छिंदवाड़ा। देश में चुनाव भले ही मोदी और विपक्ष के नाम पर लड़ा जा रहा है, लेकिन मध्य प्रदेश में सभी की नजरें कमलनाथ पर टिकी हुई है, क्योंकि छिंदवाड़ा एकमात्र ऐसी लोकसभा सीट है. जो बीजेपी के लिए पिछले 44 सालों से चुनौती साबित हो रही है. ना तो यहां मोदी लहर काम आती है और ना ही भाजपा के कोई मुद्दे रिजल्ट को बदल पाते हैं. छिंदवाड़ा में भाजपा के वरिष्ठ नेता व कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की सक्रियता के बाद कमलनाथ ने यहां की फिजा बिगाड़ने के साथ ही इसे रणभूमि बनाने का आरोप लगाया है.
बंगाल का पाप छिंदवाड़ा में धोने का प्रयास
परासिया विधायक सोहन वाल्मिकी ने कहा है कि 'कैलाश विजयवर्गीय भाजपा के लिये ज्वाइनिंग मशीन से ज्यादा और कुछ भी नहीं है. पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के प्रभारी बनाये गये तो इन्होंने वहां भी ज्वाइनिंग मशीन पूरी गति से चलाई, किन्तु अंत में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा और अपने नाम के विपरीत सोच व व्यवहार रखने वाले कैलाश विजयवर्गीय पश्चिम बंगाल से गिरे तो सीधे इंदौर में आकर अटके, तो पार्टी ने भी झटक दिया. लम्बे समय तक बीजेपी के राज्य व केन्द्रीय नेतृत्व ने इन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों से वंचित रखा, क्योंकि मंत्री के प्रभारी रहते हुए भाजपा को पश्चिम बंगाल में 294 विधानसभा सीटों में से महज 77 सीटें मिली थीं. वहां भाजपा को गर्त में पहुंचाने का सम्मान दिया गया था.
वाल्मीक ने कहा कि कैलाश विजयवर्गीय लफ्फाजी में माहिर हैं, इन्हें इस काम में बड़ी महारत हासिल है. चाल, चरित्र और चेहरे की बात करने वाले भाजपा के शहरी विकास व आवास मंत्री ने पश्चिम बंगाल का प्रभारी रहते हुये अच्छी लुटिया डुबाई थी. छिन्दवाड़ा आकर मंत्री जी ज्वाइनिंग मशीन के माध्यम से स्वयं पर लगे दाग मिटाने का प्रयास कर रहे हैं.'
मेरे लिए छिंदवाड़ा तपोभूमि बीजेपी बना रही इसे रणभूमि
कमलनाथ ने सोशल मीडिया x पर लिखा है कि 'मैं 45 वर्ष से छिंदवाड़ा को भारत का सबसे विकसित इलाका बनाने की तपस्या कर रहा हूं. छिंदवाड़ा मेरे लिए कर्मभूमि और तपोभूमि है. भाजपा वाले इस पवित्र भूमि को रणभूमि बनाना चाहते हैं. इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी धनबल, बाहुबल और सत्ता बल का दुरुपयोग करने में लगी है. नेताओं को डराया धमकाया जा रहा है. छिंदवाड़ा की जनता भाजपा की इस कारस्तानी को बड़े गौर से देख रही है और उसने ठान लिया है कि जो लोग छिंदवाड़ा के ऊपर आक्रमण कर रहे हैं, उनको करारा जवाब देगी.
हर चुनाव के पहले भारतीय जनता पार्टी झूठ, फरेब और सौदेबाजी का खेल खेलती है, लेकिन जब चुनाव परिणाम आता है तो पता चलता है कि छिंदवाड़ा की जनता ने भाजपा को उसके अपराध का उचित दंड दिया है. छिंदवाड़ा अपने सम्मान से कोई गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं करेगा और अपनी विकास यात्रा पर अविरल आगे बढ़ता रहेगा.'
कभी इंदिरा गांधी का था इंट्रेस्ट, अब मोदी का फोकस
1980 के चुनाव में जब पहली बार कमलनाथ ने छिंदवाड़ा से लोकसभा का पर्चा भरा था. उस दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी छिंदवाड़ा में चुनाव प्रचार करने पहुंची थीं. छिंदवाड़ा के शुक्ला ग्राउंड में इंदिरा गांधी ने कहा था कि 'कमलनाथ मेरे तीसरे बेटे हैं और इन्हें मैं आज छिंदवाड़ा को सौंप रही हूं.' उसके बाद से ही तीसरा बेटा गांधी परिवार की करीबियों के चलते छिंदवाड़ा में अजेय योद्धा साबित हो गया. आप इसी सीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोकस है. अमित शाह जब विधानसभा चुनाव के प्रचार में छिंदवाड़ा पहुंचे थे, तो उन्होंने कहा था कि 'पूरे मध्य प्रदेश के 28 सीट बीजेपी जीत चुकी है. एकमात्र छिंदवाड़ा सीट है, जहां पर हम चूक जाते हैं, लेकिन अब हम इसे भी अपनी झोली में वापस लेंगे.'
पीएम से लेकर कई रणनीतिकार कर चुके हैं प्रचार
2018 के विधानसभा चुनाव से 2023 के विधानसभा चुनाव तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कई दिग्गज यहां पर रणनीति बनाकर प्रचार कर चुके हैं, लेकिन कमलनाथ को हराने में नाकामयाब रहे. 2018 की विधानसभा चुनाव में छिंदवाड़ा के SAF मैदान में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी सभा की. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 2023 के लोकसभा चुनाव में प्रचार किया. इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, राज्यसभा सांसद सुशील मोदी, कविता पाटीदार, केंद्रीय मंत्री भानुप्रताप सिंह वर्मा, फग्गन सिंह कुलस्ते यहां तक की केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को भी छिंदवाड़ा का प्रभारी बनाकर मैदान में उतारा था, लेकिन कमलनाथ को हराने में कोई भी सफल नहीं हुआ. इसके अलावा कई नेता प्रचार कर चुके हैं. वहीं कांग्रेस की तरफ से छिंदवाड़ा जिले में कोई भी बड़ा नेता कमलनाथ के अलावा प्रचार करने नहीं पहुंचता है, क्योंकि कमलनाथ खुद ही यहां की कमान संभालते हैं.
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विधायक और मेयर सहित करीब 5000 कार्यकर्ता कर चुके हैं ज्वाइन
कमलनाथ को घेरने के लिए अब जिम्मेदारी बीजेपी के रणनीतिकार और कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को दी गई है. उन्हें महाकौशल संभाग का क्लस्टर प्रभारी भी बनाया गया है. जब से छिंदवाड़ा में कैलाश विजयवर्गीय ने डेरा डाला है, तब से अमरवाड़ा के एक कांग्रेस विधायक, छिंदवाड़ा नगर निगम के महापौर सहित करीब 5000 कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बीजेपी ज्वाइन करवाया गया है. इसके बाद अब कमलनाथ इसे धन बल बाहुबल और डराने धमकाने की राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने छिंदवाड़ा में चुनाव प्रचार के दौरान कहा कि 'अब लोग कमलनाथ के बहकावे में नहीं आ रहे हैं. वे मोदी की गारंटी पर भरोसा कर रहे हैं. इसलिए भाजपा के साथ लगातार आने का दौर जारी है और कमलनाथ अब सभाओं में रोकर और गिड़गिड़ा कर वोट मांग रहे हैं.'