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मोहम्मद इस्लाम 35 सालों से कर रहे रामचरित मानस पाठ, बोले- रामलला के दर्शन के लिए जाने की है इच्छा

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 21, 2024, 12:35 PM IST

Updated : Jan 21, 2024, 12:44 PM IST

मिर्जापुर के मोहम्मद इस्लाम कई वर्षों से रामचरित मानस पाठ (Mohammad Islam Ramcharit Manas) करते चले आ रहे हैं. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर वह भी काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं.

Eरामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर मिर्जापुर के मोहम्मद इस्लाम भी काफी उत्साहित हैं.
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर मिर्जापुर के मोहम्मद इस्लाम भी काफी उत्साहित हैं.

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर मिर्जापुर के मोहम्मद इस्लाम भी काफी उत्साहित हैं.

मिर्जापुर : अयोध्या में 22 जनवरी को होने जा रही रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जिले के मोहम्मद इस्लाम भी काफी उत्साहित हैं. उनकी तमन्ना है कि वह रामलला के दर्शन के लिए जाएं. मोहम्मद इस्लाम 35 सालों से रामचरित मानस पाठ करते चले आ रहे हैं. इतना ही नहीं वह रामलीला मंचन में भी हिस्सा लेते हैं. वह व्यास व्यास गद्दी संभालते हैं. भाईचारे के प्रतीक मोहम्मद इस्लाम को लोग यूपी ही नहीं मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और महाराष्ट्र आदि प्रदेशों में भी पाठ के लिए बुलाते हैं.

ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर खुशी जताई. कहा कि यह काम तो काफी पहले हो जाना चाहिए था. मिर्जापुर के पहाड़ी ब्लाक के धर्मदेवा गांव के रहने वाले मोहम्मद इस्लाम इस ऐतिहासिक पल को लेकर काफी उत्साहित हैं. वह 35 सालों से रामचरित मानस का पाठ कर रहे हैं. रामलीला मंचन में व्यास गद्दी का भूमिका निभाते हैं. किसी भी हिंदू के घर से बुलावा आने पर वह अपनी टोली के साथ पाठ करने के लिए निकल पड़ते हैं. वह देश के कई राज्यों में पाठ करने जाते रहते हैं. रामचरित मानस पाठ उन्हें पूरी तरह से याद हो चुका है.

ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने बताया कि मेरी भी तमन्ना है कि मैं भी भगवान रामलला के दर्शन के लिए जाऊं. यह सब भगवान की कृपा से होता है. भगवान की कृपा से ही मंदिर बन रहा है. प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या जाकर भगवान के दर्शन करेंगे. वह बताते हैं कि भगवान एक हैं. धर्म और मजहब कभी इंसानियत के रास्ते में नहीं आने चाहिए. वह बताते हैं कि बचपन में वह गांव के साथियों के साथ सुंदरकांड का पाठ करने घर-घर जाते थे. इसके उनका मन पाठ में ऐसा रम गया कि वह लगातार पाठ करने लगे. रामलीला में मानस का पाठ करने के लिए उन्हें व्यास की भूमिका मिलने लगी.

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Last Updated : Jan 21, 2024, 12:44 PM IST
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