नई दिल्ली: शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज की पदयात्रा दिल्ली के जयराम आश्रम (आश्रम दिल्ली) से संसद भवन के गेट नम्बर 2 के लिए शुरू हो गईं है. अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज गौरक्षा के लिए पैदल संसद मार्च कर रहे हैं. हालांकि उनकी इस पदयात्रा को नई दिल्ली में प्रवेश करते ही पुलिस ने रोका और सिर्फ 20 लोगों को आगे जाने की अनुमति दी.
जिसके बाद शंकराचार्य ने अपने भक्तों से आह्वान किया कि वो लौट जाएं हम 20 लोगों के साथ आगे जाएंगे. शंकराचार्य ने कहा है कि दिल्ली की पुलिस ने हमको आगे जाने से रोका है और कहा है कि सिर्फ 20 लोगों को हम अनुमति देंगे तो हमने अपने लोगों को यहां पर रोक दिया है और 20 लोगों के साथ हम उस स्थान पर जा रहे हैं जहां 1966 में गौ आंदोलन के दौरान गौ भक्तों पर गोली चलाई गई थी. हमारा संकल्प है कि हमारी गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित किया जाए और गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाया जाए.
बता दें कि शंकराचार्य गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित करने और गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए गोवर्धन से दिल्ली के बीच पदयात्रा कर रहे हैं. उनकी पदयात्रा ने मंगलवार को दिल्ली में प्रवेश किया था. गुरुवार को संसद तक जाने के लिए उन्होंने पदयात्रा को फिर से शुरू किया है. लेकिन प्रशासन ने उनको अधिक लोगों के साथ संसद जाने की अनुमति नहीं दी है. सिर्फ 20 लोगों के साथ शंकराचार्य के साथ संसद जाने की अनुमति है.
बातचीत के दौरान शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि यह हमारे लिए एक बड़ा दिन है. उन्होंने आगे कहा कि हमारे साथ एक हजार से अधिक लोग हैं, लेकिन केवल 20 लोगों को जाने की इजाजत मिली है. आज हम गोरक्षा के लिए संकल्प लेने के लिए वहां जा रहे हैं. कल हम पार्टियों की एक सूची की घोषणा करेंगे. जिन्हें हम गोरक्षा के पक्ष और विपक्ष में मानते हैं.
आज ये पद यात्रा आश्रम चौक से सुबह सात बजे शरू हुई. शंकराचार्य को काका नगर तक ही श्रद्धालुओ की भीड़ के साथ यात्रा की अनुमति मिली. इसके आगे शंकराचार्य और 20 गौरक्षक संसद के लिए आगे बढ़े. राष्ट्रपति को ज्ञापन देकर ये यात्रा समाप्त होगी.