कहा, 'डीयू (DU) कैंपस में रैगिंग के खिलाफ बैनर और नोटिस बोर्ड लगाता है और छात्रों को जागरूक करता है'.

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